महापंचायत को लेकर आयोजकों और प्रशासन में शुरू हुआ शह-मात का खेल

महापंचायत को लेकर आयोजकों और प्रशासन में शुरू हुआ शह-मात का खेल

शामली। जनपद शामली के गांव भैंसवाल में शुक्रवार पांच फरवरी को होने वाली महापंचायत के आयोजन की अनुमति निरस्त कर दिये जाने बाद अब आयोजक और प्रशासन आमने-सामने आ गए हैं। एसडीएम शामली ने कई कारणों का हवाला देते हुए आयोजकों द्वारा महापंचायत के लिए मांगी गयी अनुमति निरस्त कर दी है। अब आयोजक बिना अनुमति ही पंचायत करने की बात कह रहे हैं।

गाजीपुर बाॅर्डर पर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ.राकेश टिकैत का रोते हुए भावुक अपील वाला वीडियों वायरल होने के बाद जनपद मुजफ्फरनगर और जनपद बागपत में हुई महापंचायत में हजारों की तादात में लोग शामिल हुए थे। उम्मीद यह जताई जा रही है कि अगर शामली में किसानों द्वारा महापंचायत की जाती है तो हजारों की तादात में यहां पर भी लोग इकट्ठा होंगे। इसी को दृष्टिगत रखते हुए प्रशासन द्वारा रालोद को महापंचायत की अनुमति नहीं दी गई है। आयोजक जिस तरह से अब बिना अनुमति के ही महापंचायत के आयोजन की हुंकार भर रहे उस लिहाज से शामली में टकराव की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है।

दरअसल यह पूरा मामला पडौसी जनपद शामली का है। जहां पर शुक्रवार 5 फरवरी को गढ़ीपुख्ता थानाक्षेत्र के गांव भैंसवाल में रालोद द्वारा कृषि कानूनों के विरोध में किसानों की महापंचायत आहूत की गई है। जिसकी अनुमति के लिए आरएलडी के जिलाध्यक्ष योगेंद्र चेयरमैन द्वारा प्रशासन के सम्मुख आवेदन किया गया था। लेकिन बताया जा रहा कि महापंचायत की अनुमति की अर्जी को शामली प्रशासन द्वारा विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए निरस्त कर दिया गया है। उधर कार्यकर्ता दिन-रात तैयारियों में जुटे हुए है। आयोजकों की तरफ से महापंचायत में शामिल होने के लिए राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी को बतौर मुख्य अतिथि बुलावा भेजा गया है।

आयोजक रालोद जिलाध्यक्ष योगेंद्र चेयरमैन का कहना है कि प्रशासन अनुमति दे या न दे महापंचायत हर हाल में की जाएगी। आरएलडी के जिलाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि प्रशासन सत्ताधारी दल के इशारे पर अनुमति नहीं दे रहा है। हमारे कार्यकर्ता दिन रात तैयारियों में लगे हुए हैं। उधर एसडीएम शामली संदीप कुमार का कहना है कि महापंचायत की अनुमति के लिए जांच रिपोर्ट में हजारों की संख्या में भीड़ एकत्र होने के कारण टकराव, उग्र प्रदर्शन और पथराव की आशंका व्यक्त करते हुए अनुमति को निरस्त किया गया हैं। जिला मजिस्ट्रेट जसजीत कौर ने त्योहारों का हवाला देते हुए जिले में धारा-144 लागू कर दी है, जो तीन अप्रैल तक रहेगी। इन हालात में पंचायत की अनुमति नहीं दी जा सकती है।



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