बीजेपी और सपा की हार जीत के दांव पर लगा इतने बीघा खेत-हुई लिखा पढ़ी

बीजेपी और सपा की हार जीत के दांव पर लगा इतने बीघा खेत-हुई लिखा पढ़ी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 18 वीं विधानसभा के गठन के लिए हो रहे चुनाव के मतगणना के परिणामों को लेकर मतदाताओं के बीच भारी जिज्ञासा बनी हुई है। उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर के लोग यूपी विधानसभा के चुनाव परिणामों को लेकर अपनी निगाह जमाए हुए बैठे हैं। इसी बीच विधानसभा चुनाव के मैदान में एक दूसरे के सामने डटी भाजपा और सपा की जीत को लेकर समर्थकों की ओर से दांव भी लगाये जाने लगे हैं। बदायूं में दो पक्षों के बीच भाजपा और सपा की हार जीत को लेकर खेती की जमीन दांव पर लगाई गई है। इसके लिए बाकायदा गवाहों के समक्ष लिखा पढ़ी करते हुए एक दूसरे को इसकी प्रतियां भी दी गई है।

दरअसल देश के 5 राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव की मतगणना 10 मार्च को होने जा रही है। 7 मार्च को उत्तर प्रदेश में अंतिम और सातवें चरण के मतदान के संपन्न होते ही देश की विभिन्न सर्वे एजेंसियों की ओर से अपने एग्जिट पोल के नतीजे भी घोषित कर दिए गए हैं, जिसके चलते उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से बीजेपी की सरकार आने की संभावनाएं जताई गई हैं। लेकिन कुछ लोग एग्जिट पोल के नतीजों पर विश्वास व्यक्त नहीं करते हुए अपनी निगाहों में किसी अन्य दल की सरकार बनते हुए देख रहे हैं। इसी बात को लेकर बदायूं में शेर अली शाह पुत्र अख्तर तथा विजय सिंह पुत्र उदयवीर सिंह के बीच भाजपा और समाजवादी पार्टी की जीत को लेकर शर्त लगाई गई है। हार-जीत को लेकर लगी शर्त पर दोनों तरफ से 4 बीघा खेती की जमीन दांव पर लगाई गई है। दोनों के बीच हुई शर्त के मुताबिक यदि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनती है तो शेर अली शाह का 4 बीघा खेत पूरे 1 साल तक विजय सिंह पुत्र उदय वीर सिंह जोतेंगे, यानी शेर अली शाह की 4 बीघा जमीन पर विजय सिंह खेती करेंगे और उससे जो भी आए प्राप्त होगी वह उनके पास ही रहेगी। लेकिन यदि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी सत्तारूढ़ होती है तो विजय सिंह अपना 4 बीघे का खेत शेर अली शाह को दे देंगे। वह भी निर्धारित हुई शर्त के मुताबिक उक्त जमीन में 1 साल तक खेती-बाड़ी करते हुए उगाई गई फसल से प्राप्त हुई राशि को अपने पास रखेंगे।

दोनों पक्षों के बीच इसके लिए बाकायदा गवाहों के समक्ष लिखा पढ़ी की गई है और शर्त की तहरीर पर गवाहों ने भी अपने दस्तखत किए हैं। दोनों पक्षों को शर्त की लिखा पढी की एक एक प्रतियां भी दी गई है। सोशल मीडिया पर भाजपा और सपा की हार जीत को लेकर लगाई गई इस शर्त की लिखा पढ़ी का दस्तावेज जमकर वायरल हो रहा है।

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