गैंगरेप के आरोपियों को ढूंढने को पुलिस ने चली चाल-बने स्वास्थ्यकर्मी
नई दिल्ली। यूं ही नही कहा जाता कि अपराधी कितना भी शातिर और कितना भी खुंखार क्यों ना हो, यदि पुलिस अपनी पर आये तो आरोपी को पाताल से भी खोजकर निकाल लाती है। गैंगरेप करने के बाद फरार हुए दो आरोपियों को ढूंढने के लिए पुलिस ने ऐसी चाल चली कि स्वास्थ्यकर्मी बनकर घर-घर घूमते हुए उसने दो आरोपियों को ढूंढ निकाला। फिलहाल न्यायालय के सम्मुख पेश किए गए गैंगरेप के दोनों आरोपियों को पुलिस ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
दरअसल राजधानी के उत्तम नगर इलाके में रहने वाली 35 वर्षीया महिला ने इसी माह की 19 सितंबर को राजधानी के हरीनगर थाने में गौरव और राहुल के खिलाफ गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कराया था। दो बच्चों के साथ उत्तमनगर इलाके में रहने वाली पीड़िता तलाकशुदा है। पीड़िता ने बताया कि वर्ष 2017 के दौरान हरिद्वार में उसकी मुलाकात गौरव से हुई थी। बातचीत के दौरान गौरव ने उसे बताया था कि वह भी तलाकशुदा है और अपने परिवार समेत राजधानी दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके में रहता है। इसके बाद महिला और गौरव के बीच दिल्ली में भी कई मुलाकाते हुई। इस दौरान गौरव ने महिला के साथ शादी करने का वादा किया। लेकिन कैरियर बनाने की बात कहते हुए वह बार-बार शादी करने की बात को डालता रहा। मुकदमे के संबंध में छानबीन करने में जुटी पुलिस के पास केवल होटल से मिला गौरव का पहचान पत्र था। जिस पर उसका मोबाइल नंबर और फोटो भी था। गौरव को इन कागजातों पर सिम कार्ड जारी हुआ था और पहचान पत्र पर जो पता दर्ज था वहां पर आरोपी नहीं रहता था। इसके बाद एसआई अमरजीत राणा की टीम ने सर्विलांस का सहारा लेते हुए आरोपी गौरव के मोबाइल की लोकेशन ढूंढ निकाली तो वह हमेशा पश्चिम बिहार के जनता फ्लैट के आसपास मिली। इसके बाद एसआई अमरजीत राणा, हेड कांस्टेबल नरेश, विक्रम, एवं कांस्टेबल दीपक ने स्वयं को स्वास्थ्य कर्मी के रूप में परिवर्तित कर लिया और इलाके में घर-घर जाकर सर्वे करने लगे। वह हर घर के दरवाजे पर पहुंचते ही खुद को कोविड-19 के लिए सर्वेयर बताते थ।े आखिरकार 21 सितंबर को एक फ्लैट पर आरोपी गौरव का पता पुलिस को मिल ही गया। पुलिस ने पहले गौरव और उसके बाद राहुल को गिरफ्तार कर लिया। पीड़िता ने बताया कि गौरव ने उसे 1 सितंबर को हरी नगर स्थित एक होटल में बुलाया था। वहां पर गौरव और उसके दोस्त राहुल ने उसके साथ गैंगरेप किया था। साथ ही घटना के बारे में किसी को बताने पर वीडियो वायरल करने की धमकी भी दी। इस घटना के बाद दोनों आरोपी पीड़िता को ब्लैकमेल करने लगे। इसके बाद पीड़ित महिला ने 19 सितंबर को थाने में अपनी शिकायत दर्ज कराई थी।