अर्थी को कंधा देने के लिए हुई लोगों की कमी तो पुलिस आई आगे, दिया कंधा

अर्थी को कंधा देने के लिए हुई लोगों की कमी तो पुलिस आई आगे, दिया कंधा

सहारनपुर। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर की अगुवाई में जनपद की कानून व्यवस्था को सुधारने में लगी जनपद पुलिस अनेक मानवता भरे सराहनीय कार्य करके प्रशंसा बटोरते हुए मित्र की भूमिका पर भी खरी उतर रही है। सरसावा के भीतर पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट की चपेट में आकर मरे युवक की पार्थिव देह को जब कंधा देने के लिए लोगों की कमी हुई तो मित्र बनी पुलिस ने आगे आते हुए मृतक के पार्थिव शरीर को कंधा दिया और उसे श्मशान घाट तक पहुंचाया।

दरअसल सहारनपुर के सरसावा में पटाखा फैक्ट्री के भीतर हुए विस्फोट में मारे गए चार युवकों के परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद ही खराब है। चारों ही फैक्ट्री के भीतर मजबूरीवश काम करते हुए अपने परिवार का लालन पालन कर रहे थे। मृतकों में शामिल सागर, कार्तिक और वर्धन पाल तो पटाखा फैक्ट्री में काम करते हुए पढ़ाई का खर्चा खुद ही उठा रहे थे। मगर वक्त की पडी मार के चलते पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके की चपेट में आकर मौत का शिकार हुआ वर्धन पाल मूल रूप से जनपद मुजफ्फरनगर के खतौली थाना क्षेत्र के गांव भैंसी का रहने वाला था। वर्धन पाल की अंतिम यात्रा के लिए परिजनों की ओर से भैंसी गांव में बुलावा भेजकर वहां से ग्रामीणों को कंधा देने के लिए बुलाया गया था।

लेकिन उसी समय सरसावा थानाध्यक्ष पुलिस के साथ गांव में पहुंच गये और उन्होंने मृतक का अंतिम संस्कार करने की बात कही। वर्धन पाल के परिजनों ने कहा कि अर्थी तो तैयार है लेकिन फिलहाल कंधा देने वालों की कमी है, इस पर सरसावा थाना प्रभारी धर्मेंद्र सिंह और उनके स्टाफ ने तैयार की गई वर्धन पाल की अर्थी को स्वयं कंधा दिया और पार्थिव देह को श्मशान घाट तक पहुंचाया। सरसावा थाना प्रभारी के इस नैतिक कार्य की चारों तरफ प्रशंसा हो रही है।

सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने तो थाना अध्यक्ष के इस कार्य की प्रशंसा करने के साथ-साथ थाना अध्यक्ष की फोटो को ट्वीट किया है जिसमें लिखा है कि पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट के बाद अग्नि पीड़ितों के दाह संस्कार के लिए कोई आगे नहीं आया तो सहारनपुर पुलिस में मदद का हाथ बढ़ाया मानवता पहले

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