संडे स्पेशलः पुलिस मैनेजमेंट के मास्टर IPS कलानिधि बने क्रिमिनलों पर काल

संडे स्पेशलः पुलिस मैनेजमेंट के मास्टर IPS कलानिधि बने क्रिमिनलों पर काल

मेरठ। इंजीनियर द्वारा मन में सोच तैयार की गई कि उनको आईपीएस अफसर बनना है क्योंकि उनकी राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित प्रिंसिपल उनकी माता अपने दोनों बेटो को वर्दी में देखना चाहती थी। यही वजह थी कि इंजीनियर से आईपीएस अफसर की मंजिल को चुनने के लिये युवा ने योजना बनाई और सेल्फ स्टडी शुरू कर दी। इधर नौकरी करते रहते और आने के बाद उधर पढ़ाई करते रहे। पहले प्रयास में सफल नहीं हुए थे। बेटे को वर्दी में देखने के मां के सपने और खुद के जनसेवा करने के सपने के चलते खुद को ढ़ीला नहीं होने दिया और उससे ज्यादा जोश के साथ फिर सिविल सर्विसेज की परीक्षा को क्रेक कर बन गये साल 2010 बैच के आईपीएस अफसर। आईपीएस अफसर यूपी में कई जिलोें में कप्तानी के तौर पर सुपीरियर पुलिसिंग कर चुके हैं। कोविड़ काल में उन्होंने हेल्पिंग मोड़ में रहते हुए अपने अधीनस्थों के साथ मिलकर पुलिसिंग की तो वहीं पर कानून व्यवस्था को पुख्ता बनाये रखने के लिये सख्त अंदाज में बदमाशों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई हो या फिर उनकी आर्थिक रूप से कमर तोड़ने के मकसद से उनकी सम्पत्ति जब्त करना हो या फिर गुम या अपहरण किये गये बच्चों को सकुलश बरामद कराना हो। तेजतर्रार आईपीएस अफसर द्वारा की गई पुलिसिंग का ही नतीजा है कि उन्हें डीजी कमांडेशन डिस्क गोल्ड, सिल्वर और प्लेटिनियम मिल चुका है। अब यह अफसर डीआईजी बन गये हैं, जिनकी डीआईजी के रूप में दूसरी पोस्टिंग मेरठ रेंज में हैं। जीं हां हम बात कर रहे हैं आईपीएस कलानिधि नैथानी की। आईपीएस कलानिधि नैथानी पर पेश है खोजी न्यूज की खास रिपोर्ट...


उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में निवास करने वाले उमेश चन्द्र नैथानी के परिवार में 24 मार्च 1983 को एक बच्चे ने जन्म लिया, जिसका नाम रखा गया कलानिधि नैथानी, जो अपने पिता के छोटे पुत्र हैं। उनके बड़े भाई का नाम नितिन नैथानी है। आईपीएस कलानिधि नैथानी की माता देहरादून के कॉलेज में प्रिंसिपल रही है, जो राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित प्रिंसिपल थी। उनके पिता गढ़वाल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रहे हैं। उनकी माता अपने दोनों बेटे (नितिन नैथानी और कलानिधि नैथानी) को वर्दी मे ंदेखना चाहती थी। कलानिधि नैथानी के बड़े भाई नितिन नैथानी सेना में कर्नल के पद पर तैनात हैं। उनकी पत्नी दीप्ति चंदोला आईआरएस ऑफिसर है। आईपीएस कलानिधि नैथानी की स्कूल शिक्षा पौड़ी गढ़वाल के एक स्कूल से पूर्ण हुई। इंटरमीडिएट की शिक्षा उन्होंने यूपी के मथुरा जिले आर्मी स्कूल से ग्रहण की। पतंगनगर से इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन से बी.टेक की डिग्री हासिल की। इसके बाद आईपीएस कलानिधि नैथानी ने उस्मानिया विश्वविद्यालय हैदाराबाद से पुलिस प्रबंधन में मास्टर्स की डिग्री ली।

आईपीएस कलानिधि नैथानी ने भाभा एटॉमिक अनुसंधान केन्द्र में वैज्ञानि अधिकारी भारत सरकार के सी डॉट यानी सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टैक्सीमैट्रिक्स बेंगलुरू एवं दिल्ली में पांच सालों तक कार्य किया। बेंगलुरू से ही आईपीएस कलानिधि नैथानी ने सिविल सर्विसेज में जाने की सोच बनाकर परीक्षा और इंटरव्यू को क्रेक करने की तैयारी में जुट गये थे। आईपीएस कलानिधि नैथानी एक इंटरव्यू में बताते हैं कि वह सप्ताह में 6 दिन में प्रतिदिन में रात के 9 बजे से लेकर रात के 12 बजे तक एकांत में पढ़ाई करते थे क्योंकि सुबह 9 बजे से लेकर शाम के पांच बजे तक जॉब पर रहते थे और इसके बाद 6 बजे से अपने दोस्तों के संग खेलते थे। 9 बजे फ्री होने के बाद तीन घंटा का समय पढ़ाई को देते थे। सप्ताह के एक दिन वह अपने दोस्तों के साथ घूमने जाते थे। अगर ऑफिस में खाली समय होता था तो वह ऑनलाइन अखबार पढ़ते थे।


