संवैधानिक अधिकारों के दमन पर तुली है योगी सरकार: अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार सत्ता की मदहोशी में संवैधानिक अधिकारों के दमन पर तुल गई है।
अखिलेश यादव ने यहां जारी बयान में कहा कि भाजपा सरकार ने आज पूर्व सांसद सीएन सिंह के घर शोक संवेदना प्रकट करने जा रहे सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल समेत अन्य नेताओं को रायबरेली में गिरफ्तार कर अपनी सत्ता की धमक दिखाई है। महोली, सीतापुर में मृृतक कमलेश मिश्रा के घर सांत्वना देने जा रहे विधायक मनोज पाण्डेय को भी नहीं जाने दिया गया। भाजपा सरकार और पुलिस पूरी तरह अमानवीय और संवेदन शून्य हो गई है। उन्होने सवाल किया कि किस अधिकार से अब किसी के दुःख में भी वह किसी को शरीक नहीं होने देगी।
अखिलेश यादव ने कहा कि मानवाधिकारों से भाजपा को चिढ़ है। एक ओर विशेष सुरक्षाबल 2020 के जरिए प्रदेश में ठोक दो संस्कृृति के तहत अब जिसे चाहे, जहां चाहे उठा लें, ना वारंट, ना बेल, ना सबूत और नहीं सुनवाई। जिस पर मुख्यमंत्री की निगाह टेढ़ी हुई, उसकी शामत आना तय है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रतापगढ़ में सपा जिलाध्यक्ष पर फर्जी आरोप लगाकर जेल भेजा गया। यह बदले की कार्यवाही है। सरधना नगर पालिका परिषद की चेयरपर्सन के पति एवं पुत्र पर झूठा एससी/एसटी एक्ट का मुकदमा लगाया गया जबकि सफाई कर्मचारी संघ का कहना है कि मुकदमा फर्जी है। मुख्यमंत्री के आदेश पर यह सब हो रहा है। आखिर कब तक वे सुलगते सवालों का जवाब देने से कतरायेंगे।
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी नेताओं का प्रतापगढ़ जाने का कार्यक्रम पूर्व निर्धारित था। प्रदेश अध्यक्ष पटेल के बहुखंडी विधायक निवास स्थित आवास के बाहर और गेट पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। जब वे बाहर निकले तो पुलिस दल ने उन्हें रोकने की कोशिश की। तभी एमएलसी सुनील यादव साजन भी वहां पहुंच गए। पुलिस ने जब फिर रोकने की कोशिश की तो अपनी गाड़ियां छोड़कर समाजवादी नेताओ ने पैदल ही राजभवन, मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करने का एलान कर दिया। कार्यकर्ताओं के साथ वे 1090 चौराहे तक पहुंच भी गए। तब तीखे विवाद के बाद पुलिस ने उन्हें आगे जाने दिया लेकिन बछरावां टोल पर फिर उन्हे रोकने की कोशिश की गई। पुलिस के रोकने के बावजूद वहां से आगे बढ़ गए तो रायबरेली पहुंचने पर पुलिस ने फिर जबरदस्त घेराबंदी करके गिरफ्तार कर लिया।
वार्ता