रिश्ते हुए तार-तार - 3 बेटों ने बेरहमी से किया पिता का खून

इटावा। उत्तर प्रदेश मे इटावा जिले के भरथना में रिश्तों को शर्मसार करने वाली एक सनसनीखेज घटना मे तीन भाइयों ने जमीन के लिये अपने पिता की निर्ममता पूर्वक हत्या कर उनके शव को जंगल में फेंक दिया। पुलिस ने तीनों दरिंदों को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस अधीक्षक ग्रामीण ओमवीर सिंह ने पत्रकारों को बताया कि मंगूपुरा गांव निवासी वीरेंद्र सिंह की उसके तीन बेटों ने एक नवम्बर की रात चेहरे पर मुक्कों से जबर्दस्त प्रहार करके हत्या कर दी और शव को नगला जलाल के पास जंगली इलाके में ले जाकर फेंक दिया। अगले दिन यानी दो नवम्बर को शव की पहचान होने पर एक बेटे ने पुलिस के समक्ष अपने पिता की हत्या कर आरोप अपने तमाम विरोधियों पर मढ़ दिया। पुलिस ने पूरे प्रकरण की जांच की तो शर्मसार करने वाला वाक्या सामने आया ।
उन्होंने बताया कि हत्या करने के लिए तीनों बेटों ने एक बड़ी सोची समझी साजिश के तहत तीनों बेटों ने पिता के चेहरे को अंगोछे से ढक दिया और ताबड़तोड़ मुक्के बरसाने शुरू कर दिये। वे जब इस बात से संतुष्ट हो गए कि उनके पिता की मौत हो गई है तो शव को ले जाकर के नगला जलाल के पास एक जंगली इलाके में फेंक दिया ।
पिता की हत्या के आरोप में वीरेंद्र सिंह के बेटे चंद्रपाल सिंह,अरूण कुमार उर्फ गुडडू और वीरेंद्र को गिरफ्तार लिया गया है। तीनो ने अपने पिता की हत्या करने की बात कबूल कर ली है । विष्णु को छोड कर वीरेंद्र के दोनो बेटे दिल्ली मे किसी प्राइवेट कंपनी मे नौकरी करते है ।
आरोपियों ने कबूल किया कि उन्होंने शव को जंगली इलाके में यह मान करके फेंक दिया कि कोई जंगली जानवर उनको खा जायेगा लेकिन ऐसा हो नही सका।
पुलिस अधीक्षक ग्रामीण ने बताया कि वीरेंद्र सिंह के पास करीब आठ बीघा के आस पास पैतृक जमीन हुआ करती थी इसमें से तीन बीघा के उसने तीन साल पहले बेच दी थी। जमीन की बिक्री से गुस्से में आकर उसकी पत्नी ने आत्महत्या कर ली लेकिन वीरेंद्र सिंह का मन केवल इतनी जमीन बेचने से नहीं माना और उसने कोरोना काल में 18 अगस्त को अपनी बची हुई जमीन में से ढाई बीघा जमीन फिर से बेच डाली ।
इस बात की जानकारी होने पर वीरेंद्र के सबसे छोटे बेटे ने दिल्ली में नौकरी कर रहे भाइयों को बताया। दोनों बेटे दिल्ली से गांव पहुंचे और उन्होंने अपने पिता से जमीन बेचने के संबंध में बातचीत। इस बीच तीनो ने पिता की हत्या कर दी।