गृह विभाग के साथ अब CM योगी को अपने अधीन रखना चाहिए PWD डिपार्टमेंट

गृह विभाग के साथ अब CM योगी को अपने अधीन रखना चाहिए PWD डिपार्टमेंट

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार प्रचंड बहुमत के साथ अपनी वापसी कर चुकी है। 5 साल के कार्यकाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने अधीन गृह विभाग के अंतर्गत जिस तरह से अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाकर यूपी में कानून व्यवस्था बेहतर की है । उसी तरह अगर योगी आदित्यनाथ के अधीन लोक निर्माण विभाग भी रहेगा तो उत्तर प्रदेश की खस्ताहाल सड़कों की हालत बदल सकती है।

गौरतलब है कि मार्च 2017 में सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ ने गृह विभाग के मुखिया के रूप में उत्तर प्रदेश पुलिस को स्पष्ट संदेश दे दिया था कि अब यूपी में पुलिस का राज होना चाहिए, बदमाशों का नहीं।

मुख्यमंत्री द्वारा फ्री हैंड देने के बाद यूपी पुलिस ने कुख्यात बदमाशों के खिलाफ ऐसा हल्ला बोला कि बड़े-बड़े माफिया जान बचाने के लिए बदहवास दिखाई पड़े । उत्तर प्रदेश की जेलों में हाउसफुल का बोर्ड दिखाई देने लगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता के चलते 5 साल में उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था 2022 के इलेक्शन में एक बड़ा मुद्दा बनी और योगी सरकार की वापसी में अहम भूमिका निभाई।

इसी तरह जब कोरोना उत्तर प्रदेश में जबरदस्त तरीके से दखल दे रहा था, तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य विभाग को अपने हाथ में लिया और ऐसा प्रबंधन किया कि स्वास्थ्य विभाग की हालत ही बदल गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य विभाग को दुरुस्त करते हुए बहुत से जिलों में एम्स की स्थापना भी शुरू करा दी है। वैसे तो मुख्यमंत्री सरकार के मुखिया होते हैं मगर जब मुख्यमंत्री किसी विभाग में सीधा दखल रखते हैं तो उस विभाग की कायाकल्प होना जरूरी हो जाता है।

वैसे भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि जिस तरह से सख्त प्रशासक की है तो अफसर अलर्ट मोड पर रहते हैं। इसीलिए कुछ लोगों का मानना है कि जिस तरह गृह विभाग और स्वास्थ्य विभाग में बहुत बड़ा बदलाव आया है, अगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोक निर्माण विभाग को अपने पास रख लेते हैं तो उत्तर प्रदेश की बदहाल सड़कों की हालात सुधर सकती है। वैसे तो पूर्वांचल एक्सप्रेस बन चुका है लेकिन अगर जनपद मुख्यालय एवं तहसील मुख्यालय से जोड़ने वाले बहुत से मार्गो की बात की जाए तो अभी हुई इन मार्गो की हालत बदहाल है।

ऐसे में अगर लोकनिर्माण विभाग में काम होगा तो इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गड्ढा मुक्त सड़कों की कल्पना भी पूरी हो सकती है। जानकारों का मानना है कि अगर उत्तर प्रदेश में सड़कों की स्थिति में सुधार आता है तो जिस तरह से 2022 के इलेक्शन में कानून व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा बनी। उसी तरह 2024 के लोकसभा चुनाव भाजपा की जीत में सड़कों में सुधार के बलबूते योगी सरकार अहम भूमिका निभा सकती है।

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