जन्मदिन विशेष- जब बुजुर्ग की फरियाद सुनने जमीन पर बैठ गये थे IPS विनीत

जन्मदिन विशेष- जब बुजुर्ग की फरियाद सुनने जमीन पर बैठ गये थे IPS विनीत

हाथरस। आईपीएस विनीत जायसवाल को सबसे पहले पुलिस कप्तान की कमान आपराधिक गतिविधियों के पैमाने पर उत्तर प्रदेश के संवेदनशील जनपदों में रखे जाने वाले शामली की मिली थी। उन्हें जनपद शामली में कमान संभालती ही पूरी फैमिली की हत्या की गुत्थी सुलझाने की चुनौती मिल गई थी। उन्होंने इस वारदात का अनावरण अल्प समय में ही कर दिया था। शामली में पोस्टिंग के दौरान ही करोड़ों की स्मैक पकड़कर सूबे में कीर्तिमान स्थापित किया था। यहां उन्होंने अपनी पहली पोस्टिंग के दौरान शानदार पुलिसिंग कर दिखाई थी। शामली में आईपीएस विनीत जायसवाल को कार्यकाल काफी लंबा रहा। जब आईपीएस विनीत जायसवाल शामली में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात थे। इसी दौरान हाथरस का माहौल का काफी गर्म हो गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस के एसपी को हटा दिया था। इस दौरान हर अफसर के लिये हाॅट हाथरस की कमान संभालना काफी चुनौतीपूर्ण था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2014 बैच के युवा आईपीएस अफसर की गुड पुलिसिंग का वाॅच कर उन पर विश्वास जताते हुए हाथरस के पुलिस अधीक्षक की कमान उन्हें सौंपी। आईपीएस विनीत जायसवाल चुनौतीपूर्ण जनपद हाथरस की कमान संभाली और अपराधियों को कानून व्यवस्था का फाॅर्मूला लगाते हुए समाज को भयमुक्त बनाकर गुड पुलिसिंग कर दिखाई है। हाथरस पुलिस ने हर मोड़ पर अपराधियों की कमर तोड़़ने का काम किया है। कई बार आईपीएस विनीत जायसवाल को प्रभावी कार्रवाई करने पर हाथरस की पब्लिक द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है। युवा आईपीएस अफसर एवं हाथरस पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल के जन्मदिन पर पेश है खोजी न्यूज की विशेष रिपोर्ट...


