बिहार को यूपी के बाद सर्वाधिक केंद्रीय सहायता, कोई भेदभाव नहीं- सुशील

बिहार को यूपी के बाद सर्वाधिक केंद्रीय सहायता, कोई भेदभाव नहीं- सुशील

पटना। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं की शेष बची सहायती राशि पर ब्याज के 4000 करोड़ रुपये केंद्र को लौटाने में बिहार सरकार ने पांच महीने से ज्यादा देर की, इसलिए उसे नये वित्तीय वर्ष के लिए सहायता पाने में कठिनाई हुई लेकिन वित्तीय प्रबंधन की अपनी विफलता को छुपाने के लिए सरकार भेद-भाव का आरोप लगती है।

PM मोदी ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि उत्तर प्रदेश के बाद सबसे अधिक केंद्रीय सहायता बिहार को मिलती है, इसलिए भेदभाव का कोई प्रश्न ही नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि भेदभाव होता तो केंद्रीय करों की हिस्सेदारी के रूप में राज्य को 42000 करोड़ रुपये कैसे मिल गए।

भाजपा सांसद ने कहा कि पूर्ण मद्यनिषेध लागू होने से बिहार को सालाना 7000 करोड़ रुपये की राजस्व हानि उठानी पड़ रही है, लेकिन सरकार इसकी भरपायी का कोई प्रबंध नहीं कर पायी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय योजनाओं के लिए दी गई सहायता राशि के उपयोग पर नजर रखने के लिए सिंगल नोडल अकाउंट की व्यवस्था सभी राज्यों के लिए लागू है, केवल बिहार के लिए नहीं।

PM मोदी ने कहा कि केंद्रीय सहायता की जो राशि खर्च नहीं हो पायी, उस पर ब्याज की राशि केंद्र को चुकाये बिना अगले वित्तीय वर्ष की सहायता राशि नहीं मिलती। यह शर्त भाजपा शासित राज्यों पर भी लागू है। इसमें कोई भेदभाव नहीं।

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