सरकार की जन आधार बन रही वरदान मिल रहा इतनों को लाभ
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर शुरू की गई जनआधार योजना राज्य सरकार की सभी जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभ आमजन तक सरलता एवं सुगमता के साथ पहुंचाने में कारगर सिद्ध हो रही है और करीब सात करोड़ 48 लाख लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन राज्य सरकार का मूलमंत्र रहा है और वह ई-गवर्नेंस को अधिक से अधिक बढ़ावा देकर सर्विस डिलीवरी को बेहतर बनाया जाने का प्रयास कर रही हैं ताकि आमजन तक सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी लीकेज के तेजी से पहुंचे। जन आधार के तहत लगभग एक करोड़ 93 लाख परिवार नामांकित हो चुके हैं और इनके करीब सात करोड़ 48 लाख नांमाकित सदस्यों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है।
योजना के माध्यम से अब तक लाभार्थियों के बैंक खातों में लगभग 50 हजार करोड़ रुपये हस्तांतरण किये जा चुके है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। योजना में अब तक नकद और गैर नकद लाभ के 119 करोड़ रुपए से अधिक ट्रांजेक्शन कर लाभार्थियों को विभिन्न योजनाओं में लाभ दिया गया है।
बेहतर सर्विस डिलीवरी और पारदर्शिता की सोच के साथ शुरू की गई इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन का ही परिणाम है कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के मामले में राजस्थान पूरे देश में चौथे स्थान पर है। सरकार और आमजन के बीच पारदर्शिता बढ़ाने और भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने की दिशा में इस योजना की बड़ी भूमिका कारगर सिद्ध हो रही है।
राज्य सरकार की 70 योजनाओं को जन आधार से जोड़ा गया है। ज्यादातर योजनाओं को इससे जोड़ने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। इस योजना की एक प्रमुख विशेषता यह भी है कि जन आधार कार्ड में मुखिया महिला को चुना जाता है। इससे समाज में महिला सशक्तीकरण की अवधारणा को भी बल मिला है।
राज्य सरकार की सभी योजनाओं का लाभ जन आधार कार्ड के माध्यम से लिया जा सकता है। साथ ही इसका उपयोग पहचान पत्र के रूप में भी किया जा सकता है। यह एक ऐसी महत्वाकांक्षी योजना है जिसमें प्रत्येक परिवार का जन-सांख्यिकीय और सामाजिक-आर्थिक जानकारियों का डेटाबेस तैयार किया जा रहा है ताकि प्रभावी योजनाओं के निर्माण के साथ ही नीति-निर्धारण में आसानी हो और आमजन तक इनका लाभ भी सुगमता से पहुंचे।
वार्ता