IPS आकाश - एक्सीडेंट से असक्षम हुए सिपाही की मदद को बढ़ाए हाथ
सहारनपुर। दो सीमाओं से सटे हुए जनपद सहारनपुर की कमान संभालने वाले आईपीएस अफसर यूं तो अपने किसी न किसी मानवीय कार्य को लेकर चर्चा में रहते ही हैं। आईपीएस आकाश तोमर जिस जनपद में रहते हैं, उस जनपद की पब्लिक से 'मानवीय पुलिसिंग' के कारण वाहवाही बटोर लेते हैं। जनपद सहारनपुर में एसएसपी आकाश तोमर ने अपने विभागीय कर्तव्यों के साथ-साथ मानवीय चेहरा दिखाते हुए साल 2018 में वीवीआईपी ड्यूटी के दौरान सड़क हादसे का शिकार हुए सिपाही के इलाज में आर्थिक सहयोग देते हुए विभागीय लोगों से पीड़ित सिपाही की मदद का आह्वान किया हैै। उन्होंने पीड़ित की आर्थिक मदद के लिए सरकार को भी अपनी ओर से प्रस्ताव प्रेषित किया है। इससे पूर्व इटावा में पोस्टिंग के दौरान आकाश तोमर ने एक गरीब छात्र की मदद कर मानवीय पुलिसिंग कर दिखाई थी।
दरअसल वर्ष 2018 में पुलिस विभाग में तैनात हुए आरक्षी टिमली कुमार रिजर्व पुलिस लाइन सहारनपुर में वीवीआईपी ड्यूटी के लिए जनपद वाराणसी में साल 2018 में जाते समय दिल्ली-सहारनपुर मार्ग पर नंदपुर के सामने किसी अज्ञात गाड़ी के साथ हुई दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जो अभी तक भी ड्यूटी करने में सक्षम नहीं हो सके हैं। वीवीआईपी ड्यूटी के दौरान हुई सड़क दुर्घटना में घायल हुए आरक्षी की पारिवारिक स्थिति भी ठीक नहीं है।
सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर को जब सिपाही टिमली कुमार के सड़क दुर्घटना में घायल होने और उसकी आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बारे में पता चला तो सख्त पुलिसिंग के लिए माने जाने वाले एसएसपी आकाश तोमर ने अपना मानवीय चेहरा दिखाते हुए सिपाही की मदद के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया। उन्होंने अपने स्तर से विभागीय लोगों से कुछ धनराशि इकट्ठे कराई और अपने पास से भी सिपाही के लिए आर्थिक सहयोग दिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने शासन को भी सड़क दुर्घटना में घायल हुए सिपाही की मदद के लिए आर्थिक मदद हेतु प्रस्ताव भेजा है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने अपने पास से 10 हजार रुपये उसके एकाउंट में भेजकर अपने विभागीय लोगों से सिपाही की मदद के लिए आर्थिक सहयोग हेतु आगे आने का आह्वान किया है।
इटावा में भी कर दिखाई थी 'मानवीय पुलिसिंग'
आईपीएस आकाश तोमर को इटावा का एसएसपी रहते समय जनपद के ग्राम हरिहरपुर निवासी दीपेन्द्र ने ट्वीट कर बताया था कि सर मैं शाम के समय बाईक पर पढ़ाई करके वापिस आ रहा था। इसी दौरान मुझे पुलिस कर्मियों ने रोक लिया। बाईक की नम्बर प्लेट से नम्बर हट गया था, जिस कारण मेरे ऊपर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था। दीपेन्द्र ने ट्वीटर पर अपनी गलती तो स्वीकार किया ही, साथ ही आईपीएस आकाश तोमर से कहा कि सर मैं विद्यार्थी हूं। घर की स्थिति बहुत ज्यादा अच्छी नहीं है। मैं चालान की भारी-भरकम रकम भरने में असमर्थ हूं। कृपया सर आप मेरी मदद कीजिये। आप बहुत लोगों की मदद करते हैं, ऐसा मैंने सिर्फ सुना ही नहीं, वरन देखा भी है। मेरी भी हैल्प कीजिये सर, आपकी दया होगी। आईपीएस आकाश तोमर ने जब उक्त ट्वीट को पढ़ा, तो उन्होंने सभी के लिए एक अनूठा उदाहरण पेश किया। उन्होंने जो किया, उससे न सिर्फ दीपेन्द्र की मदद हुई, वरन वह कार्य अन्य के लिए भी प्रेरणा बन गया। आईपीएस आकाश तोमर ने दीपेन्द्र को ट्वीट किया आपको चालान कैंसिल हो गया। शुभकामनाएं।
जब उनके ट्वीटर अकाउंट पर लोगों को चालान कैंसिल होने की जानकारी मिली, तो लोग उनके इस कार्य की तारीफ कर उठे। सभी ने आईपीएस एसएसपी आकाश तोमर की कार्यप्रणाली की सराहना की। इस सराहनीय कार्य को देखकर नागरिकों ने कहा था कि अफसर होने के साथ-साथ एक अच्छे इंसान के गुण होना भी बहुत जरूरी है। शिक्षा के साथ संस्कार बहुत मायने रखते हैं, जैसे कि आकाश तोमर।