आईपीएस विनीत जायसवाल के जीवन से खाकी वर्दी को लेकर कई संयोग जुड़े हैं। सबसे पहले तो उनको उनके पिता के जीवन से सर्वाधिक रूप से प्रभावित किया है। उनके पिता राधेश्याम जायसवाल एक जेल अधीक्षक रहे हैं। उनका बचपन जेल और खाकी के बीच के माहौल में कर्तव्य पारायणता और ड्यूटी के प्रति कर्मठता को देखते हुए गुजरा है। विनीत जायसवाल मूल रूप से राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक और धार्मिक कर्मभूमि जनपद गोरखपुर के निवासी हैं। आईपीएस विनीत जायसवाल ने 1 जुलाई 1988 को गोरखपुर के राधेश्याम जायवाल के परिवार में जन्म लिया था। साल 2014 बैच के आईपीएस विनीत जायसवाल को एसपी के रूप में शासन ने प्रमोट करते हुए शामली जनपद में पहली तैनाती दी थी। इससे पहले वह नोएडा में एसपी सिटी के पद पर कार्यरत थे। शामली में आईपीएस विनीत जायसवाल की शानदार कप्तानी को देखकर ही सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाथरस की कमान सौंपी। विनीत जायसवाल एक जुझारू युवा हैं। उनके जुझारूपन का प्रमाण यही है कि उन्होंने अपनी शिक्षा के दौरान ही पिता की भांति खाकी वर्दी को लक्ष्य बनाया था। उन्होंने सिविल सर्विस में जाने की इच्छा को लेकर काम किया और कई बाद की नाकामी के बाद भी वह हतोत्साहित नहीं हुए, बल्कि हर एक नाकामी के बाद उन्होंने नई ऊर्जा के साथ खुद को आगे बढ़ाने का काम किया। स्नातक की शिक्षा पूरी करने के बाद विनीत जायसवाल ने तकनीकी सेवा और सुझाव देने वाली भारतीय मल्टीनेशनल कम्पनी इंफोसिस को एक कम्प्यूटर साइंस के बेचलर टेक्निशियन के रूप में ज्वाइन किया। इसी बीच आईआईएम, केरल में भी उनका चयन हो गया था, लेकिन उन्होंने इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट में दक्षता हासिल करने के बजाये पिता की भांति ही सेवा के मार्ग को चुना। उन्होंने सिविल सर्विस में जाने के अपने ड्रीम को पूरा करने के लिए साल 2011 से शुरूआत की। विनीत जायसवाल मजबूत तैयारी के बाद भी पहले प्रयास में सफल नहीं हो पाये, लेकिन इसके बाद भी वह मजबूत इरादों के साथ नये लक्ष्य को लेकर फिर से तैयारी में जुटे, उनका यह प्रयास भी पराजय लेकर आया। दो बार की हार के बाद भी विनीत जायसवाल का आत्मविश्वास कम नहीं हुआ और साल 2013 में उन्होंने सिविल सर्विस एग्जाम को ब्रेक किया। विनीत की इस जुझारू सफलता पर परिवार को गर्व हुआ। आज वह 2014 बैच के युवा आईपीएस अफसर के रूप में अपनी सेवा देने के लिए हाथरस जनपद में तैनात हैं। पुलिस अकादमी में ट्रैनिंग के उपरांत विनीत जायसवाल को अण्डर ट्रेनी अफसर के रूप में जनपद आगरा में तैनात किया गया। यहां पर छह माह की ट्रैनिंग के दौरान वह थाना इंचार्ज रहे। यहां पर उन्होंने एक थाना प्रभारी के रूप में अपराधियों में पुलिस का खौफ पैदा करने के साथ ही कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर हलचल मचा दी थी। पुलिस सेवा में आने के बाद यह संयोग ही था कि विनीत जायसवाल को शुरूआत से ही बड़े जनपदों और यूपी के महानगरों में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। आगरा की ट्रैनिंग के बाद उनको शासन ने इलाहाबाद जनपद में भेजा। यहां पर वह लम्बे समय तक तैनात रहे। उन्होंने इलाहाबाद में सीओ थर्ड, सीओ क्राईम, सीओ लांईस, सीओ एकाउंट और सीओ डायल 100 का दायित्व संभालकर उत्कृष्ट कार्यशैली को प्रदर्शित किया। यहां पर ही उनको सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। इसके बाद उनको इटावा जनपद में तैनात किया गया। यहां पर वह जनपद के पहले अपर पुलिस अधीक्षक के पद पर अपराध उन्मूलन के लिए अपना बेहतर योगदान दे पाये। विनीत जायसवाल को इटावा के बाद गौतमबुद्धनगर में एसपी ग्रामीण और इसके बाद यहीं पर एसपी सिटी के पद पर तैनात किया गया। दिल्ली के नजदीक यूपी के औद्योगिक नगर के रूप में विख्यात नोएडा में देहात और शहर संभालने के बाद अब शासन ने उनको शामली में शासन का इकबाल बुलन्द करने का जिम्मा दिया था। उसके पश्चात आईपीएस विनीत जायसवाल को हाथरस को पुलिस अधीक्षक बनाया गया।


