जल संरक्षण अधिकारी को इतने लाख रूपये की रिश्वत लेते किया गिरफ्तार
औरंगाबाद। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की जालना इकाई ने सोमवार को औरंगाबाद उप मंडलीय जल संरक्षण निगम के एक अधिकारी और एक लिपिक को 8,53,000 रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया।
एसीबी सूत्रों के अनुसार वैजापुर अनुमंडल के जल संरक्षण अधिकारी और औरंगाबाद अनुमंडल जल संरक्षण कार्यालय के प्रभारी ऋषिकेश प्रल्हादराव देशमुख (34) तथा अन्य एक लिपिक भाऊसाहेब दादाराव गोरे ने एक निर्माण कंपनी के मालिक से दो परियोजनाओं के लिए कुल 1.37 करोड़ रुपये का भुगतान जारी करने की एवज में 8.53 लाख रुपये रिश्वत की मांग की। उन्होंने कहा कि परभणी स्थित एक निर्माण कंपनी को परभणी जिले के गवली-पिवाली में केटी बांध बनाने और उसी जिले के गोविदपुर में एक अन्य निर्माण कार्य का ठेका दिया गया था।
शिकायतकर्ता ने एसीबी जालना कार्यालय में इसकी शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद एसीबी ने देशमुख को एक कार में शिकायतकर्ता से रिश्वत की राशि स्वीकार करते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। उसके सहयोगी गोरे को भी गिरफ्तार कर लिया गया। इसी तरह एक अन्य मामले में एसीबी की औरंगाबाद इकाई ने सोमवार को गंगापुर कार्यालय के भूमि सर्वेक्षक उपाधीक्षक को 30,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
एसीबी के प्रेस बयान में कहा गया है कि आरोपी भूमि सर्वेक्षक सलोबा लक्ष्मण वेताल (51) ने शिकायतकर्ता के स्वामित्व वाली भूमि के माप के लिए 40,000 रुपये मांगे थे। अंत में सौदा 35,000 रुपये में तय हुआ। शिकायतकर्ता ने एसीबी कार्यालय में वेताल के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी। इसके बाद एसीबी की टीम ने गंगापुर स्थित भू-सर्वेक्षक के परिसर में जाल बिछाया और वेताल को शिकायतकर्ता से 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।