BJP ने लगाए थे सौ करोड़ की हेराफेरी के आरोप- वही मुश्रीफ अब बने मंत्री
नई दिल्ली। समय जब करवट लेता है तो दागी इंसान भी एरियल में धुला और पूरी तरह से बेदाग हुआ दिखाई देने लगता है और राजनीति में कभी एक दूसरे को फूटी आंख नहीं देखने वाले सत्ता के चक्कर में एक दूसरे के साथ गलबहियां करने लगते हैं। राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार में एनसीपी के जिस एमएलए को आज मंत्री बनाया गया है उसी एमएलए के ऊपर बीजेपी की ओर से सहकारी चीनी मिल की खरीद में कथित अनियमितताएं बरतते हुए 100 करोड़ की हेराफेरी के आरोप लगाए गए थे।
रविवार को महाराष्ट्र के भीतर तेजी के साथ घटे सियासी घटनाक्रम के अंतर्गत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार की अगुवाई में पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह करने वाले एमएलए हसन मुश्रीफ की किस्मत विद्रोह के उजाले में चमक गई है। राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल किये गये जिन हसन मुश्रीफ को आज राज्य का कददावर मंत्री बनाया गया है उनके खिलाफ 11 जनवरी को कोल्हापुर एवं पुणे में उनके रिश्तेदारों एवं सहयोगियों के खिलाफ छापामार कार्यवाही को अंजाम दिया गया था।
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से की गई यह छापामार कार्यवाही कोल्हापुर की एक सहकारी चीनी मिल की खरीद में कथित अनियमितताएं बरते जाने के संबंध में अंजाम दी गई थी। भारतीय जनता पार्टी के नेता किरीट सोमैया की ओर से मुश्रीफ के ऊपर 100 करोड़ के घोटाले के आरोपों के बाद प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक एवं मौजूदा मंत्री हसन मुश्रीफ के कोल्हापुर के कागज स्थित घर पर पहुंचकर तकरीबन साढे 9 घंटे तक तलाशी अभियान चलाया था।
इस दौरान मुश्रीफ की पत्नी और बेटा घर पर मौजूद थे। छापे के दौरान ईडी के अफसर मुश्रीफ के घर से एक प्रिंटर भी अपने साथ ले गए थे। ईडी द्वारा चीनी मिल घोटाले और जिला सहकारी बैंक से संबंधित कुछ अन्य कागजात भी मुश्रीफ के घर से उस समय बरामद किए गए थे।