CM योगी के महिला सुरक्षा मिशन को IPS विनीत ने दी धार, कई को दिलाई सजा
मुजफ्फरनगर। मुख्यमंत्री के मिशन शक्ति अभियान और ऑपरेशन शक्ति सूबे के सभी जिलों में चल रहे हैं। यूं तो सभी अफसर इन अभियानों की सफलता के लिए अपने अपने तरीके से काम कर रहे हैं लेकिन सीएम सिटी की धरती पर जन्में साल 2014 बैच के आईपीएस अफसर विनीत जायसवाल अपने ही जुदा अंदाज में मुख्यमंत्री के अभियान को ब्रांड बनाने में जुटे हुए हैं। आईपीएस अफसर विनीत जायसवाल ने मिशन शक्ति अभियान के तहत महिलाओं और बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिये स्पेशल ट्रेनर द्वारा उन्हें ट्रेनिंग दिलवाई। इसके साथ ही उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया और आत्मरक्षा के लिये एसएसपी विनीत ने उन्हें कुछ मूलमंत्र भी दिये।
अगर ऑपरेशन शक्ति की बात करें तो आईपीएस अफसर विनीत जायसवाल की तरफ से बेटियों और महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए किया गए प्रयास नारियों के लिए गोल्ड साबित हुए हैं। आईपीएस अफसर विनीत जायसवाल ने यूं तो बहुत सारे दुष्कर्मियों को सजा दिलवाने में महती भूमिका निभाई है लेकिन खोजी न्यूज आपको उनके द्वारा निभाये गये सुपीरियर रोल से रूबरू करायेगा। आईपीएस अफसर ने डेढ़ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले को उम्रकैद, चार साल की बच्ची के साथ रेप करने वाले को आजीवन कारावास और 10 साल की बालिका के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने वाले अभियुक्त को फांसी की सजा दिलवाने का काम किया।
आईपीएस अफसर विनीत जायसवाल की नारियों को इंसाफ दिलाने वाली स्टोरी का यहीं दी एंड नहीं होता। आईपीएस अफसर ने अमरोहा के एसपी के तौर पर एक दुष्कर्मी को 14 दिन के भीतर आजीवन कारावास करवाने में अहम भूमिका निभाई थी और अब मुजफ्फरनगर के एसएसपी के तौर पर आईपीएस अफसर विनीत जायसवाल दुष्कर्मियों पर आफत बने हुए हैं। साल 2014 बैच के आईपीएस अफसर व मुजफ्फरनगर एसएसपी विनीत जायसवाल पर पेश है खोजी न्यूज की खास रपट....
गौरतलब है कि वर्ष 2020 के अक्टूबर माह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बेटियों और महिलाओं की सुरक्षा के लिये मिशन शक्ति अभियान आरंभ किया गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा चलाये गये इस अभियान का उद्देश्य महिलाओं और बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक और आत्मनिर्भर बनाने का है। मिशन शक्ति अभियान के तहत हर थाने पर महिला डेस्क की भी स्थापना कराई गई। इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा ऑपरेशन शक्ति अभियान भी चलाया गया। इस अभियान का मकसद उन लोगों को सजा दिलाना था, जो महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करते हैं। इन दोनों अभियान को प्रदेश के सभी जनपदों में लागू कर दिया गया था। मुख्यमंत्री द्वारा चलाये गये दोनों अभियानों से महिलाओं और बालिकाओं का कहीं ना कहीं हौंसला बढ़ गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा चलाये गये मिशन शक्ति अभियान व ऑपरेशन शक्ति के तहत आईपीएस अफसर विनीत जायसवाल जो मौजूदा समय में मुजफ्फरनगर के एसएसपी हैं, के सदप्रयासों की बात करें तो उन्होंने हाथरस, अमरोहा का एसपी रहते हुए मिशन शक्ति अभियान व ऑपरेशन शक्ति अभियान के तहत मजबूत तरीके से काम किया। आईपीएस अफसर विनीत जायसवाल प्रत्येक जनपद चाहे हाथरस हो या अमरोहा या फिर मुजफ्फरनगर अभी तक वह मिशन शक्ति अभियान के तहत अधिकतर बालिकाओं और महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक कराने और उन्हें इंसाफ दिलानें में कामयाब रहे।
