SSP का हंटर- शराब माफिया चित
लखनऊ। वर्तमान में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव का आगाज हो चुका है। उत्तर प्रदेश की बात करें, तो प्रदेश में इस समय चुनावी सरगर्मियां उफान पर हैं। मुजफ्फरनगर में 10 फरवरी को मतदान होना है, इसके लिए सभी राजनैतिक दलों के प्रत्याशियों ने अपनी-अपनी ताकत झोंक दी है। बड़े-बड़े नेताओं का दौरा हो रहा है जो कि अपने-अपने प्रत्याशियों के समर्थन में जनता से वोट करने की अपील कर रहे हैं।
कुल मिलाकर कोरोना के चलते शोरगुल तो नहीं है, लेकिन चुनावी सरगर्मियों के कारण ठिठुराती ठंड प्रत्याशियों व उनके समर्थकों को नहीं लग रही है, बल्कि उन्हें पसीना आ रहा है। वहीं पुलिस-प्रशासन भी पूरी तरह से चुनाव की तैयारियां में जुटा हुआ है। इन सबसे इतर कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो चुनाव में अंगूर की बेटी का अवैध कारोबार करने से नहीं चूक रहे हैं। कोई अन्य राज्यों से लाकर प्रदेश में शराब की सप्लाई करने के सपने संजोये हुए है, तो कोई खुद ही कच्ची शराब का निर्माण भट्टी लगाकर कर रहा है। पूर्व में भी कई बार देखा गया है कि चुनाव के दौरान शराब की बड़ी भारी मात्रा में खपत होती है। कुछ लोग अपने प्रत्याशी के समर्थन में मतदान करने के लिए शराब का सहारा लेते हैं, तो कुछ लोग डराकर व शराब देकर मतदाताओं को अपनी वोट डालने के लिए विवश करते हैं। जो लोग समझदार है, वह तो इन झंझावतों से दूर ही रहते हैं, लेकिन जो लोग अशिक्षा का शिकार हैं या फिर उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब है, वह इन प्रलोभनों में या फिर दबाव में आकर किसी के पक्ष में मतदान करने के लिए मजबूर हो जाते हैं। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होने वाला है।
जनपद मुजफ्फरनगर की ही बात करें, तो एसएसपी ने आदर्श आचार संहिता लागू होते ही इन बातों पर गंभीरता से विचार कर लिया था। उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जनपद पुलिस को शराब माफियाओं के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिये थे। अपने कप्तान के आदेशों का पुलिस द्वारा पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। इसी का परिणाम यह है कि रोजाना ही लाखों रुपये की अवैध शराब के साथ शराब तस्कर गिरफ्तार होकर जेल जा रहे हैं। यही नहीं, अब तक जनपद पुलिस दो दर्जन से ज्यादा अवैध रूप से चल रही शराब की भट्टियों को नष्ट कर चुकी है। मौके से बरामद शराब को या तो नष्ट कर दिया गया है या फिर सीज कर दिया गया है। सवाल यह है कि आखिर चुनाव हो या फिर आम दिन क्यों कुछ लोग अन्य नागरिकों की जान को दांव पर लगाने से नहीं चूकते। शराब का अवैध कारोबार करने वाले लोगों के मन में यह बात क्यों नहीं आती कि उक्त शराब जो कि वे बना रहे हैं, वह शराब किसी तरह से उनके अपनों तक भी पहुंच सकती है और उनके अपनों का भी वही हाल हो सकता है, जो कि आम नागरिकों को कच्ची या फिर जहरीली शराब पीने से होता है।
अब तक ऐसे बहुत से ऐसे मामले हो चुके हैं, जिनमें जहरीली शराब पीने से बहुत से लोगों की जानें जा चुकी हैं। शराब की भट्टियों को नष्ट करने के बाद पुलिस को अधिकांश हर स्थान से यूरिया बरामद हुआ है। यूरिया का इस्तेमाल कर जो शराब बनाई जा रही है, वह शरीर के लिए कितनी खतरनाक है, इसका अंदाजा कोई बच्चा भी आसानी से लगा सकता है। जो भी लोग इस अवैध धंधे में जुड़े हुए हैं, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करना पुलिस का दायित्व तो है ही, साथ ही आम नागरिकों का भी यह कर्तव्य है कि वे ऐसे लोगों की सूचना पुलिस को दें। विधानसभा चुनाव के दौरान पुलिस द्वारा जिस तरह से शराब माफियाओं पर हंटर चलाया जा रहा है, वह काबिले तारीफ है।