RLD और भाकियू के गढ़ बुढ़ाना विधानसभा सीट पर हार कर भी जीत गए उमेश मलिक
मुजफ्फरनगर । जिले की विधानसभा सीट बुढ़ाना पर आमने-सामने के मुकाबले में राष्ट्रीय लोकदल के राजपाल बालियान ने भले ही जीत दर्ज कर ली हो लेकिन मुस्लिमों और भाकियू का गढ़ कही जाने वाली इस सीट पर जिस तरह से राकेश टिकैत सरकार के खिलाफ हमलावर थे और लग रहा था मुकाबला एक तरफा होगा। मगर उमेश मलिक ने जिस दमदार तरीके से चुनाव लड़ा और अपने पिछले चुनाव में लगभग मिली 97 हजार वोट के मुकाबले इस बार 1 लाख से ज्यादा वोट लेकर भी चुनाव भले ही हार गए हों मगर पहले से अधिक वोट लेकर और इतने बड़े गठबंधन का जिस तरह से मुकाबला किया। उससे बुढ़ाना विधानसभा इलाके में उनके समर्थक उन्हें जीता हुआ मान रहे है ।
गौरतलब है कि बुढ़ाना विधानसभा सीट मुस्लिम एवं जाट बाहुल्य है । राष्ट्रीय लोकदल से समाजवादी पार्टी के गठबंधन के बाद इस विधानसभा सीट पर टिकट रालोद के सिंबल पर पाने के लिए लंबी लाइन थी। क्योंकि माना जा रहा था कि बागपत की छपरोली सीट के बाद रालोद के लिए यही विधानसभा सीट सबसे ज्यादा सुरक्षित है। इसकी एक वजह यह भी थी कि भारतीय किसान यूनियन की राजधानी एवं राकेश टिकैत का गृह नगर भी इसी विधानसभा सीट के अंतर्गत आता है। इसके अलावा बुढ़ाना विधानसभा सीट पर डेढ़ लाख मुस्लिम वोटरों एवं 60,000 जाट मतदाताओं को भी गठबंधन के पक्ष में माना जा रहा था। इसकी वजह भी थी की किसान आंदोलन के चलते दिल्ली बॉर्डर पर डटे राकेश टिकैत और भारतीय किसान यूनियन भी साफ-साफ गठबंधन के पक्ष में और भाजपा के खिलाफ खड़ी नजर आ रही थी।
इसके अलावा जयंत चौधरी के कारण भी लग रहा था कि रालोद के राजपाल बालियान लगभग दो लाख वोटों से अपनी शुरुआत करेंगे और उमेश मलिक को एक बड़ी हार का सामना करना पड़ेगा, लेकिन जिस तरह से उमेश मलिक ने बुढाना विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ा। उस तरह कोई अन्य प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ सकता था।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े और इलाके के वरिष्ठ पत्रकार सचिन संगल कहते हैं कि राकेश टिकैत के प्रभाव वाले इस इलाके में उमेश मलिक ही मजबूती से चुनाव लड़े । इस बार उन्हें पहले से भी अधिक वोट मिले हैं, जो बताता है कि उनकी कार्यशैली से क्षेत्र की जनता संतुष्ट थी।
बुढ़ाना विधानसभा का जब चुनाव चल रहा था तो राष्ट्रीय लोकदल के पदाधिकारी उनका विरोध कर रहे थे। ऐसे में लग रहा था कि उमेश मलिक जाट बाहुल्य गांव में प्रचार नहीं कर पाएंगे लेकिन उमेश मलिक की जाटों में जिस तरह की मजबूत पकड़ है। उससे वह चुनावी समर में लड़ते रहे। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन तो उमेश मलिक ने राकेश टिकैत के गृह नगर सिसौली में ही अपना कार्यक्रम रख दिया था। जिस कारण उनके विरोधियों ने उस दिन सिसौली में ऐसा माहौल बना दिया कि उमेश मलिक सिसौली में आ नहीं पाएंगे और उन्हें सिसौली का कार्यक्रम रद्द करना पड़ेगा। इस माहौल से उमेश मलिक डरे नहीं और उन्होंने उसी दिन सिसौली में एक बड़े जन समूह को संबोधित करते हुए योगी और मोदी सरकार की उपलब्धियों को जनता के बीच रखा।
