सदन में दिखाई दे गया है भाजपा का पिछड़ी जाति विरोधी चेहरा-रामगोविंद
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को पिछड़ी जाति विरोधी बताते हुए कहा है कि भाजपा सदन के बाहर पिछड़ा और दलित प्रेम दिखाने का नाटक करती है। लेकिन अपनी कारगुजारी से सदन के भीतर इन जातियों का विरोध में करती है। भाजपा का पिछड़ों और दलितों से कोई नाता नहीं है। यह बात आज सदन के भीतर साफ तौर से दिखाई दे गई है। भाजपा ने संविधान, नियम और संसदीय परंपराओं को तांक पर रखते हुए समाजवादी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी नरेंद्र सिंह वर्मा को विधानसभा में उपाध्यक्ष नहीं बनने दिया है क्योंकि वह कुर्मी जाति के पिछड़ी जाति के प्रत्याशी थे।
सोमवार को उत्तर प्रदेश विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी ने भाजपा को पिछड़ी जाति विरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सदन के बाहर पिछड़ा और दलित प्रेम दिखाने का नाटक करती है और कार्य इनके विरोध में करती है। इस पार्टी का पिछड़ों और दलितों से कोई नाता नहीं है। आज सदन में भाजपा ने संविधान, नियम, संसदीय परम्पराओं को तांक पर रखकर समाजवादी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी नरेन्द्र सिंह वर्मा को उपाध्यक्ष नहीं बनने दिया, क्योंकि वह कुर्मी जाति के पिछड़ी जाति के प्रत्याशी थे, अब तक यह संसदीय परम्परा रही है कि सबसे बड़े विपक्षी दल द्वारा जिसका नाम तय किया जाता था, उसे सर्वसम्मति से उपाध्यक्ष नियुक्त किया जाता रहा है, इसी तरह सत्ता पक्ष जो नाम तय करता था, उसे सर्वसम्मति से अध्यक्ष पद पर आसीन किया जाता रहा है। इस परम्परा का निर्वहन समाजवादी पार्टी सदैव करती आ रही है। समाजवादी पार्टी इस गरिमामयी संसदीय पद पर पिछड़ी जाति के सदस्य को आसीन करना चाहती थी। इसीलिए नरेन्द्र सिंह वर्मा का नामांकन सर्वप्रथम कराया था और संसदीय परम्परा अनुसार इन्हें उपाध्यक्ष बनाये जाने का सदन में अनुरोध भी किया। परन्तु भाजपा ने नितिन अग्रवाल का नामांकन कराकर संख्या बल के आधार पर उपाध्यक्ष घोषित कर दिया है। यह पूर्णतः अनैतिक है। भाजपा सरकार जब से आयी है , तब से संविधान, नियम - कानून, संसदीय परम्पराओं का कोई मूल्य नहीं रह गया है। भाजपा जनता द्वारा प्रबल समर्थन का दुरूपयोग कर रही है और संख्या बल के घमंड में मनमाना रवैया अपना रही है।