बर्थडे स्पेशल- माता जी प्रणाम! बताईये क्या दिक्कत है? नायक हैं डिप्टी CM

बर्थडे स्पेशल- माता जी प्रणाम! बताईये क्या दिक्कत है? नायक हैं डिप्टी CM

लखनऊ। आमतौर पर समाजसेवा का झूठा सहारा लेकर राजनीति में अपनी तिजोरियां भरने के लिये उतरते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो वास्तव में ही समाजसेवा करने के मकसद से सियासत के घोड़े पर सवार होकर जनता का ‘नायक‘ बनकर उनकी समस्या का समाधान और उनका कल्याण करने के लिये उतरते हैं। 7 सितम्बर 2001 को रिलीज हुई ‘नायक‘ मूवी में एक दिन के सीएम के रूप में अनिल कपूर द्वारा किया गया काम और किरदार सभी का पसंद आया। उसी समय से जनता भी अपना नेता अनिल कूपर जैसा ही चाहती है। उस कसौटी पर खरे उतरते हैं राज्य के ‘नायक‘ डिप्टी सीएम बृजेश पाठक।


अनिल कपूर के दूसरे रूप में काम कर रहे डिप्टी सीएम बृजेश पाठक की कार्यशैली को देखकर सियासत में उन्हें अब ‘नायक‘ के नाम से पुकारा जा रहा है। ‘नायक‘ मूवी के अनिल कपूर के दूसरे रूप में बृजेश पाठक को ऐसे ही नहीं देखा जा रहा है, वह काम भी कुछ ऐसा ही कर रहे हैं। योगी सरकार पार्ट-2 में डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ग्रहण करने के बाद स्वास्थ्य विभाग भी झोली में आने से डिप्टी सीएम तो प्रसन्न हुए ही हैं। आमजन भी उनकी कार्यशैली को देखकर कह रही हैं कि नेता हो तो डिप्टी सीएम बृजेश पाठक जैसा। जो जनता की समस्याओं को जमीनी स्तर से चेक करने के लिये अकेले बिना बताये ही यूपी के किसी भी हॉस्पिटल में पहुंच जाते हैं।


उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की सूरत-ए-हाल, जर्जर-ए-हाल हो रही है। इस विभाग को संवारने के लिये डिप्टी सीएम पहले से तो कुछ वाकिफ-ए-हाल थे ही लेकिन वह हॉस्पिटलों में यकायक पहुंचकर वहां की व्यवस्थाओं को आम आदमी के तौर पहुंचकर जायजा ले रहे हैं। आम आदमी के रूप में जमीनी स्तर पर जायजा लेने आये डिप्टी सीएम बृजेश पाठक का पता चलते ही हॉस्पिटल के अधिकारियों व कर्मचारियों में खलबली मच जाती है। हॉस्पिटल में आम आदमी के तौर पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक का आना और उन्हें तीमारदार या मरीज के रूप में व्यवस्थाओं का जायजा लेता देख पब्लिक तो चौंक ही जाती है लेकिन अधिकारियों व कर्मचारियों को असलियत का पता चलता है तो उनमें खलबली मच जाती है। स्वास्थ्य विभाग के दायित्व का पता लगते ही डिप्टी सीएम अचानक राजधानी के हॉस्पिटल में पहुंच गये थे और व्हीलचेयर को जर्जर हालत में देख अधिकारियों का फटकार लगाई थी। ऐसे ही जनपद सीतापुर और बाराबंकी के हॉस्पिटल में यकायक पहुंचकर अधिकारियों व कर्मचारियों की हवा गोल कर दी थी।

बृजेश पाठक योगी सरकार पार्ट-1 में कानून मंत्री के रूप में कार्य कर रहे थे। उस दौरान बृजेश पाठक की अपने विभाग सहित स्वास्थ्य विभाग पर निगाहें रहती थी और वह स्वास्थ्य विभाग को सुधारने के लिये चिट्ठी लिखते थे। खुद पर स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा आने के बाद उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को सख्त निर्देश दे दिये हैं। अगर कोई भी लापरवाही करेगा तो उसका अंजाम उसे भुगतना पडेगा। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के काम करने के अंदाज को देखकर पब्लिक उनकी प्रशंसा कर रही है। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के जन्मदिन पर पेश है खोजी न्यूज की स्पेशल रिपोर्ट...


बृजेश पाठक का जन्म उत्तर प्रदेश के हरदोई जनपद में स्थित मल्लवा कस्बे के मोहल्ला गंगाराम में ब्राहमण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम सुरेश पाठक और माता का नाम कमला पाठक है। सुरेश पाठक के सात संतान है, जिसमें बृजेश पाठक पांचवी संतान हैं। इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया, जहां से उन्होंने बी.कॉम और एम.ए करने के बाद वकालत (एलएलबी) की डिग्री हासिल की। 8 मार्च 1985 को बृजेश पाठक का विवाह न्रमता पाठक से हुआ, जिनके तीन संतान है, एक पुत्री और एक पुत्र। बेटे का नाम कार्तिक पाठक और बेटियों का नाम दीपिका व सांभवी है।

