गुड पुलिसिंग के लिये मुजफ्फरनगर SSP को CM से मिला अवार्ड
मुजफ्फरनगर। एसएसपी अभिषेक यादव 2012 बैच के आईपीएस अफसर हैं। आईपीएस अफसर को शासन ने 2 जुलाई 2019 को एसएसपी के पद पर कार्यरत किया। जब इस आईपीएस अफसर के हाथों में कमान सौंपी तो बदमाशों ने डर न मानते हुए रोहित सांडू को उसके कुछ साथी पुलिस पर हमला कर छुडा ले गये थे। लेकिन कप्तान ने जब अपना सख्त रूख दिखाया तो बदमाशों की कंपकंपी बंध गई थी, कप्तान ने 14 दिन में ही वारदात को वर्कआउट कर उसे ढेर कर दिया था। इसके बाद बदमाशों ने एसएसपी के डर से थानों व एसएसपी कार्यालय पहुंचकर अपराध से तौबा करते नजर आने लगे।
कप्तान ने मुजफ्फरनगर की पब्लिक को नशे से बचाने के लिये 'जीरो ड्रग्स अभियान चलाया, पुलिस ने इस अभियान के तहत युवाओं के शरीर से खेल रहे जिम संचालकों पर हंटर चलाकर करोड़ों रूपये का सप्लीमेंट बरामद किया था। एसएसपी ने क्राईम कंट्रोल करने का काम तो किया ही है। लेकिन पुलिसकर्मियों के लिये कोई नहीं सोचता है, इस अफसर ने हैप्पी बर्थडे अभियान चलाया, जिससे पुलिसकर्मी अपने परिवार की दूरी का महसूूस न कर सके। पुलिसकर्मियों के लिये वीकली ऑफ चलाया। इतना ही नहीं बल्कि इस आईपीएस अफसर ने पुलिसकर्मियों की कठिन ड्यूटी को देखते हुए पुलिस लाइन को स्मार्ट सिटी बनाने का फैसला लिया था और उन्होंने यह कर भी दिखाया है। इस अफसर ने पब्लिक और पुलिस के हक में काम किया है। आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा आईपीएस अफसर अभिषेक यादव को गैलेंट्री अवार्ड दिया गया है। इससे पूर्व में भी इस अफसर को कई बार गुड पुलिसिंग का इनाम मिल चुका है। आईपीएस अफसर एवं मुजफ्फरनगर एसएसपी अभिषेक यादव के कार्यकाल पर पेश है खोजी न्यूज की विशेष स्टोरी...
उत्तर के पडौसी राज्य हरियाणा के महेन्द्रगढ़ के निवासी अभिषेक यादव ने वर्ष 2008 में इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की परीक्षा पास की थी। फिल्में देखना, किताबें पढ़ना उनका मुख्य शौक है, वे लिटरेरी सोसाइटी के मुख्य समन्वयक भी रह चुके हैं। इनके पिता का नाम एमएस यादव है। आगरा के एसपी जीआरपी पद से स्थानान्तरित होकर जनपद मुजफ्फरनगर में एसएसपी का कार्यभार संभालने के लिए 2 जुलाई 2019 को आये अभिषेक यादव ने अग्रेंजी माध्यम से शिक्षा प्राप्त की। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने फरवरी 2009 से जून 2009 तक लगभग पांच माह एसोसिएट सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में एऑन हैवीट् कम्पनी में कार्य किया, इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद बैंक में बतौर प्रोबेशन अधिकारी जुलाई 2009 से जून 2010 तक लगभग एक वर्ष कार्य किया। अभिषेक यादव इंकहार्ट स्टूडियो के संस्थापक निदेशक भी रहे। आईपीएस अभिषेक यादव ने दिसम्बर 2012 से जून 2014 तक लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय एकेडमी एडमिनिस्ट्रेशन से बतौर आईपीएस प्रोबेशनर प्रशिक्षण प्राप्त किया। इससे पूर्व के.के. पॉल के पैनल ने उनका साक्षात्कार लिया था, उनके 4 सदस्यीय साक्षात्कार पैनल में दो पुरूष व दो महिलाएं विषय विशेषज्ञ शामिल थी। भारतीय पुलिस सेवा ज्वाइन करने से पूर्व अभिषेक यादव ने आयकर विभाग में आयकर निरीक्षक के रूप में लगभग चार माह तक अपनी सेवाएं दी थी। आईपीएस में चयन होने के बाद उन्होंने आयकर निरीक्षक के पद से इस्तीफा दे दिया था। आईपीएस अफसर अभिषेक यादव का स्पष्ट मानना है कि अगर आराम से बैठकर नौकरी करनी होती तो पुलिस को छोड़कर आयकर विभाग सहित चयन के लिए तमाम विभाग हैं। आज मैं पुलिस में हूं और अपराधियों से लड़कर भयमुक्त समाज बनाने की जिम्मेदारी मुझे मिली है। अगर हम इन्हें नहीं रोकेंगे तो फिर कौन रोकने आएगा।