आईपीएस विनीत जायसवाल के खाकी प्रेम में एक तीसरा संयोग यह भी जुड़ा कि जिस जिले में उन्होंने शिक्षा हासिल की, वहीं पर उनको अफसर के रूप में कार्यरत रहकर कानून व्यवस्था को संभालने का अवसर मिला। पिता राधेश्याम जायसवाल के सर्विस जीवन से ही विनीत के भीतर वर्दी का प्यार जगा था। उन्होंने अपने पिता के अनुशासित जीवन से खुद के अन्दर लक्ष्य हासिल करने और नाकामियों से ना घबराने का हौसला पैदा किया। विनीत जायसवाल की स्कूली शिक्षा पिता के सर्विस में रहने के कारण स्थानांतरण के चलते वाराणसी और कानपुर जनपदों में पूर्ण हुई। इसके बाद 2010 में नोएडा के जेएसएस काॅलेज से विनीत ने कम्प्यूटर साइंस विषय के साथ बी.टेक किया। इसके साथ ही वह मैनेजमेंट के क्षेत्र में भी दक्षता हासिल करने का मन बना रहे थे, इसके दिये दिये गये इंट्रेंस एग्जाम के बाद उनका चयन आईआईएम केरल के लिए किया गया, लेकिन नोएडा से बी.टेक करने के दौरान कभी विनीत ने सोचा भी नहीं था कि उनका जीवन करियर की राह पर ऐसा भी मोड लेगा कि वह एक आईपीएस अफसर के रूप में उसी नोएडा में तैनात रहकर कानून व्यवस्था की चुनौतियों से निपटने के लिए कार्य करेंगे, जहां उन्होंने अपना छात्र जीवन बिताया है। आज हाथरस एसपी के रूप में अपनी सेवा प्रदान कर रहे आईपीएस विनीत जायसवाल कहते हैं, ''पुलिस सर्विस भी एक मैनेजमेंट है, यहां पर अपराधियों को कानून व्यवस्था का फाॅर्मूला लगाते हुए भयमुक्त समाज के लिए प्रबंधन ही गुड पुलिसिंग है। उन्होंने कहा कि वह विश्वास दिलाते हैं कि समाज में अपराध कारित करने वालों को जनपद में छिपने का आसरा भी नहीं मिल पायेगा। समाज के हर वर्ग की सुरक्षा के लिए काम होगा। उन्होंने समाज के लोगों से भी पुलिस के प्रति सकारात्मक सोच के साथ सहयोग की अपील की है।


जब जमीन पर बैठकर सुनने लगे थे बुजुर्ग बाबा की फरियाद

सोशल मीडिया पर आईपीएस विनीत जायसवाल की दो फोटो खूब जमकर वायरल हो रही थी। पहले फोटो में आईपीएस विनीत जायसवाल जनपद हाथरस के एक बुजुर्ग से उनकी समस्या सुनते नजर आ रहे हैं और दूसरी तस्वीर में वह बुजुर्ग महिला से बात कर रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार यह तस्वीर कोरोना संकट काल की है। सोशल मीडिया पर एक यूजर ने आईपीएस विनीत जायसवाल की इन तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा है कि ये भी अफसर हैं जो कोरोना काल में भी पीड़ित के घर खुद चलकर फरियाद सुनने पहुँचते है और पीड़ित बाबा को जमीन पे बैठे देख खुद भी जमीन पर बैठ लिए। उनके द्वारा शेयर की गई इस पोस्ट पर लोगों के तारीफ से भरे तरह-तरह कमेंट आ रहे हैं इन तस्वीरों पर यूजर्स लिख रहे हैं कि कोई तोड़ नही लाजवाब अधिकारी हैं आईपीएस विनीत जायसवाल, 24 घंटे अलर्ट और एक्टिव विनीत जी आपका वंदन, अभिवंदन भारत को आपके जैसे ही संवेदनशील अधिकारियों की जरूरत है।, आईपीएस विनीत जायसवाल जी की सरलता ही इनकी ताकत हैं समाज और देश के लिये प्रेरणा।, सलाम है ऐसे पुलिस अधिकारी महोदय को जो लोगो के बीच लोगो के हिसाब से न्याय में सहयोग करें।, कप्तान महोदय तो हर तरफ अपनी दरियादिली का परिचय देते हैं ऐसे व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति को मेरा बारम्बार नमन हैं। आईपीएस विनीत जायसवाल की इन तस्वीरों को देखकर यूजर्स उनकी काफी प्रशंसा कर रहे हैं।


