गुजरात में फिर भाजपा की लहर

गुजरात में फिर भाजपा की लहर

नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में जब विधानसभा चुनाव की घोषणा की गयी थी तभी से गुजरात विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा का इंतजार किया जा रहाथा। इंतजार की घडियाँ खत्म हुईं। गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 का ऐलान हो गया है। गुजरात में दो चरणों एक और पांच दिसंबर को वोट डाले जाएंगे, जबकि रिजल्ट हिमाचल प्रदेश के साथ ही आठ दिसंबर को आएंगे। इस बीच टाइम्स नाउ नवभारत और ईटीजी का गुजरात को लेकर ओपीनियन पोल सामने आया है। इसमें गुजरात में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनती दिख रही है। ओपीनियन पोल में बीजेपी को 125-130 सीटें मिलती दिख रही हैं। वहीं कांग्रेस को 29 से 33 सीट मिलती दिख रही है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी को 20 से 24 सीटें मिल सकती हैं। वहीं अन्य के खाते में एक से तीन सीटें मिलने की संभावना जताई गई है।

गुजरात में विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों में एक और पांच दिसंबर को मतदान होगा, जबकि वोटों की गिनती हिमाचल प्रदेश के साथ ही आठ दिसंबर को होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने यह घोषणा की। गुजरात की कुल 182 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण में 89 सीटों पर और दूसरे चरण में 93 सीटों पर मतदान होगा। बीजेपी ने गुजरात में पिछले छह विधानसभा चुनावों में लगातार जीत दर्ज की है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 99 सीट जीती थीं जबकि कांग्रेस को 77 सीट मिली थीं। प्रतिशत के लिहाज से देखा जाए तो उस चुनाव में बीजेपी को 49.05 प्रतिशत मत मिले थे जबकि कांग्रेस को 42.97 प्रतिशत मत मिले थे। पिछले विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के कई विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे। इस वजह से विधानसभा में बीजेपी के सदस्यों की संख्या बढ़कर 111 हो गई थी जबकि कांग्रेस के सदस्यों की संख्या घटकर 62 पर पहुंच गई।

ओपीनियन पोल के अनुसार, गुजरात में भाजपा लगातार क्यों जीत रही? इसके बारे में बताया गया है। पोल के अनुसार, बीजेपी विकास के मॉडल पर 45 फीसदी वोट हासिल कर रही है। वहीं मजबूत संगठन के बलबूते बीजेपी को19 प्रतिशत वोट मिल रहे हैं। सर्वे में यह भी पता चला है कि गुजरात में कमजोर विपक्ष के कारण 27 फीसदी वोट बीजेपी को मिल रहे हैं।

सर्वे के अनुसार दलों को मिलने वाली सीटें-बीजेपी-125-130, कांग्रेस-25-33, आप-20-24, अन्य-2-4।
वोट प्रतिशत-बीजेपी-45 फीसद, कांग्रेस-21 फीसद, आप-29 फीसद, अन्य दलों को-5 फीसद।

गुजरात में इस बार के विधानसभा चुनाव में दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी भी अपना दमखम दिखाने जा रही है। पंजाब विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब तक दर्जनों बार वहां का दौरा कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी पिछले कुछ समय से गुजरात और हिमाचल प्रदेश का दौरा करते रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में उन्होंने गुजरात में सैकड़ों करोड़ रुपयों की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया है दूसरी तरफ मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस अपने अध्यक्ष के चुनाव और राहुल गांधी की भारत जोडो यात्रा में ही उलझी रही। थोड़ी उम्मीद थी उस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शिवराज पाटिल ने पानी फेर दिया। शिवराज पाटिल ने लगभग उसी तरह से कांग्रेस को पलीता लगाया है जैसे 2017 के विधानसभा चुनाव के समय मणिशंकर अय्यर ने मोदी को लेकर बयान दिया था। मणिशंकर अय्यर ने कहा था कि चाय बेचने वाला भारत का प्रधानमंत्री नहीं हो सकता। उस समय राहुल गांधी और उनसे जुड़े हार्दिक पटेल व जिगनेश मेवानी जैसे युवाओं की मेहनत पर पानी फिर गया था।