कुख्यात रोहित सांडू का साथी सहित एनकाउंटर
कांवड यात्रा शुरू होने के दौरान ही पुलिस अभिरक्षा से दरोगा की हत्या कर फरार कुख्यात और एक लाख का ईनामी बदमाश रोहित सांडू एसएसपी अभिषेक की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा था, लेकिन जनता में विश्वास बहाली के लिए इस चुनौती को उन्होंने न केवल स्वीकार किया, बल्कि जब रोहित सांडू की फरारी के 14 दिनों के बाद रिजल्ट दिया तो वह बदमाशों के बीच ही खौफ पैदा करने वाला साबित हुआ। पुलिस ने रोहित सांडू को एनकाउंटर में उसके ईनामी साथी राकेश यादव के साथ ढेर कर दिया।
पुलिस लाइन को किया 'स्मार्ट सिटी' में तब्दील
रिजर्व पुलिस लाइन में एसएसपी अभिषेक यादव के 'स्मार्ट सिटी' बनाने का अभियान शुरू किया और इस अभियान का उन्होंने सफल भी बनाया। एसएसपी ने जब पुलिस कर्मियों के छोटे छोटे बच्चों के लिए किड्स जोन बनाकर उन महिला पुलिस कर्मियों की समस्या का समाधान करने की कोशिश की है जो अपने छोटे बच्चों को लेकर डयूटी करते समय टेंशन में रहती थी। खाना खाने के लिये इंडिया का पहला पुलिस कैफे, व्यायाम के लिये प्राइवेट जैसा जिम, दुनिया का ज्ञान हासिल करने के लिये लाइब्रेरी, आराम करने के लिये लग्जरी बैरक, पुलिस परिवार के घूमने के लिये पार्क बनवाया। एसएसपी ने पुलिस लाइन को स्मार्ट सिटी में तब्दील कर पुलिसकर्मियों को सौगात देने का काम किया।
एसएसपी का डर- बदमाशों को कराता रहा अपराध से तौबा
आईपीएस अभिषेक यादव की अगुवाई में पुलिस लगातार बदमाशों की चौखट पर दस्तक दे रही थी। अब तक कई बदमाश पुलिस की गोली का शिकार होकर घायल हो चुके हैं, तो कुछ यमराज के पास पहुंच चुके हैं। कई बड़े अपराधियों को पुलिस बड़ेघर की तरफ रवाना कर चुकी है। बदमाशों में पुलिस का इतना भय पैदा हो गया था कि वह पुलिस के डर से अपराध से तौबा करने लगे हैं। आईपीएस अभिषेेक यादव अपने दफ्तर में जनसमस्याएं सुन रहे थे। इसी दौरान रोहित सांडू को पुलिस कस्टडी से फरार कराने में शामिल 50 हजार के इनामी बदमाश विक्की राठी ने आईपीएस अभिषेक यादव के सामने सरेंडर कर दिया था। इसके अलावा एसएसपी अभिषेक के खौफ से बदमाशों ने थानों में पहुंचकर सरेंडर करना प्रारंभ कर दिया। कई बदमाशों ने चरथावल, भोपा थाने पर भी जाकर सरेंडर किया।
'जीरो ड्रग्स अभियान' रहा कारगर
पुलिस कप्तान अभिषेक यादव ने हरियाणा का पडौसी जनपद होने के कारण मुजफ्फरनगर में अवैध नशा कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए 'जीरो ड्रग्स' अभियान चलाया। इसमें भांग तस्करी गैंग पकड़ा गया तो वहीं जनपद में एक करोड़ की नकली शराब का जखीरा पकड़कर पुलिस कप्तान अभिषेक यादव ने शराब तस्करों के एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। जीरो ड्रग्स अभियान के अंतर्गत मुज़फ्फरनगर पुलिस की स्वाट टीम के साथ साथ थाना सिविल लाइन पुलिस ने लगभग डेढ़ करोड़ रुपए की कीमत के नकली सप्लीमेंट बरामद कर तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया था।
मुजफ्फरनगर में पहली बार पुलिस को मिला वीकली ऑफ
आईपीएस अभिषेक यादव ने पुलिस कप्तान से ज्यादा खुद को पुलिसकर्मियों के एक अभिभावक के रूप में पेश किया, उन्होंने पुलिस कर्मियों के हितों की चिंता की और उनके लिए काम भी करके दिखाया। इसी कड़ी में उनका वीकली ऑफ अभियान भी शामिल रहा। पहली बार मुजफ्फरनगर में पुलिस फोर्स को साप्ताहिक अवकाश मंजूर किया गया। इसके लिए पूरी कार्ययोजना एसएसपी अभिषेक यादव ने तैयार की और लागू कराया गया। इससे फोर्स को प्रोत्साहन मिला।