पूर्व DGP हितेश चंद्र अवस्थी ने भेजा था प्रशंसा पत्र

पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल को हाल ही में रिटायर हुए डीजीपी हितेश चन्द्र अवस्थी ने उन्हें एक प्रशंसा पत्र भेजा था। उन्होंने इस प्रशंसा पत्र में लिखा था कि एसपी हाथरस विनीत जायसवाल ने अपने जनपद में अपराध नियंत्रण एवं कानून व्यवस्था बनाए रखते हुए पिछले दिनों हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को सकुशल संपन्न कराने हेतु निकटता से अधीनस्थों का पर्यवेक्षण कर अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूर्ण निष्ठा व लगन के साथ किया गया है। पूर्व डीजीपी हितेश चन्द्र अवस्थी ने कहा था कि वर्तमान परिदृश्य में कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी के फैलते संक्रमण जैसे चुनौतीपूर्ण समय में सीमित संसाधनों के बावजूद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने में एसपी विनीत जायसवाल द्वारा सराहनीय योगदान दिया गया, जो उनकी परिचालनिक नियोजन क्षमता, कुशल निर्देशन एवं निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने की प्रतिबद्धता का परिचायक है। पूर्व डीजीपी हितेश चन्द्र अवस्थी ने आईपीएस विनीत जायसवाल के इस सराहनीय योगदान की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। पूर्व डीजीपी हितेश चन्द्र अवस्थी ने आईपीएस विनीत जायसवाल से आशा जताई कि आने वाले समय में भी वह इस पर इसी प्रकार पूरे मनोयोग एवं प्रतिबद्धता के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए विभाग की प्रतिष्ठा को बनाए रखेंगे।


प्रभावी कार्रवाई करने पर पब्लिक का विनीत को इनाम

अखिल भारतीय गौरक्षा परिषद के पदाधिकारियों द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर पहुँचकर पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल का पगड़ी व अंग वस्त्र पहनाकर तथा प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया व धन्यवाद ज्ञापित किया। अखिल भारतीय गौरक्षा परिषद के पदाधिकारियों द्वारा बताया गया था कि दिनांक 2 जून 2021 को थाना चन्दपा क्षेत्र के ग्राम दरकई में हुई गोकशी की घटना के सम्बंध में पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल द्वारा टीम बनाकर घटना के मात्र एक सप्ताह के अन्दर गौकशो के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करते हुये 4 गौकशों को पुलिस मुठभेड़ के उपरान्त गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल एवं उनकी पूरी टीम द्वारा किये गये उक्त सराहनीय कार्य की हमारे संगठन एवं हाथरस की समस्त जनता द्वारा भूरि-भूरि प्रशंसा की गयी। जिसके उपरान्त हम लोगों द्वारा हाथरस पुलिस का धन्यवाद करते हुये पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल एवं प्रभारी निरीक्षक चन्दपा नीता सिंह एवं उनकी पूरी टीम को सम्मानित किया गया।


लखटकिया व 40 हजारी बदमाश का किया हाफ एनकाउंटर

सासनी थाना क्षेत्र के एक गांव में 1 मार्च 2021 को दिन दहाड़े गोलियों से भूनकर किसान की हत्या कर दी गई थी। हत्या का कारण किसान की बेटी से एक दबंग युवक ने छेड़खानी की कर दी थी। जिसके बाद किसान ने आरोपी के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया था। इस मामले में नामजद कराया गया एक लाख रूपये का इनामी बदमाश गौरव और रुद्राक्ष पंडित जेल गया था। जेल से जमानत पर छूटने के बाद वह किसान के परिवार पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बना रहा था। 1 मार्च को दिन दहाड़े हुई इस हत्या की घटना के बाद काफी बवाल हुआ था। उस समय इस मामले में पांच लोगों को नामजद किया था। उसी समय के पुलिस आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही थी लेकिन वह पुलिस के हाथ नहीं लग रहे थे। 20 अप्रैल की रात्रि को पुलिस टीम ने मुखबिर की सूचना के आधार पर सासनी-इगलास रोड पर हुई मुठभेड़ के बाद गौरव और उसके एक साथी सोनू तोमर निवासी मुरैना मध्य प्रदेश को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस से हुई मुठभेड़ में दोनों के पैर में गोली लगी थी। मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल भी मौके पर पहुंच गए थे। पुलिस अधीक्षक ने कहा था कि पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए बदमाशों में सासनी हत्याकांड का आरोपी गौरव उर्फ रुद्राक्ष पंडित भी शामिल हैं जिसके ऊपर एक लाख रूपये का इनाम घोषित है। जबकि दूसरा सोनू तोमर है उसके ऊपर भी मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा 40000 रूपये का इनाम घोषित किया गया है। उन्होंने मुठभेड़ के बाद बदमाशों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को इनाम देने की घोषणा की थी।



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