BJP के 32 विधायक नहीं लड़ सकेंगे विधानसभा का चुनाव-मचा हड़कंप

BJP के 32 विधायक नहीं लड़ सकेंगे विधानसभा का चुनाव-मचा हड़कंप

लखनऊ। एसोसिएट डेमोक्रेटिक रिफॉर्म अर्थात एडीआर की रिपोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मौजूदा 396 विधायकों में से 45 एमएलए के चुनाव लड़ने पर संशय उत्पन्न कर दिया है। सभी 45 विधायकों के ऊपर एमपी एमएलए कोर्ट में आरोप तय हो गए हैं। सभी एमएलए पर आरपी अधिनियम 1951 की धारा के अंतर्गत सूचीबद्ध किए गए अपराधों में यह आरोप तय हुए हैं। इन सभी मामलों में न्यूनतम 6 महीने की सजा होने पर अब यह 45 विधायक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एसोसिएट डेमोक्रेटिक रिफॉर्म की ओर से पहली बार जारी की गई रिपोर्ट इस लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही है कि सजा काटने और रिहाई के 6 साल बाद तक विधायक चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। हालांकि चुनाव लड़ने की पात्रता तय करने का अधिकार केंद्रीय चुनाव आयोग को दिया गया है। एडीआर के मुख्य समन्वयक डॉ संजय सिंह की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि इन 45 विधायकों में सबसे अधिक भारतीय जनता पार्टी के 32, समाजवादी पार्टी के 5, बहुजन समाज पार्टी और अपना दल के तीन-तीन तथा कांग्रेस एवं अन्य दल का एक-एक विधायक शामिल है। इन विधायकों के विरुद्ध आपराधिक मामले लंबित रहने की औसत संख्या 13 वर्ष है। 32 विधायकों के खिलाफ 10 या उससे अधिक समय से कुल 63 आपराधिक मामले लंबित हैं। इस सूची में टॉप पर मड़िहान विधानसभा से भाजपा विधायक रमाशंकर सिंह, दूसरे स्थान पर बहुजन समाज पार्टी के मऊ विधायक मुख्तार अंसारी तथा तीसरे स्थान पर धामपुर से भाजपा के विधायक अशोक कुमार राणा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू का नाम भी इस सूची में शामिल है।



Next Story
epmty
epmty
Top