संगीत एवं भाषाई संस्कृति के बेमिसाल उदाहरण थे बालासुब्रमण्यम: सोनिया

संगीत एवं भाषाई संस्कृति के बेमिसाल उदाहरण थे बालासुब्रमण्यम: सोनिया

नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संगीत एवं गायकी की दुनिया की महान हस्ती बालासुब्रमण्यम के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि वह देश की समृद्ध संगीत एवं भाषाई संस्कृति के बेमिसाल उदाहरण थे और उनके नहीं रहने से कला एवं संस्कृति की दुनिया फीकी पड़ गई है।सोनिया गांधी ने बालासुब्रमण्यम के पुत्र एसपीबी चरण को भेजे शोक संदेश में शनिवार को कहा," बालासुब्रमण्यम के निधन से मैं बहुत दुखी हूं। उन्होंने छह सप्ताह से अधिक समय तक कोविड का बहादुरी से सामना किया।"

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बालासुब्रमण्यम भारत की समृद्ध संगीत एवं भाषाई संस्कृित के अनूठा उदाहरण थे। उन्होंने तमिल, तेलुगु ,कन्नड,मलयालम और हिन्दी में एक समान सुरीली और भावपूर्ण अंदाज में संगीत को पिरोया। उन्होंने अपनी गायकी से लाखों समर्थकों का दिल जीता और उन्हें सुकून पहुंचाया। उन्होंने कहा," वह वास्तव में पादुम नीला- दि सिंगिंग मून' थे ।दुख की इस घड़ी में आपके परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।"विख्यात कलाकर का कल अपराह्न निधन हो गया। वह 74 वर्ष के थे। कोरोना जांच रिपोर्ट पाॅजिटिव आने के बाद उन्हें पांच अगस्त को चेन्नई के एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गाया था। उनके स्वास्थ्य में कुछ समय पहले सुधार हो रहा था लेकिन परसों शाम उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और 24 घंटे के भीतर ही उनकी स्थिति अत्यंत नाजुक हो गई।

कई भारतीय भाषाओं में सर्वाधिक गाना गाने के कारण उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज है। उन्हें पद्म श्री और पद्म भूषण के अलावा छह राष्ट्रीय पुरस्कारों से भी नावाजा जा चुका है।

वार्ता

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