पलक झपकते ही सुरक्षा का एहसास करायेगी QRT फोर्स

पलक झपकते ही सुरक्षा का एहसास करायेगी QRT फोर्स

झांसी। आज के बदलते माहौल में अलग अलग किस्म के अपराधों की बढ़ती संख्या पर प्रभावी नियंत्रण और ऐसे अपराधियों को जल्द से जल्द उनके अंजाम तक पहुंचाने के लिए पुलिस को भी उतना ही तेजतर्रार बनाने के मकसद से उत्तर प्रदेश के झांसी में क्विक रिस्पाँस टीम (क्यूआरटी) का गठन किया गया है।

यहां पुलिस लाइन में शनिवार को क्यूआरटी के बारे में पत्रकारों को विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) झांसी परिक्षेत्र सुभाष सिंह बघेल और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) दिनेश कुमार पी ने बताया कि आतंकी गतिविधि, सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश, पंचायत चुनाव में गड़बड़ी, खुराफात या आपराधिक वारदातों को अंजाम देने जैसी किसी भी परिस्थिति से निपटने को पुलिस की विशेष तैयारी है क्यूआरटी। यह क्यूआरटी फोर्स किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए 24 घंटे तैयार रहेगी। एसटीएफ के अनुभवी आईजी सुभाष बघेल की इस परिकल्पना को अमली जामा पहनाने का कार्य करने का कार्य पूर्व में एसटीएफ की कमान संभाल चुके और जिले के युवा एसएसपी समेत देश की सबसे बड़ी तहसील के क्षेत्राधिकारी और एसटीएफ के अनुभवी मऊरानीपुर क्षेत्राधिकारी मनीष सोनकर ने किया।

पिछले दो महीनों के विशेष प्रशिक्षण के द्वारा इसे तैयार किया गया है। किसी भी असमान्य परिस्थिति से निबटने के लिए जिले में एक ऐसा फोर्स गठित किया जा चुका है, जो किसी भी मोर्चे पर काम करने में पारंगत है। इस फोर्स में डेढ़ दर्जन से ज्यादा जवान आधुनिक हथियारों से लैस हैं। यह जवान भले ही यूपी पुलिस के हों पर इनकी फिटनेस और ट्रेनिंग एनएसजी कमांडो की तर्ज पर होगी।

जिले में एक विशेष तरह की फोर्स के गठन की सोच अनुभवी आईपीएस ऑफिसर झांसी रेंज के आईजी सुभाष सिंह बघेल के दिमाग में आई। उन्होंने युवा आईपीएस अधिकारी एसएसपी से इस संबंध में चर्चा की तो वह तुरंत तैयार हो गए और टीम गठन की तैयारी शुरू कर दी। इस काम में उन्होंने सहयोग लिया एटीएस में लगभग साढ़े तीन साल काम कर चुके पीपीएस ऑफिसर मनीष सोनकर का, जो वर्तमान में सीओ मऊरानीपुर के पद पर हैं। इन अधिकारियों ने मिलकर 19 जवानों की टीम गठित की है।

एसएसपी ने बताया टीम में जवानों के चयन में लगभग दो माह का समय लगा, पहले इन जवानों की शारीरिक दक्षता की परीक्षा ली गयी। इसके अलावा अचूक निशाना, जम्प, दौड़ आदि की भी परीक्षा ली गयी। जब इसमें यह पास हो गए तब टीम में चयन किया गया। अब इन्हें कमांडो की तरह का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

बघेल ने बताया कि अपराध करने के तरीकों में लगातार बदलाव देखा जा रहा है इसलिए उनसे निबटने के लिए हमें भी पहले से तैयार रहना चाहिए। किसी तरह के दंगे, पंचायत चुनाव, बंधक को छुड़वाने आदि सहित किसी आपात स्थिति से निबटने में इस टीम का उपयोग किया जाएगा। इन जवानों की वर्दी अलग होगी। साथ ही एके 47, इंसास , 9 एमएम पिस्टल सहित आधुनिक असलहों के साथ बुलेट प्रूफ जैकेट से टीम लैस होगी। ड्रोन कैमरा चलाने, जीपीएस ट्रैकिंग आदि में भी यह जवान पारंगत होंगे। टीम में एक भूतपूर्व फौजी को भी शामिल किया गया है।

यूं तो फिलहाल इस टीम को पूरा प्रशिक्षण दिया गया है लेकिन भविष्य में जरूरत के हिसाब से इनके प्रशिक्षण में बदलाव भी किया जा सकता है इसका उद्देश्य मात्र इतना है कि असमान्य परिस्थितयों से निपटने में यह टीम इतनी बेहतर साबित हो कि अन्य जिलों में भी इसका अनुकरण किया जाए।

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