जन्मदिन विशेष- आधुनिक भारत के विश्वकर्मा है प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी

जन्मदिन विशेष- आधुनिक भारत के विश्वकर्मा है प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी

लखनऊ। अब यह फैसला तो दशकों बाद ही हो सकेगा कि नरेन्द्र दामोदर दास मोदी ने 2014 से भारत की जिस तरह की तस्वीर बनायी, वो अच्छी बनी अथवा बिगड़ गयी। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में राजनीति के पटल पर आए नरेन्द्र मोदी का जन्म 17 सितम्बर 1950 को बडनगर में दामोदर दास मूलचंद मोदी ओर हीराबेन के घर हुआ था। नरेन्द्र मोदी 5 भाई-बहनों में दूसरे नम्बर की संतान हैं और बचपन में उन्हें नरिया कहकर बुलाया जाता था। नरेन्द्र मोदी के पिता दामोदर दास मूलचंद मोदी की रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान थी। नरिया भी उस दुकान पर लोगों को चाय पिलाता था। सन् 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच जब युद्ध हुआ तो उस स्टेशन से गुजर रहे सैनिकों को चाय पिलाने की याद नरेन्द्र मोदी को आज भी गौरवान्वित करती है। यह भी एक संयोग है कि नरेन्द्र मोदी का जिस तिथि को जन्म हुआ, उसी तिथि को भगवान विश्वकर्मा का भी जन्म हुआ था। पौराणिक साक्ष्यों के मुताबिक सभी प्रमुख नागरियों और अस्त्र-शस्त्रों का निर्माण विश्वकर्मा ने किया और सृष्टि को एक नयी दिशा दी जिसमें कर्म को प्रधानता दी गयी। इसी लिए कल-कारखानों में विश्वकर्मा की विशेष रूप से पूजा की जाती है। नरेन्द्र मोदी ने भी भारत के प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद देश को एक नयी दिशा देने की कोशिश की है। स्वच्छ भारत अभियान, नोटबंदी, जीएसटी और देश के तमाम कानूनों को बदलने, यहां तक कि जम्मू कश्मीर के अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करके नरेन्द्र मोदी आधुनिक भारत के विश्वकर्मा बन गये हैं।


नरेन्द्र मोदी छात्र थे तभी से वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में नियमित जाने लगे थे। इस प्रकार उनका जीवन संघ के एक निष्ठावान प्रचारक के रूप में प्रारम्भ हुआ। उन्होंने शुरुआती जीवन से ही राजनीतिक सक्रियता दिखलाई और भारतीय जनता पार्टी का जनाधार मजबूत करने में प्रमुख भूमिका निभाई। गुजरात में शंकरसिंह वाघेला का जनाधार मजबूत बनाने में नरेन्द्र मोदी की ही रणनीति थी। अप्रैल 1990 में जब केन्द्र में मिलीजुली सरकारों का दौर शुरू हुआ, मोदी की मेहनत रंग लाई, जब गुजरात में 1995 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने अपने बलबूते दो तिहाई बहुमत प्राप्त कर सरकार बना ली। इसी दौरान दो राष्ट्रीय घटनाएं और इस देश में घटीं। पहली घटना थी सोमनाथ से लेकर अयोध्या तक की रथयात्रा जिसमें लाल कृष्ण आडवाणी के प्रमुख सारथी की भूमिका में नरेन्द्र मोदी का मुख्य सहयोग रहा। इसी प्रकार कन्याकुमारी से लेकर सुदूर उत्तर में स्थित काश्मीर तक की मुरली मनोहर जोशी की दूसरी रथयात्रा भी नरेन्द्र मोदी की ही देखरेख में आयोजित हुई। इसके बाद शंकरसिंह वाघेला ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया, जिसके परिणामस्वरूप केशुभाई पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री बना दिया गया और नरेन्द्र मोदी को दिल्ली बुला कर भाजपा में संगठन की दृष्टि से केन्द्रीय मंत्री का दायित्व सौंपा गया। 1995 में राष्ट्रीय मंत्री के नाते उन्हें 5 प्रमुख राज्यों में पार्टी संगठन का काम दिया गया जिसे उन्होंने बखूबी निभाया।


