मानवता के लिए शर्मनाक- घर के बाहर पड़ा रहा महिला का शव- पति लगाता रहा गुहार
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के बीच हो रही मौतों के बाद लोगों की संवेदनहीनता को देखकर मानवता भी पूरी तरह से शर्मसार हो रही है। अस्पताल में हुई मौत के बाद एंबुलेंस से लाया गया शव घर के बाहर लगभग 5 घंटे तक पडाा रहा। लेकिन गांव का कोई भी लोग कंधा देने नहीं आया। बाद में महिला तहसीलदार ने पहुंचकर शव को कंधा देते हुए श्मशान घाट तक पहुंचवाया।
दरअसल मामला राजस्थान के सीकर जनपद के निकटवर्ती गांव धोद का है। जहां की रहने वाली एक महिला सायर कंवर की बीमारी के चलते एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। अस्पताल की एंबुलेंस के माध्यम से महिला के शव को लगभग 12.00 बजे गांव में लाया गया। एंबुलेंस के साथ आये कर्मी महिला के शव को घर के बाहर ही उतार कर चले गए। महिला का पति शिवबख्श सिंह अपने छोटे पोते पोतियो के साथ आसपास के लोगों से घर के बाहर पड़े पत्नी के शव को शमशान तक लेकर चलने की गुहार लगाता रहा। लेकिन गांव वालों की संवेदना इतनी बुरी तरह मर चुकी थी कि गांव के 4 लोग भी मरी महिला को कंधा देने के लिए नहीं आ सके। बाद में दोपहर लगभग 1.00 बजे तहसीलदार रजनी यादव को फोन किया गया। मामले की जानकारी प्राप्त होते ही तहसीलदार रजनी यादव गांव में पहुंची। उस समय भी महिला के शव को कोई भी व्यक्ति कंधा देने के लिए आगे नहीं आया। आखिर में तहसीलदार ने बीसीएमएचओ से बात करते हुए एंबुलेंस की मदद मांगी। ताकि महिला के शव को अंतिम संस्कार के लिए मुक्तिधाम तक ले जाया जा सके। लगभग 2 घंटे की टालमटोल के बाद भी जब कोई जवाब नहीं आया तो तहसीलदार रजनी यादव ने एंबुलेंस प्रभारी से बात की। तब पता चला कि एंबुलेंस बीमार लोगों के इस्तेमाल में लाई जा सकती है मृतक लोगों के लिए नहीं। इसके बाद तहसीलदार और सरपंच ने मिलकर एक पिकअप का इंतजाम किया और एहतियातन 4 पीपीई किट मंगवाए गए। एक किट खुद पहनकर महिला की अर्थी को तहसीलदार कंधा देते हुए शव को श्मशान घाट लेकर पहुंची। तहसीलदार ने महिला की चिता तैयार कराने के बाद महिला के पति शिवबख्श सिंह के हाथों चिता को मुखाग्नि दिलवाई।