बदमाशों की आने वाली है शामत - SSP का दस्ता करेगा निगरानी

बदमाशों की आने वाली है शामत - SSP का दस्ता करेगा निगरानी

प्रयागराज। आईपीएस अफसर हैं अजय कुमार पांडेय। जिस जनपद में तैनात रहते हैं , वहां बदमाशों की शामत शुरू हो जाती है। इसकी वजह है आईपीएस अजय कुमार जहां बदमाशों पर कोई रियायत नहीं करते है वही उनका आम आदमी से जुड़ाव बना रहता है। अब प्रयागराज के एसएसपी के तौर पर अजय कुमार पांडे ने बदमाशों की निगरानी के लिए अपना दस्ता तैयार कर फील्ड में उतार दिया है।शामली के हालचाल दस्ते के बाद अब प्रयागराज में क्या है, अजय कुमार पांडे का यह निगरानी दस्ता। पढ़िये खबर .......

दरअसल आईपीएस अफसर अजय कुमार पांडे, जिस जिले में बतौर कप्तान रहते है वहां वो अपराधियों में पुलिस का खौफ बरकरार रखना चाहते हैं। यही वजह है शामली, फिरोजाबाद, मैनपुरी, हरदोई या प्रयागराज, पुलिस कप्तान के तौर पर अजय कुमार पांडे अपराधियों पर शिकंजा कस कर रखते हैं । वहीं आम जनमानस के बीच में गुड पुलिसिंग का संदेश उनकी तरफ से मिलता रहता है।


शामली में पोस्टिंग के दौरान कई कार्य योजनाओं को अमला पहनाते हुए उन्होंने बेहतर काम किया था। इन्हीं कार्य योजनाओं में एक था हाल-चाल दस्ता, जो क्षेत्र के संभ्रांत लोगों से पुलिस और अपराधियों की फीडबैक लेकर उस पर काम करता था। ऐसे ही प्रयागराज के एसएसपी के तौर पर अजय कुमार पांडे ने बदमाशों के खिलाफ निगरानी दस्ते का गठन किया है। इस निगरानी दस्ते के गठन के बाद से कुख्यात अपराधियों, गैंगस्टर एवं दबंग लोगों की प्रयागराज में शामत आने वाली है।

एसएसपी ने जनपद प्रयागराज के 40 थानों में अलग अलग एक निगरानी दस्ते का गठन किया है। जिसमें क्राइम और क्रिमिनल पर पकड़ रखने वाले हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल को तैनात किया जाएगा। एक मोटरसाइकिल पर दो तेजतर्रार पुलिसकर्मी निगरानी दस्ते की टीम बनकर क्षेत्र के अपराधियों, लुटेरे , चोर एवं बाहुबली लोगो की निगरानी करेंगे। ऐसे लोगों की जब पुलिस निगरानी करेगी तो उनमें पुलिस की दहशत बरकरार रहना लाजमी है। आज प्रयागराज जोन के एडीजी ने जनपद के सभी राजपत्रित पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में निगरानी दस्ते के 80 पुलिसकर्मियों को ब्रीफ करते हुए निगरानी दस्ते की टीम को उनका काम समझाया।

प्रयागराज के निगरानी दस्ते से पहले जानिए क्या था शामली का हाल-चाल दस्ता

अपराध की दृष्टि से शामली जनपद की जटिल स्थिति को भांपते हुए उस पर प्रभावी नियंत्रण करने के लिए आईपीएस अफसर अजय कुमार ने बतौर पुलिस अधीक्षक जोश के साथ होश से भी काम लिया है। इसके तहत उन्हें जहां जोश अर्थात ताकत की जरूरत महसूस हुई , उसका भरपूर इस्तेमाल किया और अपराधियों पर नकेल कसकर अपराध पर प्रभावी नियंत्रण प्राप्त किया और जहां तकनीक की जरूरत हुई तो वहां उन्होंने तकनीक का भी बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया , जिससे अपराध और अपराधियों के सिर पर कार्रवाई की तलवार हमेशा लटकती दिखायी देने लगी । एसपी अजय कुमार ने आमजन सहित शामली के प्रबुद्ध लोगों में पुलिस का संदेश पहुंचाने सहित फीडबैक प्राप्त करने के लिए हालचाल दस्ते का गठन किया था। जिनका काम प्राइवेट कॉल सेंटर की तरह लोगों से कनैक्ट रहकर विभागीय संदेश देने के साथ ही फीडबैक हासिल करना है । अजय कुमार ने एक ओर जहां अपराध और अपराधियों के खिलाफ जंग छेड़ रखी है , वहीं उन्होंने सामाजिक सरोकारों को भी प्राथमिकता दी है ।


कप्तान अजय कुमार ने तब शामली के 322 गांव और 38 मौहल्लों के लिए 8 महिला पुलिस कर्मियों का हालचाल दस्ता गठित किया , जिसे आठ मोबाइल फोन मुहैया कराये गये थे। हालचाल दस्ते की इन महिला पुलिसकर्मियों का काम कॉल सेंटर की तरह लोगों को कॉल करके उनका हालचाल जानना और सम्भावित घटना या वारदात के बारे में फीडबैक हासिल करके उसे प्राथमिकता के आधार पर सम्बन्धित थानाध्यक्ष या एसपी तक पहुंचाना होता था ।

हालचाल दस्ते को उपलब्ध कराये गये मोबाइल में प्रत्येक गांव व मौहल्ले के 10-10 ऐसे लोगों के मोबाइल नम्बर फीड कराये गये थे , जो वहां की अच्छी - बुरी सूचना से पुलिस को अवगत करा सकें और पुलिस के संदेश को आसानी से क्षेत्र में प्रसारित करा सकें । इस तरह से मोबाइल से 3600 लोगों से सम्पर्क आसान हो गया था । इसके साथ ही 40-40 नम्बरों के अलग से ग्रुप बनाये गये , जिसमें क्षेत्र के व्यवसायी पैट्रोल पम्प संचालकों , शिक्षण संस्थान चिकित्सक , उद्योगपति को शामिल किया गया था। लोगों से बातचीत करने में आसानी की दृष्टि से हालचाल दस्ते की एक महिलाकर्मी के मोबाइल में 500 नम्बर उपलब्ध होते थे , जिनसे वे लगातार सम्पर्क स्थापित करके उनसे फीडबैक लेने का कार्य करती रहती थी । हालचाल दस्ते की महिलाकर्मी प्रतिदिन डेढ हजार लोगों से संपर्क कर जानकारी जुटाती थी । उदाहरण के तौर पर हालचाल दस्ते की महिलाकर्मी का फोन पर संवाद कुछ इस तरह का होता है- नमस्कार ! हम शामली पुलिस के हालचाल दस्ते से बोल रहे हैं ... आप ठीक है क्षेत्र में कोई गड़बड़ तो नहीं ..... हालचाल दस्ते की महिला पुलिस कर्मी लोगों का हालचाल जानने के साथ ही यह भी जानने का प्रयास करती हैं कि क्षेत्र में कोई असामान्य बात तो नहीं है , कोई शराब आदि नशीले पदार्थों का व्यापार तो नहीं कर रहा , क्षेत्र में कोई जुआ , सट्टा आदि अवैध कारोबार में तो संलिप्त कोई नहीं है या क्षेत्र में रंजिशन या अन्य कारणों से कोई घटना घटित होने का अंदेशा तो नहीं हैं ।

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