ड्यूटी के दौरान पारदर्शिता के लिए यातायात पुलिस को मिले बॉडी बॉर्न कैमरे
देहरादून। उत्तराखंड के यातायात (ट्रैफिक) पुलिस निदेशालय की ओर से सड़क सुरक्षा एवं यातायात व्यवस्था को बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे है। इस वर्ष यातायात निदेशालय द्वारा यातायात प्रवर्तन की कार्यवाही में पारदर्शिता, दुर्व्यवहार पर रोक एवं सड़क दुर्घटना के बाद साक्ष्य जुटाने में वीडियो रिकार्डिंग के उद्देश्य से एक सौ (100) अदद बाडी वार्न कैमरा क्रय किये गये है।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी व राज्य ट्रैफिक पुलिस के निदेशक मुख्तार मोहसिन ने शनिवार को बताया कि ट्रैफिक पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार करने की शिकायतों के बाद पारदर्शिता के लिए देहरादून जनपद में सर्वाधिक 25 बॉडी बॉर्न कैमरे उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने बताया कि इन का उपयोग अनेक स्थितियों, जैसे पुलिस द्वारा अपनी सुरक्षा और संग्रहीत साक्ष्य के लिए, या सुरक्षा और सुरक्षा के उद्देश्यों के लिए एवं दुर्व्यवहार पर रोक हेतु प्रयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि यह कैमरा व्यक्ति के शरीर पर पहना जाता है, ताकि वह उसी क्षण को रिकॉर्ड कर सके, जब वह किसी घटना का हिस्सा बन रहे हों।
मुख्तार मोहसिन ने बताया कि बाडी वार्न कैमरा के सम्बन्ध में पूर्व में ही जनपदों को प्रवर्तन की कार्यवाही में अति आवश्यक रुप से इनके प्रयोग करने के निर्देश दिए गए हैं।इसके साथ ही प्रत्येक जनपद के यातायात निरीक्षक अथवा सिटी पेट्रोलिंग यूनिट प्रभारी सप्ताह में एकबार तथा पुलिस अधीक्षक,यातायात 15 दिवस में एक बार वीडियों रिकार्डिंग चैक अवश्य करेंगे। उन्होंने बताया कि इस वर्ष क्रय किये गये कैमरे सिम आधारित होने के कारण इन्हें टोल फ्री नंबर 112 से इंट्रीगेट करने के लिए भी जनपदों को निर्देशित किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग जनपदों में तीन-तीन, टिहरी गढ़वाल में चार, पौड़ी गढ़वाल में पांच, देहरादून में सर्वाधिक 25, जबकि मैदानी जनपदों हरिद्वार, उधमसिंह नगर तथा नैनीताल में 15, 15 बॉडी बॉर्न कैमरे प्रदान किए गए हैं। इसके अलावा, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर और चम्पावत जनपदों में तीन-तीन कैमरे उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस तरह पूरे राज्य में एक सौ कैमरे दिए गए हैं।
वार्ता