गई थी कोरोना वैक्सीन लगवाने-लगा दिया एंटी रैबीज का टीका
शामली। आमतौर पर लापरवाहियां बरतने के आरोप झेलने वाला स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमण के भयावह होते दौर में भी अपनी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं कर पाया है। टीकाकरण केंद्र पर कोरोना संक्रमण से बचाव का टीका लगवाने के लिए पहुंची तीन वृद्ध महिलाओं को स्वास्थ्य कर्मियों ने एंटी रेबीज का टीका देकर घर वापस भेज दिया। घर जाकर एक वृद्धा की हालत बिगड़ी और परिजन उसे इलाज के लिये निजि चिकित्सक के पास ले गये। जब चिकित्सक ने अस्पताल से मिली पर्ची देखी तो मामले का खुलासा हुआ। डीएम ने मामले की जांच कर गठित टीम को शाम तक रिर्पोट देने के निर्देश दिये है।
दरअसल जनपद के कांधला निवासी 70 वर्षीय सरोज, 72 वर्षीय अनारकली और 60 वर्षीय सत्यवती स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बृहस्पतिवार को कोरोना की पहली वैक्सीन खुराक लेने के लिए पहुंची थी। जैसे ही महिलाएं स्वास्थ्य केंद्र पर उपस्थित कर्मचारियों के पास वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंची तो स्वास्थ्यकर्मियों ने तीनों महिलाओं को बाहर से 10 रूपये की खाली सिरिंज मंगवाई और उन्हें टीका लगा दिया। कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाने के बाद खुशी-खुशी तीनों महिलाएं वापस लौट गई। आरोप है कि इसी बीच वृद्ध महिला सरोज की हालत बिगड़ गई।
उन्हें तेज चक्कर आने के साथ घबराहट की शिकायत हुई तो परिजन आनन-फानन में वृद्धा को एक निजी चिकित्सक के पास ले गये। इस दौरान परिजनों ने चिकित्सकों को बताया कि महिला ने कोरोना वैक्सीन लगवाई है। इसके लिए परिजनों ने चिकित्सक को अस्पताल से मिली पर्ची भी दिखाई। पर्ची देखते ही निजी चिकित्सक बुरी तरह से चकरा गए। निजी चिकित्सक ने महिला के परिजनों को बताया कि स्वास्थ्य केंद्र पर महिला को कोरोना वैक्सीन नहीं बल्कि रेबीज का टीका लगाया गया है। इसके बाद जब दो अन्य महिलाओं के परिजनों ने मिली परियों की जांच पड़ताल की तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों की पोल पट्टी खुल कर सामने आ गई।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तीनों वृद्ध महिलाओं को कोरोना वैक्सीन के स्थान पर एंटी रेबीज का टीका लगा दिया गया। मामले को लेकर पीड़ित महिलाओं के परिजनों ने हंगामा करते हुए सीएमओ शामली संजय कुमार अग्रवाल को मामले की शिकायत की और कार्रवाई किए जाने की मांग की है। उधर डीएम जगजीत कौर ने बताया है कि कांधला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का एक प्रकरण प्रकाश में आया है। जिसके संबंध में एसीएमओ और एसडीएम कैराना को जांच के लिए नामित किया गया है। जिसके तहत नामित किए गए अधिकारी शिकायतकर्ता पीड़ित के बयान दर्ज करेंगे और कांधला अस्पताल में ले जाकर पूरी जांच करेंगे। डीएम ने शुक्रवार तक जांच आख्या सौंपने के निर्देश दिए हैं।