नामुमकिन को कर दिखाया मुमकिन- मुलायम ने थपथपाई थी राकेश शर्मा की पीठ

नामुमकिन को कर दिखाया मुमकिन- मुलायम ने थपथपाई थी राकेश शर्मा की पीठ

नामुमकिन को जो मुमकिन कर दे उसे जोश कहते हैं।

जो तूफानों का रूख बदल दे उसे युवा जोश कहते हैं।

यह शायरी सपा के वरिष्ठ नेता राकेश शर्मा पर फिट बैठ रही है। राकेश शर्मा ने युवा जोश के रूप में समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर जब साईकिल पर सवार होकर सियासत की पटरी पर चलने का कार्य किया तो जनपद मुजफ्फरनगर से युवा नेता राकेश शर्मा ने पार्टी को ज्वाइन करते ही अपना दमखम दिखाना प्रारंभ कर दिया था। उन्होंने पूरे सूबे में हुए यूथ सम्मेलनों में जनपद मुज़फ्फरनगर में सबसे ज्यादा भीड़ एकत्रित करते हुए अपने जोश का लोहा मनवा दिया था। बाद में राजधानी लखनऊ में हुई मीटिंग में राकेश शर्मा की मुलायम सिंह यादव ने पीठ थपथपकार उनको शाबाशी दी और वहां मौजूद अन्य लोगों को राकेश शर्मा से प्रेरणा लेने के लिये कहा। माना जा सकता है एक पार्टी मुखिया अपने सिपहसालार से अन्य को प्रेरणा लेने के लिये यूं ही नहीं कहेगा। राकेश शर्मा ने सपा में रहते हुए नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया है। इतना ही नहीं बल्कि रणनीति बनाकर सपा की सत्ता में सीएम मुलायम सिंह यादव का पुतला फूंकने जा रहें लोगों के मंसूबों पर पानी फैरते हुए उन्हें मुलायम सिंह यादव का पुतला फूंकने नहीं दिया था और इस दौरान अपने खासमखास दोस्तों से भी अपने मुखिया के लिये लड़ पडे़ थे। राकेश शर्मा की संघर्षशील सियासत पर पेश है खोजी न्यूज की खास रिपोर्ट...

वर्ष 1992 में समाजवादी पार्टी का गठन हुआ था। अगले वर्ष ही युवा नेता के रूप में राकेश शर्मा ने साईकिल पर सवार होकर सियासत की पटरी पर जनसेवा करने का कार्य स्टार्ट कर दिया था। राकेश शर्मा की काबिलियत को देखते हुए राजनीति में आते ही हाईकमान ने उनको यूथ का जिलाध्यक्ष का दायित्व सौंप दिया गया था। वर्ष 1993 में जनपद मुजफ्फरनगर के टॉउन हाल मैदान में यूथ सम्मेलन किया गया था। यह सम्मेलन पूरे प्रदेश में आयोजित किये गए थे। इसी कड़ी में मुजफ्फरनगर में हुए यूथ सम्मेलन में यूथ के राष्ट्रीय सचिव उमाशंकर चौधरी और यूथ के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह राणा भी आये थे। उस समय जनपद शामली को जनपद मुजफ्फरनगर से अलग नहीं किया गया था। राकेश शर्मा के दम पर हुए इस यूथ सम्मेलन में शामली, खतौली यानि जनपद के तमाम कॉलेज के लगभग 5 हजार से अधिक युवा टाउन हॉल में इकट्ठे हुए थे। यह सम्मेलन विधानसभा चुनाव से पहले किया गया था। प्रदेश भर में हुए यूथ सम्मेलनों में मुज़फ्फरनगर में राकेश शर्मा की अगुवाई में हुआ यूथ सम्मेलन सबसे ज्यादा युवाओं को एकत्रित करने में कामयाब रहा था। जिसकी गूँज हाईकमान लखनऊ में पहुंची थी। इन सम्मेलनों के तत्काल बाद जब समीक्षा के लिये प्रदेश की रीढ़ की हड्डी पर प्रदेश स्तर यूथ की मीटिंग हो रही थी तो उस दौरान अचानक मुलायम सिंह यादव बैठक में आ गये। मुलायम सिंह यादव को यूथ के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह राणा ने जब मुज़फ्फरनगर में हुए यूथ सम्मेलन में जुटी भीड़ की जानकारी दी तो मुलायम सिंह यादव ने मीटिंग में ही राकेश शर्मा को मंच पर बुलाकर उनकी पीठ थपथपाई थी और कहा था कि जहां यादव भी नहीं हैं वहां इस लड़के ने सबसे बड़ा यूथ सम्मेलन कर दिखाया है। आप भी इससे प्रेरणा लें। जिस मीटिंग में राकेश शर्मा की मुलायम सिंह यादव ने पीठ थपथपाई थी। यह मीटिंग एक वर्ष में केवल दो या तीन बार ही होती थी।

इतना ही नहीं मुलायम सिंह यादव जब चीफ मिनिस्टर थे। उसी दौरान मुज़फ्फरनगर में विपक्ष के लोगों ने उनका पुतला फूंकने का निर्णय लिया था। इसकी जानकारी राकेश शर्मा को मिलने पर वह पुतंला फूंकने की रणनीति बना रहे लोगों के बीच पहुंच गये और उन्हें जाकर समझाया। इस दौरान राकेश शर्मा की उन लोगों से काफी बहस हुई लेकिन राकेश शर्मा ने मुलायम सिंह यादव का पुतला कहीं नहीं फूंकने दिया था। हालाँकि पुतला फूंकने की रणनीति बनाने वालों में उनके खासमखास दोस्त भी शामिल थे और उनके दोस्त अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिलाध्यक्ष और कार्यकर्ता थे। लेकिन समाजवादी पार्टी सिपहसालार राकेश शर्मा ने अपने पार्टी के पार्टी वफादारी दिखते हुए खासमखास दोस्तों संग भी झगड़ा कर लिया था लेकिन अपने मुखिया का पुतला फूंकने नहीं दिया था।

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