फंसे लोगो के लिए संकट मोचक बने राव अब्दुल वारिस
मुज़फ्फरनगर । कोरोना वायरस के कहर से इस समय पूरा विश्व काँप रहा है ऐसे में पूरा देश भी 24 मार्च से लॉकडाउन है । इस लॉकडाउन के चलते उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों के लोग अन्य प्रदेशों में फंसे हुए है। लॉकडाउन के चलते ऐसे लोग अपने घर भी वापस नहीं आ सकते है। यूपी सरकार ऐसे लोगों की मदद के लिए काम कर रही है लेकिन कुछ लोग सरकार द्वारा की जा रही मदद से लोगो को राहत दिलाने का काम कर रहे है, ऐसे ही एक युवा पूर्व विधायक है राव अब्दुल वारिस । 2007 में तब मुज़फ्फरनगर अब शामली जनपद की विधानसभा थानाभवन से रालोद के टिकट पर पहली बार चुनाव लडे राव अब्दुल वारिस ने पहली ही बार जीत अपने खाते में दर्ज कर ली थी । मुज़फ्फरनगर के दिग्गज नेता रहे राव राफे खां एंव पूर्व विधायक राव मुसर्रत बेगम के बेटे राव अब्दुल वारिस ने पांच साल तक जनता के बीच रहकर काम किया । उसके बाद दो चुनाव में उन्हें भले ही हार मिली हो, मगर 13 साल के अपने राजनैतिक जीवन में वो लगातार जनता के बीच बने रहे। यही कारण है उनको नेता मानने वाले केवल थानाभवन विधानसभा तक ही सीमित नहीं है बल्कि सहारनपुर, शामली और मुज़फ्फरनगर में उनके समर्थक मौजूद है। जनता के प्रति उनकी सोच आज भी मदद करने की है, तभी तो जब लॉकडाउन के चलते जब मुज़फ्फरनगर और शामली के लोग अलग अलग राज्यों में फंस गए तो राव अब्दुल वारिस संकटमोचक बनकर सामने आये है।
दरअसल इन जनपदों के लोग महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और तेलंगना में फंस गए तो उनके परिजनों ने राव अब्दुल वारिस से सम्पर्क कर मदद मांगी । अपनी कार्यशैली के मुताबिक राव अब्दुल वारिस एक्टिव हो गए। उन्होंने उनके परिजनों से उनके नंबर लेकर उनसे जगह और परेशानी का कारण पूछा तो अलग अलग जगह की अलग अलग परेशानी सामने आयी । उसके बाद राव अब्दुल वारिस ने यूपी सरकार द्वारा अन्य राज्यों में फंसे यूपी के नागरिको की मदद के लिए बनाये गए नोडल अफसरों से बात कर इन लोगो की मदद की बात की।
आंध्र प्रदेश के विशाखापटनम में कपडा बेंचने गए मुज़फ्फरनगर के बुढ़ाना इलाके के मुरसलीन कस्सार और उसके साथ 10 लोग फंस गए। खाने की किल्लत थी ऐसे में राव अब्दुल वारिस ने आंध्र प्रदेश के नोडल अफसर प्रमुख सचिव सिंचाई टी वेंकटेश से फोन पर बात कर उनकी मदद की बात की। टी वेंकटेश ने उनके फंसे लोगो के नंबर लेकर बात की और उनके राशन की तुरंत वयवस्था करा दी।
इसके बाद राव अब्दुल वारिस से सम्पर्क किया गुजरात के सूरत में कपड़ा वयापार करने गए शामली के राशिद व् उसके साथियों ने । उन्होंने बताया की वो सूरत के ताज सोसायटी इलाके में फंस गए है। तब राव वारिस ने गुजरात के नोडल अफसर प्रमुख सचिव नगर विकास एंव आवास दीपक कुमार से बात की । राव वारिस और दीपक कुमार की बातचीत के बाद राशिद और उसके साथियों को राशन मिल गया । जिस पर इन लोगों ने राहत की सांस ली।
अब नंबर था सहारनपुर , अलीगढ और मुज़फ्फरनगर के उन 37 लोगो का, जो लॉक डाउन के चलते महाराट्र के अहमदनगर शहर में कबीरा बिल्डिंग हाउस में फंस गए थे। इनके सामने खाने के साथ साथ रहने की भी दिक्कत आ गयी थी। राव वारिस ने महाराष्ट्र के नोडल अफसर लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण से बात करके उनके रहने एंव खाने की व्यवस्था कराने की बात कही । जिसके बाद नितिन रमेश गोकर्ण ने इन लोगो को एक हॉस्टल में रखवाया, जहाँ इन लोगो की देखभाल फादर जॉर्ज कर रहे है। इसके साथ ही महाराष्ट्र के जिला सांगली में मुज़फ्फरनगर और शामली के एक परिवार के साथ फंसे 11 लोगो की भी राव अब्दुल वारिस ने मदद कर साबित किया की इस संकट की घडी में वो इन लोगो के लिए संकटमोचक बन गए है ।