मुंह में कपड़ा ठूंसकर लगाई आग- चौथी मंजिल से दरोगा के बेटे ने लगाई

मुंह में कपड़ा ठूंसकर लगाई आग- चौथी मंजिल से दरोगा के बेटे ने लगाई

झांसी। अपने मुंह में कपड़ा ठूंसने के बाद शरीर पर पेट्रोल डाल कर आग लगाने वाले दरोगा के बेटे ने चौथी मंजिल से नीचे छलांग लगा दी। इस वीभत्स सुसाइड में दरोगा के बेटे की जिंदा जलकर मौत हो गई है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह युवक के बदन में लगी आग को बुझाया, लेकिन उस समय तक उसकी मौत हो चुकी थी।

झांसी के सीपरी बाजार थाना क्षेत्र की मसीहा गंज चौकी के पीछे स्थित चित्रकूट कॉलोनी में रहने वाले दरोगा के बेटे ने हौलनाक कदम उठाते हुए चौथी मंजिल से कूद कर सुसाइड कर लिया है। चित्रकूट कॉलोनी में रहने वाले आरपीएफ के सब इंस्पेक्टर मनोज कुमार रजक का 26 वर्षीय बेटा मयूर रजक दिल्ली जाकर यूपीएससी की तैयारी कर रहा था। लेकिन डेढ़ साल बाद ही कोरोना की वजह से उसे घर लौटना पड़ गया था। इसके बाद अब मयूर घर से ही यूपीएससी की तैयारी कर रहा था।

यूपीएससी में लगातार असफल रहने की वजह से मयूर तनाव में रहने लगा था। अपनी मां अनीता के साथ रहने वाले मयूर ने दूसरे कमरे के भीतर अपना स्टडी रूम बना रखा था। बीते दिन की रात मयूर ने अपनी स्कूटी में पेट्रोल भरवाया था, जिस समय युवक की मां अनीता सो गई तो उसने पाइप डालकर बाल्टी में पेट्रोल निकाला और सीढ़ियों के माध्यम से चौथी मंजिल पर पहुंच गया। वहां पहुंचकर मयूर ने अपने मुंह में कपड़ा ठूंसा और बाद में शरीर पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली।

जैसे ही शरीर में जलन महसूस हुई वैसे ही वह नीचे कूद गया। तड़के तकरीबन 3:15 बजे मोहल्ले में ही रहने वाला सिपाही पंकज जब ड्यूटी करके घर लौट रहा था तो उसने सड़क किनारे मयूर को जलते हुए देखा। सिपाही ने तुरंत मामले की जानकारी सीपरी पुलिस थाने को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने पानी डालकर मयूर के बदन में लगी आग को बुझाया। लेकिन उसे समय तक उसकी मौत हो चुकी थी। इसके बाद पुलिस ने लोगों को जगाया, सबसे बाद में मयूर के घर का दरवाजा खटखटाकर उसकी मां को उठाया गया।

पुलिस ने अनीता से बेटे के बारे में पूछा तो वह बोली की मयूर कमरे में सो रहा है, लेकिन जब मां कमरे के भीतर गई तो वहां पर मयूर नहीं था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस को मयूर के कमरे से एक सुसाइड नोट भी लिखा है जिसमें मयूर ने कहा है कि मुझे अपने परिवार और दोस्तों से कोई दिक्कत नहीं है। किसी को भी परेशान नहीं किया जाए और मेरे शव का पूरे विधि विधान से संस्कार किया जाए।

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