मातृ शक्ति को प्रणामः पुलिस दस्ते में जुड़ा उत्तराखंड महिला कमांडो

मातृ शक्ति को प्रणामः पुलिस दस्ते में जुड़ा उत्तराखंड महिला कमांडो

देहरादून। मातृ शक्ति को आज एक और बड़ी कामयाबी मिली है। उत्तराखण्ड पुलिस के दस्ते में आज उत्तराखण्ड महिला कमाण्डो का दस्ता भी जुड़ गया है। उत्तराखण्ड देश का चौथा राज्य बन गया है, जहां पुलिस विभाग में महिला कमाण्डो का दस्ता तैयार किया गया है।


उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज पुलिस लाईन देहरादून में उत्तराखण्ड की महिला कमाण्डो फोर्स एवं स्मार्ट चीता पुलिस का शुभारम्भ किया। महिला पुलिस कार्मिकों के कमाण्डो एवं चीता पुलिस दस्ते के गठन से राज्य की महिलाओं में पुलिस के प्रति विश्वास एवं मनोबल बढ़ेगा तथा वह अपनी परेशानियों एवं कठिनाईयों को महिला पुलिस से साझा कर सकेंगी तथा महिला अपराधों को नियंत्रित किया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री द्वारा पुलिस लाईन देहरादून में स्मार्ट पुलिस बैरेक का भी उद्घाटन किया गया। साथ ही महिला कमांडो दस्ता द्वारा सुरक्षा से सम्बन्धित अनेक करतब दिखाये गये। स्मार्ट चीता पुलिस द्वारा नुक्कड-नाटक के जरिये कार्यों एवं कार्यप्रणाली के सम्बन्ध में जागरुक किया गया। चीता पुलिस को स्मार्ट बनाये जाने, उनकी कार्यक्षमता एवं दक्षता बढ़ाने के लिए जनपद देहरादून के 148 (118 पुरुष व 30 महिला) चीता पुलिस को 8 जनवरी से 6 फरवरी 2021 तक पीटीसी नरेन्द्रनगर आरटीसी देहरादून में 1 माह एवं अभिसूचना एवं सुरक्षा मुख्यालय में 1 सप्ताह का गहन प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इसमें उक्त कर्मियों को सुरक्षा हेतु चुनौतियां, प्राथमिकताएं, अभिसूचना संकलन एवं सम्प्रेषण, साम्प्रदायिक दंगों की रोकथाम, वीआईपी सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता एवं संदिग्ध व्यक्तियों की तलाशी, पूछताछ, निगरानी आदि की जानकारी दी गयी। इसके अतिरिक्त चीता पुलिस की कानून व्यवस्था में भूमिका, घटना स्थल पर रिस्पोन्स समय, साक्ष्य संरक्षण, पेट्रोलिंग, भीड़ नियंत्रण, विभिन्न अपराधों पर की जाने वाली कार्यवाही, महिला, वृद्धों एवं बच्चों के साथ व्यवहार, साइबर क्राइम, सीसीटीवी मॉनिटरिंग, सोशल मीडिया/ मीडिया प्रबन्धन, फोटोग्राफी, फोरेंसिक साइंस, परिपीड़ाशास्त्र, बीट/ सामुदायिक पुलिसिंग, जनता के साथ व्यवहार तथा शस्त्र प्रशिक्षण आदि प्रदान किया गया है।



