बोली सोनिया गांधी-कोरोना संकट में सिस्टम नहीं सरकार हुई फेल
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की महामारी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि देश की प्रणाली नहीं, बल्कि सरकार फेल हुई है। क्योंकि भारत के पास कोरोना संक्रमण की महामारी से निपटने के लिए कई ताकत और संसाधन है।
शुक्रवार को कांग्रेस संसदीय दल की वर्चुअल बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि मोदी सरकार देश के उन संसाधनों को रचनात्मक रूप से प्रसारित करने में विफल रही है जो हमारे देश के पास पहले से ही मौजूद है। हाल ही में 4 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव की मतगणना के परिणामों पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति चुनाव परिणामों का विश्लेषण करेगी। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्रों का जिक्र करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि हालातों को देखकर ऐसा लग रहा है कि विपक्ष की ओर से की गई सभी उपयोगी पहल बहरे कानों पर गिरी है। क्योंकि सरकार ने भेजे गये उन पत्रों पर अपनी कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है। सरकार कह रही है कि यह सरकार बनाम हमकी लड़ाई नहीं है बल्कि हम बनाम व कोरोना के बीच की लड़ाई है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेसी सरकार से स्थाई समितियों की बैठकों की मांग करती रही है। इस संकट से निपटने में सक्षम, शांत और दूरदर्शी नेतृत्व की आवश्यकता होती है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार की उदासीनता और अक्षमता की वजह से समूचा राष्ट्र डूब रहा है। यह हमारे लिए खुद को इकट्ठा करने और अपने लोगों की सेवा में फिर से समर्पित होने का समय है। सोनिया गांधी ने सरकार की त्रुटिपूर्ण नीति के लिए कहा कि 2021 के बजट में सभी के लिए निशुल्क टीके के लिए 35000 करोड रुपए आवंटित करने के बावजूद मोदी सरकार ने तीसरे चरण में कोरोना वैक्सीन के टीके की खरीद के लिए राज्य सरकारों को भारी दबाव में रखा है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार की असमान टीकाकरण नीति लाखों दलितों, आदिवासियों, अन्य पिछड़े वर्गों के साथ-साथ गरीबों और हाशिए पर रहने वालों को पात्रता से बाहर कर देगी।