दीदी के गढ़ पर BJP के अध्यक्ष ने बोल दिया है धावा
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अगले साल अर्थात 2021 में होने वाले विधानसभा चुनावों में सबसे हाट टार्गेट पश्चिम बंगाल को बनाया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (जेपी नड्डा) ने सीधे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के गढ़ पर धाबा बोल दिया है। जेपी नड्डा 9 दिसंबर को दो दिवसीय दौरे पर कोलकाता पहुंचे। यहां पर उनका मुख्य कार्यक्रम भाजपा कार्यालय का उद्घाटन करना था लेकिन उन्होंने जिस तरह डोर टु डोर कैम्पेन चला कर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के गढ़ भवानीपुर पर धावा बोला, उससे यही लगा कि वे सीधे ममता बनर्जी और उनके भतीजे सांसद अभिषेक बनर्जी को चुनौती दे रहे हैं। अगले दिन नड्डा ने ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के गढ़ डायमंड हार्बर पर धावा बोला। दोनों क्षेत्रों में भाजपा के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने वातावरण को भगवामय बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। भवानीपुर विधान सभा क्षेत्र से ममता बनर्जी प्रतिनिधित्व कर रही हैं जबकि डायमंड हार्बर लोकसभा क्षेत्र से उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी सांसद हैं।
भाजपा ने पहले से ही पश्चिम बंगाल में आर नोई अन्याय अर्थात अब कोई अन्याय नहीं अभियान शुरू किया है। इस अभियान का उद्देश्य वैसे तो लोगों से सम्पर्क साधना है जो कथित रूप से कई वर्षों से तृणमूल कांग्रेस सरकार के दौरान जुल्म का शिकार हुआ हैं। जेपी नड्डा इसी अभियान को भवानीपुर क्षेत्र में ले जाएंगे। यह तो स्वाभाविक है कि कोई भी नेता अपने क्षेत्र की जनता के सारे दुख दर्द दूर नहीं कर सकता। कोई न कोई शिकायता तो रहती ही है। भवानीपुर में भी कितने ही लोग ऐसे हैं जो ममता बनर्जी की सरकार से नाराज चल रहे हैं। भवानीपुर क्षेत्र में भाजपा के नेता समिक भट्टाचार्य हैं। जेपी नड्डा को पार्टी के नौ कार्यालयों का उद्घाटन करना था। सबसे पहले उन्होंने भवानीपुर में भाजपा कार्यालय का उद्घाटन किया। नड्डा गिरीश मुखर्जी रोड जाकर आर नोई अन्याय कार्यक्रम में शामिल हुए। इसके बाद वह कालीघाट मंदिर में दर्शन करने पहुंचे। इस बीच जगह-जगह ढोल-नगाड़ों व शंख घ्वनि से उनका स्वागत किया गया। शंख ध्वनि बंगाल के लिए कितनी पवित्र और शुभ मानी जाती है, यह बताने की जरूरत नहीं है।
भाजपा जेपी नड्डा के नेतृत्व में भवानीपुर और डायमंड हार्बर क्षेत्र में चार महीने तक आक्रामक अभियान चलाने की रणनीति बना रही है। दो दिन में दौरे में नड्डा ने राज्य की राजनीति को परखा है। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाया और रणनीति तैयार की है। भवानीपुर में पार्टी कार्यालय में नड्डा ने कार्यकर्ता बैठक भी की। भाजपा पश्चिम बंगाल में सत्ता छीनने के साथ वहां की नेता ममता बनर्जी को भी उनके क्षेत्र में ही पराजित करने की रणनीति पर काम कर रही है। भाजपा 2014 के लोक सभा चुनाव में भवानीपुर क्षेत्र में टी एम सी प्रत्याशी से 185 वोटों से आगे रही थी। हालांकि 2019 में भाजपा को इसी क्षेत्र में 3168 मतों से पिछड़ना भी पड़ा था। ममता बनर्जी ने 2016 के विधान सभा चुनाव में भवानी पुर सीट पर 25 हजार वोटों की जीत हासिल की थी। भाजपा यहां दूसरे स्थान पर भी नहीं रही थी। टीएमसी की मुख्य प्रतिद्वन्द्वी कांग्रेस प्रत्याशी दीपा दास मुंशी थीं।
मतदाताओं की दृष्टि से देखें तो भवानीपुर क्षेत्र में 45 हजार मुसलमान मतदाता हैं। इसके अलावा 90 हजार बंगाली वोटर हैं। गैर बंगाली वोटर 50 हजार बताये जाते हैं। भाजपा 2021 के चुनाव में इसी समीकरण को ध्यान में रखकर काम कर रही है। ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की संसदीय सीट डायमंड हार्बर पर भी भाजपा इसी प्रकार की रणनीति बना रही है। इस लोकसभा क्षेत्र में विधान सभा की सात सीटें आती हैं। इन सभी सीटों पर मुस्लिम आबादी ज्यादा है। भाजपा 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां के सातों विधानसभा क्षेत्रों में पीछे रही थी। भाजपा यहां पर तीन- चार विधान सभा सीटें भी निकाल ले गयी तो यह तृणमूल कांग्रेस को करारा जवाब होगा। नड्डा का प्रयास होगा कि अभिषेक बनर्जी से नाराज लोगों को अपने साथ जोड़ें, साथ ही यहां के हिन्दू वोटों को पूरी तरह भाजपा के पक्ष में कर लें। हालांकि यह भी संभव नहीं है। हां, टीएमसी में सुबेन्दु अधिकारी के बाद राजीव बनर्जी ने भी बगावती तेवर अपनाया है, जो भाजपा के पक्ष में जा सकता है।
भाजपा को 2016 के विधान सभा चुनाव में सिर्फ 3 विधायक किले थे लेकिन 2019 के लोक सभा चुनाव में भाजपा को 16 सांसद मिले हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार राज्य में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) या राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) को लागू नहीं करेगी। बनर्जी ने कहा कि राज्य के सभी निवासी देश के नागरिक हैं और इसे कोई बदल नहीं सकता। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का इस्तेमाल कर भेदभाव की राजनीति करने का आरोप लगाया।
यहां उत्तर चौबीस परगना जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा, "मैं एक मुख्यमंत्री के तौर पर कहती हूं कि आप सभी नागरिक हैं और इसे कोई बदल नहीं सकता। हम एनआरसी या एनपीआर को लागू नहीं करेंगे।" उन्होंने दावा किया कि यह भाजपा द्वारा लोगों को राज्य से बाहर करने की साजिश है। भाजपा महासचिव और पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने गत सप्ताह कहा था कि अगले साल जनवरी से सीएए लागू किया जा सकता है क्योंकि केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल में बड़े स्तर पर शरणार्थी आबादी को नागरिकता देने के पक्ष में है। उत्तर चौबीस परगना जिले और नदिया जिले में कई विधानसभा क्षेत्रों पर पकड़ रखने वाले मतुआ समुदाय को लुभाने का प्रयास करते हुए बनर्जी ने कहा कि इस समुदाय के विकास के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "हम बंगाल को गुजरात नहीं बनने देंगे।"
ममता बनर्जी ने दावा किया कि भाजपा ने भेदभाव की राजनीति कर के देश को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के हित के विरुद्ध तीन कृषि कानून लाए हैं जिससे कॉरपोरेट घराने अपनी इच्छानुसार किसानों की उपज ले जा सकेंगे। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार ने आलू, प्याज और अन्य जरूरी खाद्य सामग्री को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटा दिया और जमाखोरी को बढ़ावा दिया है जिससे चीजों की कीमत में वृद्धि हो रही है। (हिफी)