भाजपा विधायकों के जोरदार हंगामे के बीच प्रश्नकाल चलाने की कोशिश
रांची। झारखंड विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही के तीसरे दिन मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों के जोरदार हंगामे के बीच प्रश्नकाल चलाने की कोशिश हुई।
पूर्वाह्न 11 बजे विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही भाजपा के भानु प्रताप शाही ने स्थानीय नीति को लेकर कार्य स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग की । वहीं, भाजपा के ही मनीष जायसवाल ने राज्य में बढ़ती बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कारण पिछली सरकार में गठित नियोजन नीति में संशोधन करने की बजाय हेमंत सोरेन सरकार द्वारा इसे रद्द दिया गया। उन्होंने राज्य सरकार के इस निर्णय को युवाओं के अधिकार का हनन बताया। भाजपा के ही अनंत ओझा ने 14वें वित्त आयोग के तहत कार्यरत संविदा कर्मी समेत अन्य विभागों में कार्यरत अनुबंध कर्मियों की सेवा समायोजन और सेवा स्थायीकरण की मांग को लेकर कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया।
विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो ने इन सभी कार्य स्थगन प्रस्ताव को अमान्य कर दिया जिसके बाद भाजपा विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। भाजपा सदस्यों के हंगामे के बीच अल्पसूचित और तारांकित प्रश्न पर सरकार की ओर से जवाब भी दिया गया लेकिन शोरगुल के कारण इसे सुना नहीं जा सका। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण विधानसभा अध्यक्ष ने पूर्वाह्न 11.30 बजे तक सदन की कार्रवाई को दोपहर 12:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
इससे पहले भाजपा विधायकों के हंगामे के बीच ही विधायक सरयू राय ने सेंचुरी के संरक्षण का मामला उठाया। इस पर प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर के जवाब पर उन्होंने असंतोष व्यक्त किया। विधायक प्रदीप यादव ने शिक्षकों के लंबित प्रोन्नति का मामला उठाया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) विधायक कमलेश कुमार सिंह के एक प्रश्न पर सरकार की ओर से जवाब दिया गया। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने तारांकित प्रश्न लेना शुरू किया। पहला प्रश्न भाजपा विधायक सीपी सिंह को पूछना था। सीपी सिंह ने कहा कि इस निकम्मी सरकार से सही जवाब की उम्मीद नहीं की जा सकती, इसलिए वे प्रश्न नहीं करना चाहते है।
भाजपा के ही अनंत ओझा ने भी अपने प्रश्न पूछने के बजाय नियोजन नीति पर चर्चा की मांग की। वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) जेएमएम के समीर मोहंती के सवाल को अगले दिन के लिए स्थगित कर दिया गया, जबकि पाटभ्र् के ही दिनेश विलियम्स मरांडी के एक प्रश्न के जवाब में नवनियुक्त खेलमंत्री ने सरकार की ओर से जवाब दिया। इस बीच हंगामा बढ़ता देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 12:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।