प्रशिक्षण हेतु विभागीय प्रशिक्षकों के अतिरिक्त पुलिस के उच्चाधिकारियों, फोरेन्सिक साइंस विशेषज्ञों, अभियोजन विभाग के विधि'विशेषज्ञों, साइबर विशेषज्ञों आदि के बारे में भी जानकारी दी गई है। महिलाओं की पुलिस में भागीदारी को देखते सुरक्षा की दृष्टिगत पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर एटीसी, हरिद्वार में 27 महिला कमाण्डो दस्ता को दिनांक 18 जनवरी 2021 से 14 दिवस का कमांडो प्री-कोर्स कराया गया था, जिसमें 22 महिलाओं को अग्रिम प्रशिक्षण हेतु पीटीसी नरेन्द्रनगर में 8 फरवरी 2021 से 2 माह का पुलिस कमांडो प्रशिक्षण प्रचलित है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस के दस्ते में आज उत्तराखण्ड महिला कमाण्डो का दस्ता जुड़ गया है। उत्तराखण्ड देश का चौथा राज्य बन गया है, जहां पुलिस विभाग में महिला कमाण्डो का दस्ता तैयार किया है। उन्होंने कहा कि महिला पुलिस कमाण्डो को बेहतर प्रशिक्षण दिया गया है। कमाण्डो को प्रशिक्षण देने वाले शिफू शौर्य भारद्वाज का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि मात्र एक आग्रह पर उन्होंने यह प्रशिक्षण दिया। उन्होंने कहा कि स्कूलों एवं कॉलेजों में पढ़ने वाली बेटियों को भी प्रारम्भिक आत्मसुरक्षा के गुर सिखाने जरूरी है। बेटियों को मोटिवेशन देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि आने वाले समय में प्रदेश में हम बेटियों को आत्म सुरक्षा की दृष्टि से प्रशिक्षित करें। इन 22 प्रशिक्षित महिला कमाण्डो की भूमिका इस दृष्टि से और अधिक बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेटियों के लिए नए रास्ते खोले हैं। आईएनएस तरंगिणी में पांच महिलाओं ने 18 हजार किमी की जोखिम भरी यात्रा पूरी की। आज बेटियां फाइटर जेट उड़ा रही हैं। इन्फेन्ट्री एवं सीमाओं पर देश की बेटियां जा रही हैं। महिला सशक्तीकरण के लिए बेटियों का सर्वांगीण विकास बहुत जरूरी है।

उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने अपने सम्बोधन में चमोली आपदा में शहीद हुए 2 जवानों को श्रद्धांजलि दे दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड एवं एसडीआरएफ की टीम ने उत्कृष्ट कार्य किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के निर्देशन में महिला कमाण्डो तैयार की गई हैं। उत्तराखण्ड में महिलाओं को सशक्त बनाने हेतु महिला दस्ते का गठन किया गया है। उत्तराखण्ड की महिलाएं अधिकतर कार्यक्षेत्र में अग्रणी हैं। कई बड़े सामाजिक अन्दोलनों को उन्होंने नेतृत्व प्रदान किया हैं। उन्होंने बताया कि महिला कमाण्डो का 1 माह का प्रशिक्षण पूर्ण नहीं हुआ है, इनको अभी 2 माह का कठिन प्रशिक्षण पूर्ण करना है। अभी आप इन कमाण्डों का प्रदर्शन देखेंगे तो आपकी धारणा स्पष्ट हो जायेगी कि महिलाएं भी पुरूषों के समान कठिन शारीरिक लक्ष्यों को पूर्ण कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि यह उत्तराखण्ड के लिये गौरव की बात है कि अपेक्षाकृत छोटा राज्य होने के बाद भी एक प्रशिक्षित महिला कमाण्डो दस्ते का गठन किया गया है।

उन्होंने कहा कि देहरादून में 2 स्मार्ट बैरिक बनाये गये हैं, जिसका उद्देश्य पुलिस कर्मियों के रहन-सहन को सुविधापूर्ण करना, ड्यूटी हेतु उपलब्धता की सुनिश्चितता, आपसी सामंजस्य बेहतर, कार्यक्षमता व कार्यदक्षता में वृद्धि करना है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस दौरान प्रशिक्षक शिफू शौर्य भारद्वाज, सैन्य अधिकारी रूबीना कॉर्की, स्मार्ट चीता पुलिस के व्यवहारिक एवं आंतरिक प्रशिक्षण में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले पुलिस-कर्मी चन्दन सिंह, सूरज सिंह एवं शिव सिंह को बेस्ट स्मार्ट चीता पुलिसिंग हेतु प्रशस्ति पत्र एवं मेडल प्रदान कर सम्मानित किया। साथ ही समस्त महिला कमान्डोज के उत्साहवर्धन हेतु महिला उपनिरीक्षक पूजा रानी को मेडल दिये गये।

इस दौरान विधायक विनोद चमोली, महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती विजया बड़थ्वाल, मुख्यमंत्री के सैन्य सुरक्षा सलाहकार ले.ज. (रिटा.) जे.एस. नेगी, सचिव गृह नितेश झा, पुलिस के समस्त उच्चाधिकारीगण तथा मीडिया कर्मी मौजूद रहे।

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