घूसखोरी में सस्पेंड इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने झोंकी ताकत

घूसखोरी में सस्पेंड इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने झोंकी ताकत

बरेली। रिश्वत लेकर स्मैक तस्करों को छोड़ने के मामले में थाने की दीवार कूदकर भागे निलंबित इंस्पेक्टर की अरेस्टिंग के लिए पुलिस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पुलिस क्षेत्राधिकारी की अगुवाई में भगोड़े इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए एक सात सदस्य टीम गठित की है।

सोमवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने पुलिस क्षेत्राधिकारी हाईवे नितिन कुमार के नेतृत्व में फरीदपुर थाने के इंस्पेक्टर रहे रामसेवक की गिरफ्तारी के लिए सात सदस्यीय टीम का गठन किया है।

गठित की गई इस में एसओजी प्रभारी सुनील शर्मा, सर्विलांस सेल प्रभारी राम गोपाल शर्मा एवं साइबर सेल प्रभारी अभिषेक सिंह समेत 7 पुलिस कर्मी शामिल किए गए हैं।

टीम के पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य द्वारा एसपी साउथ मानुष पारीक को सौंपी गई।

उल्लेखनीय है कि फरीदपुर थाने के इंस्पेक्टर रामसेवक के कहने पर 21 अगस्त की रात नवदिया अशोक गांव के रहने वाले समेत तस्कर आलम, नियाज अहमद एवं अशनूर को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था आरोप है कि स्मैक तस्करों की अरेस्टिंग के बाद सेटिंग गेटिंग के खेल के अंतर्गत इंस्पेक्टर रामसेवक ने 700000 रुपए की भारी भरकम रिश्वत लेने के बाद स्मैक तस्कर आलम और नियाज अहमद को थाने से छोड़ दिया था।

रिश्वतखोरी का यह मामला जब वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य तक पहुंचा तो उन्होंने अगले ही दिन पुलिस अधीक्षक साउथ मानुष पारीक एवं सीओ फरीदपुर गौरव सिंह को छापा मार कार्यवाही करने के लिए फरीदपुर जाने पर भेज दिया था।

छापामार कार्यवाही करने के लिए पहुंचे अफसरों को देखते ही रिश्वतखोर थानेदार थाने की दीवार फांद कर फरार हो गया था, लेकिन उसके दफ्तर की तलाशी लिए जाने के दौरान कमरे के भीतर से तकरीबन 10 लख रुपए बरामद हुए थे।

इस मामले को लेकर इंस्पेक्टर के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस अफसर की ओर से की गई जांच में सामने आया कि इंस्पेक्टर थाने की सरकारी पिस्टल ,मैगजीन और 10 कारतूस भी अपने साथ ले गया है। थाना फरीदपुर पर हेडमोहर्रिर राम बहादुर की ओर से इंस्पेक्टर के खिलाफ गबन की रिपोर्ट भी दर्ज कर दी गई है

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