बिजली की छीजत रोकने में जुटा बिजली विभाग
झुंझुनू। राजस्थान में झुंझुनू जिले में सरकारी बिजली कंपनी अजमेर डिस्कॉम द्वारा बिजली की बढ़ती छीजत कम करने की कवायद प्रारंभ की जा रही है।
विभागीय सूत्रों ने आज बताया कि इसके लिए जिले के सभी विद्युत कार्यालयों में शिविर लगाए जा रहे हैं। जहां किसान अपने ट्यूबवेल का स्वेच्छा से लोड बढ़वा सकता है। जिले में भूजल तेजी से कम हो रहा है। जिस कारण किसान अपने खेत में लगे ट्यूबवेल में निर्धारित से अधिक क्षमता की मोटर लगा रहे हैं।
सू्त्रों ने बताया कि जिन किसानों के खेतों में मीटर से बिजली की रीडिंग ली जाती है उन पर तो बिजली के बढ़े हुए भार से बिलिंग हो जाती है, लेकिन जिले में करीब 17 हजार किसानों के कुओं पर फ्लेट रेट से बिलिंग होती है। जहां ज्यादा पावर की मोटर लगाने से डिस्कॉम को नुकसान हो रहा है। इस कारण अजमेर डिस्कॉम किसानों के लिए स्वैच्छिक बिजली भार बढ़ाने की योजना शुरू की है। इसमें जो किसान बिजली भार बढ़ोतरी के लिए आवेदन करता है उससे पेनल्टी नहीं ली जाएगी।
सूत्रों ने बताया कि झुंझुनू जिला डार्क जोन में शामिल है। जिले में कृषि भार बढ़ाने को लेकर अक्सर बिजली विभाग के अधिकारियों एवं किसानों में गतिरोध बना रहता है। बिजली विभाग के अधिकारियों पर अक्सर आरोप लगता है कि वे किसान के खेत में जाए बगैर ऑफिस में बैठकर ही विद्युत भार बढ़ा देते हैं। कई बार विजिलेंस टीम भी निर्धारित से अधिक विद्युत भार होने पर वीसीआर भरकर पेनल्टी वसूल करती है। इस कारण किसानों एवं बिजली विभाग में विवाद बना रहता है।
अजमेर डिस्कॉम की ओर से चलाए जा रहे विद्युत भार बढ़ाने के अभियान में किसानों से महज 30 रुपये प्रति एचपी प्रति महीने की दर से दो महीने की धरोहर राशि जमा करवा कर भार बढ़ाया जा रहा है। किसान अक्सर अपने कुएं का लोड नहीं बढ़वाना चाहते हैं, क्योंकि लोड बढ़ने पर उनके बिल में उनको अधिक राशि चुकानी पड़ती है। अभी 10 एचपी के ट्यूबवेल पर 2300 रूपये का बिल आता है। जबकि 5 एचपी का लोड बढ़ाकर 15 एचपी होने पर यह बिल 3300 रूप्ये हो जाता है। अधिक राशि का भुगतान होने के कारण किसान अपने कुएं का लोड नहीं बढ़वाना चाहता है।
वार्ता