आईपीएस कलानिधि नैथानी सिविल सर्विसेज के पहले प्रयास में इंटरव्यू तक पहुंचे लेकिन सफल नहीं हो पाये। इसके बाद उन्होंने दोबारा सिविल सर्विसेज के इंटरव्यू का नंबर आया तो उन्होंने एक दिन की दिल्ली में एक कोचिंग सेंटर से कोचिंग ली। इसके बाद जब सिविल सर्विसेज के रिजल्ट आया तो उसमें कलानिधि नैथानी भी पास हो गये थे। जब आईपीएस कलानिधि नैथानी का रिजल्ट आया था तो वह कम्पनी में अपने साथियों के साथ काम कर रहे थे। उन्होंने जब यह बात अपने साथियों को बताई तो उन्हे ंयकीन नहीं हुआ क्योंकि कलानिधि नैथानी के बारे में उनके कम्पनी के साथियों को नहीं पता था कि वह सिविल सर्विसेज में जाने की तैयारी में जुटे हुए थे। इसके बाद उनके घर और कम्पनी में जश्न का माहौल बना रहा। कलानिधि नैथानी को आईपीएस बना गया।

साल 2010 बैच के आईपीएस अफसर कलानिधि नैथानी बरेली, कुंभ मेला, सहारनपुर में सहायक पुलिस अधीक्षक, पीएसी की 38वीं वाहिनी और 9वीं वाहिनी में सेनानायक, पुलिस मुख्यालय इलाहाबाद में पुलिस अधीक्षक, कन्नौज, फतेहपुर, मिर्जापुर और पीलीभीत के एसपी रह चुके हैं। इसके अलावा आईपीएस कलानिधि नैथानी बरेली, गाजियाबाद, लखनऊ और अलीगढ़ जैसे जिलों में बतौर एसएसपी पुलिसिंग कर चुके हैं। लखनऊ में बतौर एसएसपी आईपीएस कलानिधि नैथानी ने लगभग दो साल तक पुलिसिंग की। प्रमोशन मिलने के बाद डीआईजी बने कलानिधि नैथानी को झांसी रेंज का डीआईजी बनाया गया। इसके बाद तबादला करते हुए अब शासन ने उन्हें मेरठ रेंज का डीआईजी बनाया है।


गाजियाबाद के पुलिस कप्तान रहते हुए कलानिधि नैथानी ने दिल्ली में भड़की हिंसा गाजियाबाद में पहुंची तो सख्त लॉ एंड ऑर्डर के चलते दंगों को नियंत्रित किया था। कोविड का समय आया तो आईपीएस कलानिधि नैथानी ने अपने अधीनस्थों को बगल में डंडा रखकर हेल्पिंग मोड़ में रहने का आदेश दिया। कोविड काल में आईपीएस कलानिधि नैथानी के नेतृत्व में उनके अधीनस्थों ने पब्लिक की मदद करने का काम किया था।

आईपीएस कलानिधि नैथानी की जब कन्नौज में पोस्टिंग थी तो उस दौरान उन्होंने चार साल से गुम बच्चे को सकुशल बरामद कराया था। वहीं पर एक बच्चें को सकुशल बरामद कराया था। इस दौरान अपराधियों से पुलिस की लाइव फायरिंग भी चली थी। आईपीएस कलानिधि नैथानी ने अलीगढ़ में एसएसपी रहते हुए हॉस्पिटल से चोरी हुए 6 बच्चों को सकुशल बरामद कर उनके परिवार को सौंपा था। वहीं एक बच्चे को देहरादून रेलवे स्टेशन से बरामद कराकर उनके परिजनों को सुपुर्द किया था, जिसे भीख मंगवाने के लिये उठाया गया था। इतना ही नहीं आईपीएस कलानिधि नैथानी ने अपने पुलिस कार्यकाल में 50 से ज्यादा बच्चों को सकुशल बरामद कराने का काम किया, जिसमें से अधिकतर ऐसे बच्चे थे, जिन्हें अपना नाम भी बोलना नहीं आता था।


अलीगढ़ में पुलिस कप्तान की कमान संभालने के दौरान उन्होंने 1 जनवरी को 23 बदमाशों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की थी। ऐसे ही उन्होंने करीब 600 बदमाशों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई थी, जिसके चलते बदमाशों में दहशत का माहौल पैदा हो गया था। अलीगढ़ में जिले में उनके द्वारा बदमाशों की आर्थिक रूप से कमर तोड़ते हुए करीब 100 करोड़ से अधिक की सम्पत्ति को जब्त कराने का भी काम किया गया।

आईपीएस कलानिधि नैथानी गाजियाबाद में वरिष्ठ पुलिस कप्तान की बागडोर संभालने के दौरान हरसांव स्थ्ति पुलिस लाईन के पुलिस मॉडर्न स्कूल में कलानिधि नेैथानी अध्यापक बने। आईपीएस कलानिधि नैथानी ने बच्चों की क्लास में जाकर कई सवाल पूछे। बच्चों ने उनके सवालों का ज्वाब खुशी से दिया मगर सवालों के ज्वाब कुछ सही नही मिले। गाजियाबाद के तत्कालीन एसएसपी कलानिधि नैथानी द्वारा पुलिस मॉडर्न स्कूल गाजियाबाद का आकस्मिक निरीक्षण किया गया था। इस दौरान आईपीएस कलानिधि नैथानी द्वारा संबंधित उच्चाधिकारीगण को स्कूल में नया प्रशासनिक भवन बनाने, कक्षाओं में नया फर्नीचर लगाने, प्रयोगशालाओं को हाईटेक बनाने, प्ले ग्राउंड की मरम्मत, अल्पाहार के लिए कैंटीन व्यवस्था शुरू करने, बिजली हेतु सौरलाइट लगवाने, छात्रों के लिए पेयजल व वाशरूम की सुव्यवस्था करने हेतु निर्देशित किया गया था।

Next Story
epmty
epmty
Top