प्रोपर्टी डीलर हत्याकांड का सनसनीखेज खुलासा
आगरा। पुलिस ने दस्तावेज लेखक व प्रोपर्टी डीलर हत्याकांड का सनसनीखेज खुलासा किया है। प्रोपर्टी में चल रहे विवाद के चलते ही दस्तावेज लेखक की हत्या को अंजाम दिया गया था। इसके लिए बाकायदा रेकी की गई थी। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि बाकी की तलाश जारी है।
जानकारी के अनुसार विगत 19 दिसम्बर को राहुल पचौरी पुत्र अशोक पचौरी निवासी राजेश्वर मंदिर शमशाबाद रोड थाना सदर जनपद आगरा ने पुलिस को तहरीर देते हुए बताया था कि वह अपने चाचा दस्तावेज लेखक/प्रोपर्टी डीलर हरेश पचौरी व विनोद पचौरी के साथ वैगनआर गाड़ी में सवार होकर घर से आगरा की ओर जा रहे थे। रास्ते में हरेश ने बैंक से रुपये निकाले और वे आगरा की तरफ चल दिये। इसी बीच हरेश के मोबाइल पर काॅल आया, तो उन्होंने कार को साईड में रुकवा लिया और कहा कि वे थोड़ी देर में राजकुमार पुत्र सुरेश चन्द्र उपाध्याय निवासी ग्राम रूपपुर थाना फतेहाबाद से मिलकर आ जायेंगे। जब हरेश गाड़ी से उतरकर मिलिट्री एरिया जाने वाले मोड़ के पास पहुंचे, तो तीन बाईकों पर सवार होकर विष्णुप्रकाश रावत पुत्र रामप्रकाश रावत निवासी ग्राम कहरई, भानूप्रताप मुद्गल उर्फ बीपी पुत्र रामदत्त मुद्गल निवासी ग्राम नंगला कली व तीन अन्य व्यक्ति, जो मास्क लगाये हुए थे, वहां आये और हरेश पर फायरिंग कर दी। गोली लगने से प्रोपर्टी डीलर हरेश की मौके पर ही मौत हो गई थी। थाना सदर पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी थी। उक्त हत्याकांड का खुलासा करने के लिए एसएसपी आगरा बबलू कुमार ने थाना सदर, क्राईम ब्रांच सहित 6 टीमों का गठन किया था। पुलिस ने घटनास्थल के आसपास के सभी सीसीटीवी फुटेजों को चैक किया था तथा सुरागकशी की थी। इस मामले के खुलासे के लिए सूचना के आधार पर पुलिस टीमों द्वारा आज चैकिंग अभियान चलाया गया। इस दौरान पुलिस को सूचना मिली कि उक्त हत्याकांड में प्रकाश में आया आरोपी सुनील रावत उर्फ सोनू रावत सवा सौ फुट रोड थाना ताजगंज पर कहीं जाने की फिराक में खड़ा है। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई और घेराबंदी करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि 20 करोड़ के गायत्री रिट्रीट में विष्णु प्रकाश रावत के पार्टनरों के द्वारा हुए समझौते को हरेश द्वारा लागू नहीं होने दिया जा रहा था। इसी के चलते विष्णु प्रकाश रावत, हरेश द्वारा दिये गये बैंक काॅलोनी की जमीन के 1.65 करोड़ रुपये के सौदे को विष्णु प्रकाश रावत ने पूरा नहीं होने दिया था। कहरई में लगभग 15 वर्ष पूर्व जानकी, विशम्बर और प्रीतम की जमीन का सौदा भानू प्रताप मुद्गल ने किया था, लेकिन हरेश ने उक्त सौदे को निरस्त करा दिया था। इस दौरान फायरिंग भी की गई थी। इसके अलावा अन्य सौदों में भी इसी तरह से टांग अड़ाकर नुकसान करा दिया था, इसलिए हरेश को रास्ते से हटाना जरूरी हो गया था। सुनील ने बताया कि वह हरेश को मामा कहता था और उसके घर पर आना-जाना था। हरेश को रास्ते से हटाने के लिए विष्णु प्रकाश राव, भानू प्रताप, सचिन कंजा, आकाश कई बार आपस में मिले और योजना बनाई। योजना के अनुसार भानू प्रताप मुद्गल व विष्णु प्रकाश रावत ने असलहा व दो मोबाइल फोन की व्यवस्था की थी। भानू प्रताप ने मोबाइल व सिम सचिन कंजा व सुनील को दिया। उसने ही हरेश के संबंध में पल-पल की सूचना दी थी। हत्याकांड को सचिन कंजा व आकाश ने अंजाम दिया था। सुनील को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर विष्णु प्रकाश रावत पुत्र रामप्रकाश रावत निवासी गुलमोहर थाना सदर को रोहता नगर पचगई गांव से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त मोबाइल व स्कूटी बरामद की है। इसी स्कूटी से सुनील ने हरेश का पीछा किया था। आरोपियों के विरूद्ध अनेक धाराओं में कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। हत्यारोपियों को गिरफ्तार करने वाली टीम में इंटेलीजेंस विंग आगरा के निरीक्षक कमलेश सिंह, थाना सदर आगरा के प्रभारी निरीक्षक जितेन्द्र कुमार, एसआई मनोज कुमार, एसआई अरूण बालियान, प्रदीप कुमार, राजकुमार गिरी, अनुज कुमार, अमन कुमार, हैड कांस्टेबिल आदेश त्रिपाठी, कांस्टेबिल करवीर सिंह, दीपक कुमार, राजकुमार, प्रशांत कुमार, विवेक कुमार, मुकुल शर्मा, अरूण कुमार, मुकुल शर्मा, सुनील कुमार, अजय सिंह, चोलेन्द्र शर्मा, धर्मेन्द्र कुमार, मानवेन्द्र उपाध्याय, अमित कुमार, शुभम सारस्वत, भानूप्रताप सिंह, हेमराज सिंह आदि शामिल रहे।
रिपोर्टः प्रवीण गर्ग