सिसौली में एक बड़ा तबका यह मान रहा था उमेश मलिक नहीं आएंगे और जो वोट उन्हें मिलनी थी, वह नहीं मिल पाएगी, लेकिन उमेश मलिक ने कार्यक्रम किया। यही वजह रही कि राष्ट्रीय स्तर पर राकेश टिकैत का सरकार के विरोध खड़े होना एंव उनके गृह नगर सिसौली का नाम गूंज रहा था, तो लग रहा था कि डेढ़ लाख मुस्लिम वोट गठबंधन के पक्ष में एक तरफ रहना और राकेश टिकैत एवं जयंत चौधरी का जाट मतों पर प्रभाव के कारण इस विधानसभा सीट पर भाजपा का सूपड़ा साफ होना बताया जा रहा था। लेकिन उमेश मलिक ने जिस तरीके से जाटों में बराबर का चुनाव लड़ा। उससे उमेश मलिक ने मैसेज दे दिया था है कि वह इस गढ़ में भी मजबूती से चुनाव लड़ सकते हैं। यही कारण रहा कि उमेश मलिक इस विधानसभा सीट पर कड़े मुकाबले में भी पहले से 6000 अधिक वोट लेकर भले ही हार गए हो लेकिन जाट मुस्लिम गढ़ कही जाने वाली विधानसभा सीट पर इस बार उन्होंने 1 लाख से भी अधिक वोट लाकर साबित कर दिया है कि बुढ़ाना में भाजपा दमदार दखल लगती है।
भाकियू की राजधानी सिसौली में भी उमेश मलिक ने रालोद के राजपाल बालियान को बराबर की टक्कर दी है। कस्बे के डीएवी इंटर कॉलेज सिसौली के कमरा नंबर 1 में जहां उमेश मलिक को 391 वोट राजपाल 295 वोट मिली। इसके बाद कमरा नंबर 2 में उमेश मलिक को 239 तो राजपाल को 341 वोट, कमरा नंबर 3 में उमेश मलिक को 230 राजपाल को 432, कमरा नंबर 4 में उमेश मलिक को 210 राजपाल को 345, कमरा नम्बर 5 में उमेश मलिक को 162 राजपाल बालियान को 521 वोट मिली। राजपाल के मुकाबले उमेश मलिक कमजोर नहीं पड़े। कृष्णा गर्ल्स कॉलेज ऑफ हायर एजुकेशन के बूथ नंबर 1 पर उमेश मलिक को 232 तो राजपाल बालियान को 367 वोट, कमरा नंबर 2 में उमेश मलिक को 521 तो राजपाल बालियान को मात्र 185 वोट, कमरा नंबर 3 में उमेश मलिक को 139 वोट तो राजपाल को 272 वोट मिली। इसी तरह सिसौली के ही अंबेडकर भवन के कमरा नम्बर एक में उमेश मलिक को 202 वोट मिली तो राजपाल बालियान को 49 वोट, कमरा नंबर 2 में उमेश मलिक को 297 वोट मिले तो राजपाल बालियान इस बात पर मात्र 178 वोट ले पाए। कुल मिलाकर भाकियू की राजधानी और राकेश टिकैत के गृह नगर सिसौली में उमेश मलिक ने रालोद प्रत्याशी से जबरदस्त मुकाबला किया। इन 12 बूथों पर जहां उमेश मलिक को 3171 वोट मिली तो रालोद का पक्का गढ़ कहे जाने वाले इस इलाके में राजपाल बालियान को 3400 वोट मिली । सिसौली में उमेश मलिक राजपाल बालियान से मात्र 229 वोट कम ले पाए।