कांग्रेस को आंख दिखाने वाले अखिलेश के ओंधे मुंह गिरे कैंडिडेट जमानत...
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपने लिए अधिक सीट मांगते हुए कांग्रेस को आंख दिखाने वाले अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी का बुरा हाल हुआ है। वाटरलू साबित हुए चुनाव परिणामों में समाजवादी पार्टी के 50 से भी ज्यादा उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा सके हैं। साइकिल में ऐसा पंचर हुआ कि समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट नोटा से भी आगे नहीं जा सके हैं।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय राजनीति में पैर जमाने के लिए मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को हेगडी दिखाते हुए खूब आंख दिखाई और डिमांड के मुताबिक सीट नहीं मिलने पर अपने कैंडिडेट उतार कर उनके लिए खूब मेहनत की और ताबड़तोड़ रैलिया करते हुए अपना वजूद साबित करने का प्रयास किया।
लेकिन रविवार को आए चुनाव परिणाम समाजवादी पार्टी के लिए वाटरलू साबित हुए हैं। हालात ऐसे बने हैं कि वोटो के मामले में पंचर हुई साइकिल राज्य के भीतर अपना खाता भी नहीं खोल सकी है और वोट शेयर के हिसाब से भी समाजवादी पार्टी बुरी तरह से हाफ गई है।
समाजवादी पार्टी को इस चुनाव में केवल 0.46 फ़ीसदी मतदाताओं का ही विश्वास हासिल हो सका है। समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों से ज्यादा तो नोटा का बटन ही वोट ले गया है। अखिलेश यादव के वर्ष 2017 में समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद से समाजवादी पार्टी को उत्तर प्रदेश और इसके बाद कई राज्यों में चुनावी हार का सामना करना पड़ा है।