इसी तरह का काम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने किया। उन्होंने कुछ ऐसी टिप्पणी कर दी, जिस पर विवाद हो सकता है। शिवराज पाटिल दिल्ली में एक किताब के विमोचन के कार्यक्रम में शामिल हुए। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इस दौरान उन्होंने भगवद गीता को लेकर कुछ ऐसा कह दिया, जिसे लेकर वे निशाने पर आ गये। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि जिहाद की अवधारणा न केवल इस्लाम में बल्कि भगवद गीता और ईसाई धर्म में भी है। भाजपा ने पाटिल की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा और उस पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया। कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहसिना किदवई की जीवनी के विमोचन पर बोलते हुए पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री पाटिल ने कहा कि इस्लाम धर्म में जिहाद की बहुत चर्चा है। उन्होंने कहा कि यह अवधारणा तब सामने आती है जब सही इरादे और सही काम करने के बावजूद कोई नहीं समझता, तब कहा जाता है कि कोई बल प्रयोग कर सकता है। उन्होंने अपनी टिप्पणी में दावा किया कि सिर्फ कुरान में ही नहीं, महाभारत में भी गीता के हिस्से में श्री कृष्ण भी अर्जुन से जिहाद की बात करते हैं और यह बात सिर्फ कुरान या गीता में नहीं बल्कि ईसाई धर्म में भी है। उन्होंने कहा कि अगर सब कुछ समझाने के बाद भी लोग समझ नहीं रहे हैं, हथियार लेकर आ रहे हैं तो आप भाग नहीं सकते, आप इसे जिहाद नहीं कह सकते और आप इसे गलत नहीं कह सकते। इसे समझना चाहिए। हाथ में हथियार के साथ लोगों को समझाने की यह अवधारणा नहीं होनी चाहिए। पाटिल ने आगे कहा कि मोहसिना किदवई की किताब भी अपने धर्म का पालन करते हुए सभी धर्मों का सम्मान करने की बात करती है। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया में शांति की जरूरत है। बहरहाल उनके इस नये दर्शन से शांति तो नहीं आयी कांग्रेस के लिए एक मुसीबत बढ गयी। साम्प्रदायिक तुश्टीकरण के आरोप से उबर रही कांग्रेस को पाटिल ने फिर से मुस्लिमपरस्त साबित कर दिया।

उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल बीते सितम्बर में गुजरात यात्रा के दौरान 29 हजार करोड़ रुपये की लागत की विभिन्न ढांचागत व विकास संबंधी परियोजनाओं का उद्घाटन और आधारशिला रखी थी। इन परियोजनाओं में भावनगर में दुनिया के पहले सीएनजी (प्राकृतिक गैस) टर्मिनल, अहमदाबाद में मेट्रो चरण-1 और सूरत में डायमंड रिसर्च एंड मर्केंटाइल (ड्रीम) सिटी के पहले चरण की शुरुआत की गयी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 19 और 20 अक्टूबर को भी गुजरात के दौरे पर थे। इस दौरान पीएम ने राज्य में करीब 15 हजार 670 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। पीएम मोदी 19 अक्टूबर को डिफेन्स एक्सपो 2022 का भी उद्घाटन किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने इंडिया पवेलियन में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा डिजाइन किए गए स्वदेशी ट्रेनर विमान एचटीटी-40 का अनावरण किया। साथ ही प्रधानमंत्री उद्योग और स्टार्टअप के माध्यम से अंतरिक्ष क्षेत्र में रक्षा बलों के लिए अभिनव समाधान विकसित करने के लिए मिशन डेफस्पेस लॉन्च किया था। प्रधानमंत्री ने गुजरात में दीसा हवाई क्षेत्र की आधारशिला भी रखी थी। प्रधानमंत्री मोदी ने जूनागढ़ में करीब 3580 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी थी। साथ ही राजकोट को 5 हजार 860 करोड़ की सौगात दी। सार्वजनिक समारोह के दौरान प्रधानमंत्री लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत बने 1100 से अधिक घरों का लोकार्पण भी किया।

इसी प्रकार के कुछ कारण हैं जिनके चलते सर्वे में फिर से भाजपा की सरकार बनते दिख रही है। (हिफी)

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