ऊंटवाल की शिथिल कार्यशैली से अनिल की लग सकती है लाटरी
मुजफ्फरनगर। जनपद की पुरकाजी विधानसभा सीट पर चुनाव रोचक बना हुआ है। सपा रालोद गठबंधन एवं भाजपा के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है लेकिन कांग्रेस और आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी भी अपनी जान झोंक रहे हैं। मगर वर्तमान में भाजपा विधायक एवं प्रत्याशी प्रमोद ऊंटवाल की शिथिल कार्यशैली को लेकर जिस तरह से पुरकाजी विधानसभा के लोग नाराज हैं। उससे अनिल कुमार की लाटरी लग सकती है।
गौरतलब है कि पुरकाजी विधानसभा 2012 में वजूद में आई तो बसपा के टिकट पर अनिल कुमार ने जीत हासिल की थी। 2017 में इस विधानसभा सीट पर भाजपा के प्रमोद ऊंटवाल, सपा कांग्रेस गठबंधन के दीपक कुमार और बसपा के अनिल कुमार के बीच त्रिकोणीय मुकाबला बना हुआ था। इसमें मुस्लिम मतों के बंटवारे के चलते भाजपा के प्रमोद ऊंटवाल ने जीत दर्ज की थी।
2022 का इलेक्शन आते-आते पुरकाजी क्षेत्र में भाजपा विधायक प्रमोद ऊंटवाल की शिथिल कार्यशैली को लेकर जनता ने सवाल उठाने शुरू कर दिए थे। इसी कारण कई जगह उनका विरोध भी हुआ। वर्तमान में प्रमोद ऊंटवाल के सामने बदले समीकरण के चलते सपा रालोद गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में पूर्व विधायक अनिल कुमार मैदान में है तो कांग्रेस के टिकट पर दीपक कुमार एंव आजाद समाज पार्टी के कैंडिडेट के रूप में पूर्व मंत्री उमाकिरण भी मैदान में है। पिछली बार सपा से गठबंधन के कारण मुस्लिम मतों का एक बड़ा हिस्सा कांग्रेस प्रत्याशी दीपक कुमार के पाले में चला गया था लेकिन इस बार परिस्थिति बदली है। इस बार कांग्रेस अकेली लड़ रही है जिस कारण दीपक कुमार इस बार काफी कमजोर दिखाई पड़ रहे हैं। वहीं चुनाव में इस बार समाजवादी पार्टी के मुस्लिम एंव रालोद के परंपरागत जाट मतों के अपने सजातीय दलित वोटरों के साथ-साथ अपनी सक्रिय कार्यशैली के कारण लगभग सभी जातियों के वोट अपने पाले में करते दिखाई पड़ रहे हैं। पुरकाजी विधानसभा सीट पर वर्तमान विधायक प्रमोद ऊंटवाल की शिथिल कार्यशैली के कारण इस बार सपा रालोद गठबंधन के अनिल कुमार की लाटरी लग सकती है। अगर प्रमोद ऊंटवाल जीतते है तो उसमें भाजपा की बडी टीम और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मजबूत शासक के रूप में बनी पहचान ही अपनी भूमिका निभा सकती है।