मुख्तार अंसारी को लेकर विधानसभा में बवाल-आवभगत में उडा दिये इतने लाख
चंडीगढ। उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को फर्जी एफआईआर के आधार पर सालों तक पंजाब की जेल में रखे जाने के आरोपों को लेकर जमकर बवाल हुआ है। जेल मंत्री की ओर से दावा किया गया है कुख्यात माफिया को 2 साल 3 महीने तक फर्जी एफआईआर के सहारे पंजाब की जेल के भीतर रखा गया और उसका चालान तक अदालत में पेश नहीं किया गया।
मंगलवार को पंजाब विधानसभा में उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया सरगना गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को लेकर जमकर हंगामा हुआ है। राज्य के जेल मंत्री हरजोत बैंस के इस खुलासे के बाद कि मुख्तार अंसारी को पुलिस द्वारा फर्जी एफ आई आर दर्ज कर 2 साल 3 महीने तक 25 कैदियों की क्षमता वाली पंजाब की जेल के कमरे में अकेले ही रखा गया, पंजाब विधाानसभा के साथ राजनैतिक हल्को में हडकंप मच गया है। उन्होंने कहा है कि पुलिस की ओर से जेल में बंद कुख्यात का चालान तक पेश नहीं किया गया। तकरीबन 2 साल 3 महीने तक पंजाब की जेल में पत्नी के साथ रहे मुख्तार अंसारी को कारागार में वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया। जेल मंत्री की ओर से अब इस मामले में मुकदमा दर्ज किए जाने के निर्देश दिए हैं।
पंजाब के जेल मंत्री द्वारा किए गए इस खुलासे के बाद अब जमकर हंगामा होना शुरू हो गया है। राज्य में विपक्षी दल कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा है कि जेल मंत्री ने यह बात विधानसभा के भीतर कही है अगर उनके आरोप सही साबित नहीं हुए तो जेल मंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ेगा।
जेल मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से माफिया सरगना मुख्तार अंसारी के 26 बार प्रोडक्शन वारंट निकाले गये, लेकिन उसे पंजाब से उत्तर प्रदेश नहीं भेजा गया। उन्होंने खुलासा किया कि इस मामले को लेकर जब यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट गई तो इसके विरोध में पंजाब सरकार ने 11 लाख रुपए फीस वाले सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील को हायर किया। अब इसका 55 लाख का बिल आया है। यह बिल हम क्यों दें?।
जेल मंत्री ने बताया कि इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त एक्शन लिया जाएगा।