किसानों के जत्थे को दिल्ली पुलिस ने रोका-हुई धक्का-मुक्की
नई दिल्ली। फसलों के न्यूनतम मूल्य को लेकर एमएसपी कानून बनाने एवं मृत किसानों के परिवारजनों को मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों के जत्थे ने जुलूस की शक्ल में दिल्ली के जंतर मंतर की ओर प्रस्थान किया। लेकिन सिंघु बॉर्डर के पास पहुंचते ही किसानों के जत्थे को दिल्ली पुलिस ने रोक लिया और वापस जाने को कहा, लेकिन किसान जंतर मंतर की तरफ जाने की बात पर अड़ गए। दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर सोनीपत पुलिस के हवाले कर दिया।
रविवार को भारी संख्या में इकट्ठा हुए किसान जुलूस के रूप में दिल्ली के जंतर मंतर की तरफ धरना देने के लिये चल दिए। किसानों का यह जुलूस जैसे ही राजधानी के सिंघु बॉर्डर के पास पहुंचा तो पहले से ही सचेत हुई दिल्ली पुलिस ने किसानों के जत्थे को रोक लिया और वापस जाने को कहा। जब किसान जंतर मंतर की तरफ जाने की बात पर अड़ गए तो दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेते हुए सोनीपत पुलिस के हवाले कर दिया। हरियाणा की कुंडली थाना पुलिस किसानों को थाने ले गई और वहां से रिहा कर दिया। उल्लेखनीय है कि सरकार से समझौते को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा से अलग राय रखने वाले तकरीबन 50 किसानों के एक जत्थे ने आंदोलन स्थगित होने के बाद से ही घर वापसी की बजाय कुंडली बॉर्डर के पास धरना देना शुरू कर दिया था। इनमें से 26 किसानों ने खुद को धरने के दौरान जंजीरों से बांध रखा था। प्रदर्शनकारी सतनाम, राजेंद्र एवं नरेश आदि का कहना है कि किसान मोर्चा ने सरकार से मिलीभगत करते हुए मांगे पूरी हुए बगैर ही आंदोलन स्थगित करते हुए किसानों के साथ धोखा किया है। वह उस समय तक यहां संघर्ष करते रहेंगे, जब तक सरकार एमएसपी गारंटी कानून नहीं बनाती।