1998 में उन्हें पदोन्नत करके राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) का उत्तरदायित्व दिया गया। इस पद पर वह अक्टूबर 2001 तक काम करते रहे। भारतीय जनता पार्टी ने अक्टूबर 2001 में केशुभाई पटेल को हटाकर गुजरात के मुख्यमंत्री पद की कमान नरेन्द्र मोदी को सौंप दी। नरेन्द्र मोदी अपनी विशिष्ट जीवन शैली के लिए समूचे राजनीतिक हलकों में जाने जाते हैं। कर्मयोगी की तरह जीवन जीने वाले मोदी के स्वभाव से सभी परिचित हैं। इस नाते उन्हें अपने कामकाज को अमली जामा पहनाने में कोई दिक्कत पेश नहीं आती। वे एक लोकप्रिय वक्ता हैं, जिन्हें सुनने के लिये बहुत बड़ी संख्या में श्रोता आज भी पहुंचते हैं। कुर्ता-पायजामा व सदरी के अतिरिक्त वे कभी-कभार सूट भी पहन लेते हैं। अपनी मातृभाषा गुजराती के अतिरिक्त वह राष्ट्रभाषा हिन्दी में ही बोलते हैं। मोदी के नेतृत्व में 2012 में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया। लोकसभा चुनाव 2014 और मोदी सांसद प्रत्याशी के रूप में देश की दो लोकसभा सीटों वाराणसी तथा वडोदरा से चुनाव लड़ा और दोनों निर्वाचन क्षेत्रों से विजयी हुए। पार्टी की ओर से पीएम प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद नरेन्द्र मोदी ने पूरे भारत का भ्रमण किया। इस दौरान तीन लाख किलोमीटर की यात्रा कर पूरे देश में 437 बड़ी चुनावी रैलियां, 3-डी सभाएं व चाय पर चर्चा आदि को मिलाकर कुल 5827 कार्यक्रम किए। चुनाव अभियान की शुरुआत उन्होंने 26 मार्च 2014 को मां वैष्णो देवी के आशीर्वाद के साथ जम्मू से की और समापन मंगल पाण्डे की जन्मभूमि बलिया में किया। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के चुनावों में अभूतपूर्व सफलता भी प्राप्त की।


बीते 6 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे कई निर्णय लिए जिसने देश की छवि ही बदलकर रख दी। स्वच्छ भारत से लेकर स्वस्थ भारत तक और कश्मीर क्रांति से लेकर नागरिकता क्रांति तक मोदी सरकार ने कई ऐतिहासिक फैसले लिए। ऐसे विवादित फैसले जो दशकों तक अटके हुए थे, जिन्हें जानबूझकर लटकाया गया था। जिन विवादित मुद्दों को पिछली सरकारों ने छूने तक की हिम्मत नहीं दिखाई, उन्हें मोदी सरकार ने एक झटके में जड़ से खत्म कर दिया। इनमें एक है जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना। जम्मू कश्मीर 70 साल तक आर्टिकल 370 की जंजीरों में जकड़ा रहा. पिछले साल 5 अगस्त को मोदी सरकार ने कश्मीर को अनुच्छेद 370 से मुक्ति दे दी। इसी के साथ जम्मू-कश्मीर में देश के वो सभी कानून लागू हो गए, जिन्हें 70 साल तक लागू नहीं किया जा सका था। साथ ही जम्मू-कश्मीर का अलग झंडा हटाकर अब वहां के सरकारी दफ्तरों में तिरंगा लहराने लगा. अनुच्छेद 370 की बेड़ी टूटने के साथ ही जम्मू-कश्मीर के लोगों को अब केंद्र सरकार की लाभकारी योजनाओं का भी फायदा मिलने लगा। इसी प्रकार मोदी सरकार ने फिर से बड़ा फैसला लेकर सबको चौका दिया, ये फैसला था नागरिकता क्रांति का। पिछले साल 11 दिसंबर को संसद में नागरिकता संशोधन बिल पेश किया, जो अब कानून बन चुका है। नागरिकता संशोधन कानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता का अधिकार मिल गया. यानी इन देशों के हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई जो सालों से शरणार्थी की जिंदगी जीने को मजबूर थे। उन्हें भारत की नागरिकता प्राप्त करने का अधिकार मिल गया। पड़ोसी देशों से जान बचाकर भागे लोग जो सालों तक भारत में शरणार्थी बने रहे अब वो भारत के नागरिक कहलाने लगे हैं।


देश के सबसे बड़े कानूनी विवाद, अयोध्या विवाद का हल भी मोदी सरकार के पहले छह महीने में ही हो गया. सालों से कोर्ट की कार्रवाई में उलझे भगवान राम को सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिला और 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले ने अयोध्या में रामजन्मभूमि को ही राम का जन्म का स्थान माना। कोर्ट के आदेश के बाद मोदी सरकार ने राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन कर दिया। तीर्थ क्षेत्र के गठन के साथ ही अब अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का काम शुरू हो चुका है।


मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की काली प्रथा से आजादी दिलाई। 6 साल के कार्यकाल में मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है तीन तलाक को खत्म करना. तीन तलाक कानून के तहत कोई भी मुस्लिम शख्स मौखिक, लिखित या किसी अन्य माध्यम से अपनी पत्नी को एक बार में तीन बार तलाक देता है तो वह अपराध माना जाएगा। ऐसी मुस्लिम महिलाएं जो तीन तलाक के डर के साए में जीने को मजबूर थीं अब आत्मसम्मान के साथ अपनी जिंदगी जी रही हैं। ये सभी नए भारत का संकेत है। (अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

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