जयपुर में खेला जाएगा भोपाल का गेम, SOG ने किये BJP के दो नेता गिरफ्तार
जयपुर । राजस्थान में अपनी सरकार को लेकर कांग्रेस जिस प्रकार की आशंका जता रही थी, अब वो पुख्ता हो रही है। राजस्थान के स्पेशल आपरेशन ग्रुप ने भाजपा के दो नेताओं को गिरफ्तार भी कर लिया है। एक अन्य मामले की जांच के दौरान एसओजी को वार्तालाप के ऐसे सबूत मिल गये जिससे साबित होता है कि राजस्थान की मौजूदा अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश रची जा रही है। इस बार सचिन पायलट पर दांव लगाने की बात सामने आ रही है। राज्य में सियासी उठापटक के बीच सीएम अशोक गहलोत ने भी भाजपा पर कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश का आरोप लगाया और कहा कि विपक्षी दल कांग्रेस के विधायकों को 15 से 20 करोड़ रुपये तक ऑफर कर रहा है। गहलोत ने कहा कि कोविड संकट के दौरान जहां प्रदेश सरकार लोगों को कोरोना वायरस से बचाने और संक्रमितों को मौत के मुंह में जाने से रोकने के लिए काम कर रही है, वहीं भाजपा राज्य की चुनी हुई सरकार और लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर रही है । भाजपा लगातार हमारी सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है।
गहलोत ने कहा कि कर्नाटक और मध्यप्रदेश में भाजपा ने खरीद-फरोख्त के जरिये ही हमारी सरकारें गिराई हैं। उन्होंने कहा, इसी कड़ी में भाजपा ने हमारे कुछ विधायकों को 15 करोड़ रुपये और अन्य तरह का प्रलोभन दिया है और ऐसा लगातार हो रहा है। हरियाणा में गुरुग्राम से सटे नूंह के एक होटल में 11 जुलाई की देर रात जब लग्जरी गाड़ियां दिखाई पड़ीं, तब यही लगा कि भोपाल की कहानी जयपुर में दोहराई जाएगी। चर्चा तो यहां तक थी कि सचिन पायलट गुट के विधायक और उनके करीबी नेता यहां पहुंच चुके हैं। बहरहाल देश के सामने कोरोना भले ही सबसे गंभीर समस्या हो लेकिन राजनीति के लिए सत्ता की कुर्सी ही महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री गहलोत कहते है कि भाजपा ने राज्यसभा चुनाव के लिए गुजरात में भी विधायकों की खरीद-फरोख्त की थी और अब ऐसा ही उसके नेता कुछ राजस्थान में कर रहे हैं। वहीं ,विधायकों की खरीद फरोख्त के मामले में राजस्थान पुलिस की एसओजी तीन विधायकों खुशवीर सिंह जोजावर, सुरेश टाक और ओम प्रकाश हुड़ला की भूमिका की जांच कर रही है। तीनों ही निर्दलीय विधायक हैं। राज्यसभा चुनाव में तीनों विधायकों ने कांग्रेस का समर्थन किया था। बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस के पास 200 सीटों में में 107 सीटें हैं। वहीं कांग्रेस सरकार को 12 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है। भाजपा के पास 72 विधायक हैं। इससे पहले, कांग्रेस के दो दर्जन विधायकों ने भी आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी राज्य की अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश रच रही है। कांग्रेस के इन विधायकों ने गत 10 जुलाई को देर रात जारी संयुक्त बयान में यह आरोप लगाया था। यह बयान विधानसभा में मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी एवं उप मुख्य सचेतक महेंद्र चैधरी के हस्ताक्षरों से जारी किया गया है। कांग्रेस विधायकों ने संयुक्त बयान में आरोप लगाया है कि भाजपा खरीद फरोख्त एवं अन्य भ्रष्ट हथकंडों के माध्यम से राज्य की जनहितकारी कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश रच रही है। इन विधायकों ने इसे भाजपा का कथित अलोकतांत्रिक एवं भ्रष्ट