तत्कालीन हाथरस एसपी विनीत जायसवाल और उनकी टीम ने छात्राओं-महिलाओं का मिशन शक्ति अभियान के तहत हौंसला बढ़ाने का काम किया। मिशन शक्ति अभियान के तहत एसपी विनीत जाययसवाल की अगुवाई में जनपद स्तर पर चौराहों, बाजार, कॉलेज, कोचिंग संस्थान व अन्य सार्वजनिक स्थलों को असामाजिक तत्वो से मुक्त कराये जाने तथा महिलाओं एवं छात्राओं के साथ राह चलते छेड़खानी, अभद्रता, अश्लील प्रदर्शन तथा अभद्र टिप्पणिया इत्यादि की घटनाओं को रोकने के लिये महिलाओं और बेटियों को सुरक्षा संबंधित सेवाओं जैसे डायल 112 नम्बर, वूमेन पावर लाइन 1090, यूपी कॉप एप, 181 महिला हेल्प लाइन, 1076 मुख्यमंत्री हेल्प लाइन, 1098 चाइल्ड हेल्प लाइन, 102 स्वास्थ्य सेवा, 108 एम्बूलेन्स सेवा के बारे में अवगत कराया गया था।
महिलाओं एवं बच्चियो को अपनी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के प्रति जागरुक कराने के लिये मिशनशक्ति अभियान के तहत एक विशेष कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए पुलिस लाइन स्थित जिम्नेजियम हॉल में तत्कालीन हाथरस एसपी विनीत जायसवाल के नेतृत्व में स्पेशल ट्रेनर शालिनी चौहान के द्वारा महिलाओं एवं बालिकाआंे को आत्मरक्षा से सम्बन्धित प्रशिक्षण दिया गया था। इसके अलावा मिशनशक्ति अभियान के अन्तर्गत महिलाआंे एवं बालिकाओं के साथ घटित अपराधों से अवगत कराते हुए उनकी रोकथाम व कानूनी प्रक्रिया के तहत विधिक प्रावधान तथा विषम परिस्थितियों में सहायता प्राप्त किये जाने के लिये उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा चलायी जा रही सुरक्षा संबंधित सेवाओं के बारे में बताकर जागरूक किया था।
हाथरस के तत्कालीन एसपी विनीत जायसवाल ने अभिनव पहल करते हुए अपील रिकॉर्ड कर अधीनस्थों पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माघ्यम से महिलाओं और बालिकाओं को जागरूक करने के लिये निर्देश दिये थे, जिसके बाद सभी थाना प्रभारियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों के चौराहों, बाजारो, धार्मिक स्थलों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से तत्कालीन एसपी विनीत जायसवाल की अपील को जन-जन तक पहुंचाया गया था। तत्कालीन एसपी विनीत जायसवाल द्वारा अपील में कहा जा रहा था कि यदि कोई व्यक्ति किसी महिला को फोन करके परेशान कर रहा हो या अश्लील मैसेज भेज रहा हो, तो आप बेझिझक 1090 डायल कर सकते हैं। शिकायतकर्ता का नाम व पता गोपनीय रखा जायेगा तथा शिकायत का संज्ञान लेकर आरोपी के विरुद्ध तत्काल कार्यवाही की जायेगी। जिस बालिका या महिला ने भी तत्कालीन एसपी विनीत जायसवा को कॉल की, उन्होंने उसका नाम गोपनीय रखते हुए अपराधी के खिलाफ कार्रवाई करने का काम किया था।
तत्कालीन एसपी विनीत जायसवाल ने मिशन शक्ति अभियान को और अधिक सफल बनाने के उद्देश्य से जनपद स्तर पर गठित एण्टी रोमियो स्क्वाड को और अधिक प्रभावी बनाने के लिये जनपदों में कार्यक्रमों का आयोजन कर बालिकाओं से फीडबैक के माध्यम से आवश्यक सुझाव लिये थे। इसके अलावा जनपद में गठित एण्टी रोमियो स्क्वाएड टीमों द्वारा स्कूल, कॉलेजांे एवं कोचिंग सेंटर में जाकर वहाँ के प्रधानाचार्य, प्रबन्धक एवं अध्यापक आदि के माध्यम से तत्कालीन पुलिस कप्तान विनीत जायसवाल द्वारा उपलब्ध कराये गये फीडबैक फार्म को महिलाओं एवं बालिकाओं को वितरित कराकर उनके बहुमूल्य सुझाव लिये गये थे।
मिशन शक्ति अभियान के तहत सेठ पी.सी बाग्ला (पी.जी) कॉलेज में किये गये कार्यक्रम में एसपी विनीत जायसवाल द्वारा महिलाओं और बालिकाओं को यूपी पुलिस द्वारा चलाई जा रही सेवाओं के बारे में अवगत कराने के साथ उन्हें यूपी पुलिस की तरफ से उपलब्ध सुरक्षा सम्बन्धी सेवाओं एवं एप्लीकेशन आदि के बारे में जागरुक किया गया था। तत्कालीन एसपी विनीत जायसवाल ने महिलाओं और बालिकाओं को आत्मनिर्भर और निर्भीक बनने के उन्हें मूल मंत्र दिये थे। उन्होंने छात्राओं से अपने सोशल मीडिया एकाउंट को प्राइवेसी का प्रयोग करते हुए उपयोग करने की अपील भी की थी।
