गुनाहों पर पर्दा-अखिलेश से पहले मनीष की पत्नी को ले जाने की कोशिश
कानपुर। गोरखपुर घूमने गए प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की पिटाई से हुई मौत के मामले पर पुलिस अपने गुनाहों पर पर्दा डालने के प्रयासों में जुट गई है। सपा मुखिया अखिलेश यादव के मनीष के घर पहुंचने से पहले ही पुलिस उसकी पत्नी को उठाकर कहीं ले जाने लगी। लेकिन सपा कार्यकर्ताओं व पडोसियों के हंगामे के चलते वह अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सकी।
गोरखपुर पुलिस की पिटाई से हुई प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की मौत का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। एक तरफ पुलिस इस मामले पर लीपापोती करते हुए अपने गुनाहों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। वही दूसरी तरफ मनीष गुप्ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पुलिस द्वारा रची गई कहानी की पोल पट्टी खोलकर सभी के सामने रख दी है। इतना होने के बाद भी पुलिस अपनी करनी में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। सपा मुखिया एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के मृतक मनीष गुप्ता के घर जाने के कार्यक्रम के चलते पुलिस पूर्व सीएम के मनीष के घर पहुंचने से पहले ही उसकी पत्नी मीनाक्षी को अपने साथ कहीं लेकर जाने लगी। पडोसियो व सपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस के इस प्रयास का पता चलने पर पुलिस की इस कार्यप्रणाली के विरोध में जमकर हंगामा कर दिया।
जिसके चलते पुलिस अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सकी। पुलिस की हड़बड़ी और अपने कारनामों पर पर्दा डालने का इसी बात से पता चलता है कि गोरखपुर के रामगढ़ताल से प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता का शव जैसे ही बुधवार को जब कानपुर पहुंचा तो पुलिस उसके अंतिम संस्कार कराने के प्रयासों में जुट गई। बृहस्पतिवार को सीएम का कानपुर आने का कार्यक्रम होने की वजह से पुलिस अफसर किसी भी ऐसे हालात को टालने के लिए शाम को ही शव का अंतिम संस्कार करने के लिए मनीष के घरवालों को समझाते रहे। इतना ही नहीं पुलिस पूरी रात कारोबारी के घर के बाहर ही डटी रही। इसके बाद बृहस्पतिवार को भोर की पहली किरण फूटने के साथ ही पुलिस द्वारा परिवारजनों की मौजूदगी में तकरीबन 4.30 बजे मनीष के शव को एंबुलेंस में रखवाकर भैरव घाट पहुंचाया गया और वहां पर पुलिस ने उसका अंतिम संस्कार कराया। इस दौरान भारी पुलिस फोर्स तैनात रहा।