आचरण करार दिया है। बयान में कहा गया है कि हमारे पास स्पष्ट जानकारी है कि भाजपा के शीर्षस्थ लोग इस षडयंत्र में शामिल हैं जो कांग्रेस के विधायकों एवं समर्थित विधायकों और अन्य से संपर्क कर उन्हें तरह तरह के प्रलोभन देकर गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। संयुक्त बयान में 24 विधायकों के नाम दिए गए हैं जिनमें लाखन सिंह, जोगेंद्र सिंह अवाना, मुकेश भाकर, इंद्रा मीणा, वेद प्रकाश सोलंकी और संदीप यादव सहित कई के नाम शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि यह बयान ऐसे समय में जारी किया गया है, जबकि राजस्थान पुलिस के विशेष कार्यबल एसओजी ने राज्य में विधायकों की खरीद फरोख्त और निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने के आरोपों में मामला ही नहीं दर्ज किया बल्कि गिरफ्तारी भी की है।
इस संबंध में महेश जोशी मुख्य सचेतक कांग्रेस का भी परिवाद प्राप्त हुआ था कि वर्तमान कांग्रेस सरकार के विधायकों व इसको समर्थन दे रहे विधायकों को प्रलोभन देकर राज्यसभा चुनावों में वोटिंग को प्रभावित करने व सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं। एसओजी ने जो वार्ता सुनी, उसमें कहा गया कि उपमुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे के संबंध में वार्ता करते हैं ... बड़े-बड़े राजनैतिक फैसले दिल्ली में हो रहे हैं और 30 जून के बाद घटनाक्रम तेजी से बदलेगा। वार्ता में यह प्रकट हुआ है कि इस तरह वर्तमान सरकार को गिराकर नई सरकार का गठन करवाकर ये लोग 1000 से 2000 करोड़ रुपए कमा सकते हैं। सवाल है कि स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप राजस्थान ने जो सबूत सामने रखा है, उस पर विश्वास न करने का कारण क्या है ? एसओजी ने राज्यसभा चुनाव में राज्य सरकार का तख्तापलट कर धनबल के आधार पर बड़े राजनैतिक बदलाव करने के प्रयासों का खुलासा किया है। एसओजी ने राज्यसभा चुनाव के दौरान कई संदिग्ध मोबाइल फोन नंबर को सर्विलांस पर लिया था। इसमें अवैध हथियारों की तस्करी के लिए मोबाइल नंबर 9929229909 सर्विलांस पर लगाया गया था। इसके साथ- साथ एसओजी ने अवैध विस्फोटक पदार्थों की रोकथाम के लिए 8949065878 मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लगाया था। इन दोनों मोबाइल नंबर पर 13 जून को हुई वार्ता में कई सनसनीखेज तथ्य सामने आए हैं। मोबाइल नंबर पर की गई वार्ताओं में वर्तमान सरकार को गिराने के प्रयास किए जा रहे हैं। एसओजी को यह भी जानकारी मिली कि सुजानगढ़ विधायक रमीला खड़िया को एक भाजपा नेता द्वारा धन का प्रलोभन देकर अपने पक्ष में करने का प्रयास किया जा रहा है। महेन्द्रजीत सिंह मालवीय के संबंध में भी वार्ता की जाती है। कहा जाता है कि महेन्द्रजीत सिंह मालवीय ने पाला बदल लिया है।
कांग्रेस विधायकों एवं निर्दलीय विधायकों को 20 से 25 करोड़ रुपए के प्रलोभन की जानकारी सूत्रों से मिली थी। इन दोनों नंबरों पर हुई वार्ता में सामने आया है कि वर्तमान सरकार को गिराकर नया मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। नए मुख्यमंत्री के लिए अप्रत्यक्ष रूप से राज्य के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का नाम लिया जा रहा है। सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच तनातनी सरकार बनने के समय से ही चली आ रही है। मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर प्रयोग सफल हो चुका है, इसलिए भी एसओजी की रिपोर्ट महत्वपूर्ण हो जाती हैं।