बाडे में आग लगने से बकरियों को बचाते पिता-पुत्र की जलकर मौत
श्रीगंगानगर। राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के नोहर तहसील क्षेत्र के गांव खोपडा में आज बाडे में आग लगने से बकरियों को बचाते पिता-पुत्र की जलकर मौत हो गई।
थाना प्रभारी रविंद्रसिंह नरूका ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि सूचना प्राप्त हुई कि खोपड़ा से 3-4 किमी दूर एक खेत में बनी ढाणी के बाडे में आग लग गई है।बाड़े में बकरियों को बचाने के प्रयास में पिता-पुत्र भी झुलस कर मर गए हैं। मौके पर जाकर जांच पड़ताल की गई मृतकों की पहचान सुरजीतसिंह (45) और उसके बेटे कालूराम (16)के रूप में हुई।
थाना अधिकारी के मुताबिक सुरजीतसिंह खेत में ढाणी बनाकर रहता है। ढाणी के पास ही उसने बकरियों के लिए घास फूस का बाड़ा बनाया हुआ है। बाड़े के चारों तरफ लोहे की जालियां लगा रखी थीं। छत में घास फूस और लकड़ियां लगाई हुई थी। बाडे में आने जाने के लिए सिर्फ छोटा सा एक गेट रखा हुआ था। बाडे में रात को रोशनी करने के लिए बल्ब भी लगा हुआ था, जिसकी तारें सूखे घास फूस से बनी छत में लगी हुई थीं। दोपहर करीब अत्यधिक गर्मी के कारण तारों में शॉर्ट सर्किट हो जाने से बाड़े में आग लग गई। ढाणी में मौजूद सुरजीतसिंह बकरियों को बचाने के लिए बारे में घुस गया। पीछे ही 16 वर्षीय बेटा कालूराम भी बाड़े में प्रवेश कर गया।
पिता-पुत्र बकरियों को बाहर निकालने की कोशिश कर रहे थे। तभी हवा तेज होने के कारण आग ने जोर पकड़ लिया। बाड़े की छत ढह गई और छोटा सा दरवाजा बंद हो गया। पिता-पुत्र बाहर नहीं निकल सके। बकरियों के साथ ही जल गए। बॉडी में 15 बकरियां थी। सभी की जलने से मौत हो गई।
वार्ता