आग में फंसे परिवार को बचाने को मौत से जूझ गई पुलिस
लखनऊ। आमतौर पर लोग पुलिस पर उसकी कार्यशैली को लेकर सवालिया निशान लगाते हुए उसे क्रूरता और घूसघोरी आदि के आरोपों में घेरे रहते है। लेकिन उसके मानवतावादी चेहरे को कोई देखने की कोशिश नही करता। पुलिस का जब मानवतावादी चेहरा सामने आता है तो उसकी वाह-वाही कर दांतों तले अंगुलियां दबा लेते है। शनिवार को देवदूत बनी लखनऊ पुलिस ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए आग के रूप में मौत के आगोश में फंसे परिवार को बचाकर नई जिंदगी दी है।
दरअसल प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कैसरबाग थाना क्षेत्र के मकबूलगंज स्थित पुलिस चैकी के पास शनिवार को लखनऊ इलेक्ट्रॉनिक मर्चेन्ट एसोसिएट अपार्टमेंट की तीसरी मंजिल पर किन्ही कारणों से आग लग गई। इससे पहले कि आग बुझाने के उपाय शुरू हो पाते उससे पहले ही आग ने देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर लिया और मासूम बच्चों समेत एक परिवार के 5 लोग आग के रूप में जिंदगी और मौत के बीच फंस गए। सूचना पर तत्काल ही मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने आग बुझाकर अंदर फंसे परिवार को बचाने के उपाय शुरू करते हुए कड़ी मशक्कत के बाद दरवाजा तोड़ा।
-दरवाजा टूटते ही आग बाहर की तरफ दौडी। लेकिन इंस्पेक्टर आनंद कुमार शुक्ला के साथ समूची पुलिस टीम ने अपनी जान को जोखिम में डालते हुए अपार्टमेंट के फ्लैट के अंदर फंसे मासूम बच्चों समेत 5 लोगों की जान बचाकर उन्हे तुरंत ही ईलाज के लिए अस्पताल भिजवाया। बाद में दमकल कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इस तरह से पुलिस द्वारा दिखाई गई सक्रियता और बहादुरी से अपार्टमेंट की तीसरी मंजिल पर हुए इस अग्निकांड में कोई जनहानि नहीं हुई।