कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च

कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च

शामली। घने कोहरे और शीतलहरी हवाओं के थपेडों के बीच किसानों ने हाईवे पर ट्रैक्टर मार्च निकालकर कृषि कानूनों का विरोध किया। किसानों के ट्रैक्टर मार्च से हाईवे पर दोनों तरफ लगभग 2 किलोमीटर तक वाहनों की लाइनें लग गई। किसानों का काफिला गुजर जाने के बाद जाम को सुचारू करने में पुलिस के कसबल ढीले हो गये।

शनिवार को भाकियू युवा अध्यक्ष गौरव टिकैत के नेतृत्व में किसानों ने मेरठ-करनाल हाईवे पर कृषि कानूनों का विरोध करते हुए ट्रैक्टर मार्च निकाला। गांव बिडौली से आरंभ हुआ ट्रैक्टर मार्च मेरठ-करनाल हाईवे के बाद शहर के बीच से होते हुए कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचा। किसानों ने जब अपने ट्रैक्टर कलेक्ट्रेट के भीतर ले जाने की कोशिश की तो सुरक्षा के लिए तैनात पुलिसकर्मी सामने आकर डट गये, जिससे मामला तनावपूर्ण हो गया। बाद में पुलिस के बड़े अधिकारियों ने हस्तक्षेप करते हुए किसानों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया। इस मौके पर भाकियू युवा अध्यक्ष गौरव टिकैत ने कहा कि आज किसानों द्वारा निकाला गया ट्रैक्टर मार्च गणतंत्र दिवस परेड की रिहर्सल है। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में किसान बड़ी संख्या में ट्रैक्टर लेकर 26 जनवरी को राजधानी दिल्ली पहुंचेंगे।


उन्होंने कहा कि एक माह से भीे अधिक समय से किसान जाडे पाले की मार सहते हुए दिल्ली की सडकों पर खुले आसमान के नीचे कृषि कानूनों को वापिस लेने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे है। लेकिन किसानों को अन्नदाता कहने वाली सरकार किसानों का मनोबल तोडने के हथकंडे अपनाने में अपनी ऊर्जा खर्च कर रही है। बाद में किसानों ने मौके पर पहुंचे एडीएम अरविंद सिंह को प्रधानमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन दिया और ट्रैक्टरों के साथ वापिस लौट गए। इस दौरान प्रदेश प्रवक्ता कुलदीप पंवार, भाकियू जिलाध्यक्ष कपिल खाटियान, रालोद जिलाध्यक्ष योगेंद्र चेयरमैन आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।

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