ऑपरेशन शक्ति के तहत आईपीएस विनीत जायसवाल ने हाथरस में दुष्कर्मियों को सजा दिलवाने में अहम भूमिका निभाई। डेढ़ वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने वाले अभियुक्त के विरूद्ध थाना चंदपा पर मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया था। तत्कालीन एसपी विनीत जायसवाल के निर्देशन का ही असर था कि थाना चंदपा पुलिस की प्रभावी पैरवी के चलते 34 दिन के भीतर ही दुष्कर्मी को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए उसके ऊपर एक लाख रूपये का जुर्माना लगाया गया था।
हाथरस के तत्कालीन एसपी विनीत जायसवाल के नेतृत्व में पुलिस की प्रभावी पैरवी के चलते 13 अक्टूबर 2020 को घर के बाहर खेल रही चार साल की बच्ची को टॉफी के बहाने ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को अदालत ने 50 दिन के भीतर दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास की सजा और 1 लाख रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया था।
विदित हो कि 23 अगस्त 2021 को थाना जंक्शन इलाके की सूजिया नहर में एक 10 वर्षीय बच्ची का शव मिला था। पुलिस ने इस वारदात का 72 घंटो में खुलासा कर आरोपी को जेल भेज दिया था। तत्कालीन एसपी विनीत जायसवाल की अगुवाई में पुलिस ने त्वरित कार्यवाही एवं फोरेंसिक साक्ष्य संकलन करते हुये गुणवत्तापूर्ण विवेचना सम्पादित कर आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित करने तथा अभियोजन की सशक्त पैरवी के फलस्वरूप घटना के मात्र साढ़े तीन महीन के अंदर न्यायालय द्वारा दस वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने वाले अभियुक्त को फांसी (मृत्युदण्ड़) तथा अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई थी। हाथरस के बाद आईपीएस अफसर का तबादला अमरोहा जनपद में पुलिस अधीक्षक के पद पर हो गया था।
7 माह की गर्भवती होने के बाद बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले पिता की घिनौनी हरकतों का खुलासा हुआ तो भाई ने अपनी छोटी बहन के साथ हुए दुष्कर्म के बाद थाने पर पिता के खिलाफ शिकायत की। हाथरस के तत्कालीन एसपी विनीत जायसवाल ने 24 घंटे के अंदर ही दुष्कर्मी को जेल भिजवा दिया था। पुलिस की प्रभावी पैरवी के चलते दुष्कर्मी को कोर्ट ने 14 दिन में सजा सुनाई थी। 14 दिन के भीतर एक बेटी को इंसाफ मिलने की वजह थी आईपीएस विनीत जायसवाल। आईपीएस विनीत जायसवाल का दुष्कर्मी को सजा दिलवाने में अहम योगदान रहा। अमरोहा के पुलिस अधीक्षक के पद से तबादला होने के बाद आईपीएस अफसर को जनपद मुजफ्फरनगर को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बना दिया गया था।
यदि मुजफ्फरनगर में अभी तक के उनके कार्यकाल की बात करें तो यूं तो एसएसपी विनीत जायसवाल ने कई दुष्कर्मियों को सजा दिलवाने में अपनी महती भूमिका निभाई है, जिसके अंतर्गत दिनांक 19 अगस्त 2017 को वादिया द्वारा थाना नई मण्डी पर शिकायत की गई थी कि उसके साथ दो अभियुक्तों द्वारा बारी-बारी से दुष्कर्म की घटना को कारित किया गया। इस घटना का मामला दर्ज कर लिया था। एसएसपी विनीत जायसवाल के निर्देशन में पुलिस की प्रभावी पैरवी के चलते दो दुष्कर्मियों को 20 साल की सजा सुनाई गई और दोनों को 30 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। इसके अलावा एसएसपी विनीत जायसवाल के निर्देशन में पुलिस द्वारा की गई प्रभावी पैरवी के चलते मंसूरपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में 8 वर्षीय बालिका को जंगल में ले जाकर उसके साथ बलात्कार करने के मामले में दोषी पाए गए अभियुक्त को अदालत ने 20 वर्ष कैद की सजा सुनाई और बलात्कारी के ऊपर 30000 रूपये का जुर्माना भी लगाया गया। एसएसपी विनीत जायसवाल का ऑपरेशन शक्ति अभियान के तहत मुसलसल दुष्कर्मियों को सजा दिलवाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।