रिश्वत देने जा रहे प्रिंसिपल को ACB ने दबोंचा
बाड़मेर। राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने आरएएस में उत्तीर्ण अभ्यर्थी का साक्षात्कार में चयन करवाने के लिये 20 लाख रुपये रिश्वत राशि देने जा रहे एक प्रिंसिपल सहित तीन आरोपियों को बुधवार देर रात जोधपुर जिले में बीच रास्ते नाकाबंदी करके गिरफ्तार कर लिया।
ब्यूरो की जोधपुर इकाई में उप महानिरीक्षक डॉ विष्णुकांत शर्मा ने बताया कि ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भोपाल सिंह लखावत को गोपनीय सूचना मिली कि बोलेरो कुछ लोग आरएएस में चयनित अभ्यर्थी हरीश पुत्र हनुमानराम निवासी बाड़मेर को साक्षात्कार में ज्यादा अंक दिलाने के लिए भारी रिश्वत राशि लेकर माता का थान जोधपुर से बाड़मेर जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इसके बाद ब्यूरो के दल ने एक संदिग्ध बोलेरो का पीछा करके उसे बाड़मेर के कल्याणपुर थाना क्षेत्र में नाकाबंदी स्थल पर रोका तो उसमें बाड़मेर जिले के बायतु पंचायत समिति के पनावड़ा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रिंसिपल जोगाराम जाट और मदर टेरेसा सीनियर सेकंडरी स्कूल, रीकाे बाड़मेर के संचालक ठाकराराम सारण निवासी बाड़मेर बैठे मिले। उनकी तलाशी ली गयी तो उनसे 20 लाख रुपये बरामद हुए।
डॉ विष्णुकांत शर्मा ने बताया कि दोनों से पूछताछ की गई तो उन्होंने उक्त राशि आरएएस भर्ती परीक्षा-2018 में उत्तीर्ण हरीश पुत्र हनुमानराम को साक्षात्कार में 70 से ज्यादा अंक दिलाने के लिए दलाल जोधपुर के माता का थान निवासी किशनाराम के कहे मुताबिक आरपीएससी में पहचान के व्यक्ति को देना बताया। उनके साथ किशनाराम को भी हिरासत में ले लिया गया।
उन्होंने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि रिश्वत की मांग दलाल किशनाराम ने जोगाराम के जरिए ठाकराराम से की थी। ठाकराराम ने अपने परिजन को साक्षात्कार में अधिक अंक दिलाने की एवज में यह सौदा किया था। डॉ विष्णुकांत शर्मा ने बताया कि इस मामले में अब तक राजस्थान लोकसेवा आयोग के किसी सदस्य या कर्मचारी की भूमिका जानकारी नहीं मिली है। इस पूरे मामले की जांच उनके पर्यवेक्षण में की जा रही है।
वार्ता