बृजेश पाठक छात्र जीवन से ही सियासी घोड़े पर सवार हो गये थे। लखनऊ विश्वविद्यालय से उन्होंने पहली चुनावी जंग जीती और विश्वविद्यालय के उपाध्यक्ष बने। इसके अगले वर्ष ही अपने बलबूते पर वह वर्ष 1990 में छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गये। समाजसेवा करने के लिये बृजेश पाठक ने कांग्रेस का हाथ पकड़कर सदस्यता ग्रहण की थी। बृजेश पाठक को मल्लावां विधानसभा सीट से वर्ष 2002 में कांग्रेस ने विधानसभा टिकट दिया लेकिन वह जीत से चूक गये। कांग्रेस का हाथ छोड़कर हाथी की सवारी की और बसपा प्रमुख मायावती ने उन्नाव से लोकसभा का टिकट दिया। लोकसभा चुनाव में उन्नाव सीट पर बसपा का परचम लहराते हुए बृजेश ने मायावती के खाते में सीट डाली थी।


इसके पश्चात वर्ष 2009 में बृजेश पाठक को सांसद बनाते हुए राज्यसभा भेजा। मायावती ने उनकी पत्नि नम्रता पाठक को महिला आयोग की उपाध्यक्ष बनाया था। बसपा ने वर्ष 2014 में बृजेश पाठक को लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया लेकिन उस बार वह मोदी लहर के चलते पराजित हो गये। ब्राहमण समाज के साथ सर्वसमाज में मजबूत पकड़ रखने वाले बृजेश पाठक हाथी से उतरे और 22 अगस्त 2016 को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। बृजेश पाठक को भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में लखनऊ मध्य सीट से भरोसा जताते हुए प्रत्याशी बनाया और सपा ने पाठक के सामने रविदास मल्होत्रा को चुनावीरण में उतारा। वर्ष 2017 के चुनावीरण में बृजेश ने सपा सरकार में काबीना मंत्री रहे रविदास मल्होत्रा को मात देते हुए जीत हासिल कर बृजेश ने भाजपा का परचम लहराया।

वर्ष 2017 के चुनाव में प्रचंड बहुमत से जीत हासिल करने के बाद यूपी की सत्ता में आई भाजपा ने बृजेश पाठक को मंत्री बनाकर विधि और न्याय मिनिस्टर के पद का दायित्व सौंपा। पांच साल के कार्यकाल पूरा होने के बाद फिर से हुए वर्ष 2022 विधानसभा चुनाव में बृजेश पाठक को इस बार भाजपा ने लखनऊ कैंट सीट से विधायक पद का कैंडिडेट बनाया। पिछली बार की तरह इस बार भी अपनी मजबूत पकड़ और कायैशैली के दम पर कैंट सीट पर भी जीत हासिल कर भाजपा के खाते में डाली। यूपी की सत्ता में आने के साथ-साथ भाजपा ने इतिहास के पन्नों में रिकॉर्ड दर्ज किया और शपथ ग्रहण समारोह में बृजेश पाठक को आमत्रित कर डिप्टी सीएम के रूप में तोहफा दिया। बृजेश पाठक को डिप्टी सीएम के रूप में चिकित्सा शिक्षा मंत्रालय, परिवार कल्याण मंत्रालय और मातृ व शिशु कल्याण मंत्रालय मिला।


माता जी प्रणाम! मैं नेता नहीं हूं, आपका बेटा हूं, बताईये क्या दिक्कत है?

यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के यूं तो कई फोटो मरीजों के साथ वायरल हुए हैं लेकिन एक फोटो में उन्होंने जमकर तारीफें बटोरी हैं। यह फोटो सूबे की राजधानी लखनऊ के एक हॉस्प्टिल का है। इस फोटो में इलाज कराने आई महिला मरीज के पास बैठकर हाथ जोड़कर प्रणाम करते हैं। उसके बाद उनका हालचाल जानते हैं। यूपी के डिप्टी सीएम की फोटो में देखकर लोगों ने काफी प्रशंसा की। प्रशंसा करें भी क्यों ना, जब काम ही कुछ ऐसा कर रहे हैं। लोग छोटे से पद पर पहुंचते ही अपने छोटे इंसान के पास चेयर पर बैठते हुए ही शर्मिदंगी महसूस करते हैं लेकिन डिप्टी सीएम ने प्रदेश के बड़े ओहदेे पर होते हुए महिला मरीज के पास बैठने से थोड़ा-सा भी गुरेज नहीं किया। किसी ने सही कहा है काम को ही सलाम है। यूपी के डिप्टी सीएम अपने कार्यों से प्रदेश की जनता के साथ-साथ जो भी उनका कार्यों के बारे में सुन या देख रहा है तो वह तारीफ करने में पीछा नहीं हट रहा है। कुछ नेता तो ऐसे होते हैं, जो बड़ा नेता बनने के बाद एक-दो जगह का निरीक्षण करने के बाद थकान महसूस करने लगते हैं लेकिन नायक फिल्म के अनिल कपूर के दूसरे रूप में देखे जा रहे डिप्टी सीएम भी स्वास्थ्य विभाग की कमान मिलने के बाद से लगातार स्वास्थ्य विभाग को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने में जुटे हुए हैं। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के काम का सलाम कर रही है। डिप्टी सीएम जहां भी हॉस्पिटल में निरीक्षण करने जाते हैं तो जैसे आम आदमी दूसरे जानकार का हाल जानता है ऐसे ही परिवार के सदस्य के रूप में मरीजों से वार्ता कर उनका हाल जानते हैं और प्रदेश की जनता को ऐसी सुविधा देने में जुटे है, जिसके बाद पब्लिक को कोई प्रॉब्लम ना हो।

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