ऐसे होते हैं पिता- पढ़िये विशेष कविता
बच्चे की किलकारी गूंजते ही खुश होते हैं वो,
जी हां पिता हैं वो!
बच्चे को गर्व से कंधे पर बैठाकर चलने वाले पिता हैं वो!
उंगली पकड़कर चलना सिखाना वाले पिता हैं वो!!
दुनिया का ज्ञान देने वाले पिता हैं वो!
सही रास्ता दिखाने वाले पिता हैं वो!!
दुनिया की पहचान कराने वाले पिता हैं वो!
बच्चे को खुद से ऊंचा उठाने वाले पिता हैं वो!!
दुःख का घूंट पीकर बच्चों को खुशियों का जूस पिलाने वाले पिता हैं वो!
बच्चों के दुःख को देखकर अंदर ही अंदर रोने वाले पिता हैं वो!!
खुद का दर्द छिपाकर किसी को ना बताने वाले पिता हैं वो!
ऐसे हाल में भी परिवार के सपनों को संवारने वाले पिता हैं वो!!
मां अगर जन्नत हैं तो जन्नत के दरवाजे के रूप में पिता हैं वो!
बेलालच के पूरा जीवन बच्चों को समर्पित करने वाले पिता हैं वो!!
पूरे परिवार का ख्याल करने वाले इंसान हैं वो,
जी हां पिता हैं वो!
लेखक फिरोज अली (समाचार संपादक खोजी न्यूज)